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New Delhi नई दिल्ली (zomato extended platform charges by 25 per cent food order to be expensive)ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्‍लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) से खाना मंगाना अब और महंगा हो गया है.

कंपनी ने सालभर के भीतर अपने प्‍लेटफॉर्म की फीस को दूसरी बार बढ़ाया है.

अब ग्राहक को हर ऑर्डर पर 25 फीसदी ज्‍यादा प्‍लेटफॉर्म फीस देनी होगी.

इसके अलावा कंपनी ने दो शहरों के बीच की अपनी सर्विस भी बंद कर दी है.

इस सर्विस को इंटरसिटी लीजेंड नाम से चलाया जा रहा था.

जोमैटो की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब ग्राहक को हर ऑर्डर पर 25 फीसदी (5 रुपये तक) ज्‍यादा प्‍लेटफॉर्म फीस चुकानी होगी.

इसके अलावा कंपनी ने इंटरसिटी फूड डिलीवरी की सर्विस भी बंद कर दी है.

जोमैटो अगले सप्‍ताह के अंदर अपने तिमाही परिणाम भी जारी करने वाली है.

इससे पहले अगस्‍त, 2023 में भी जोमैटो ने 2 रुपये प्‍लेटफॉर्म फीस बढ़ाई थी.

इससे पहले जनवरी में 1 रुपये से लेकर 4 रुपये तक फीस बढ़ा दी थी, जबकि दिसंबर 31 को प्‍लेटफॉर्म फीस में 9 रुपये की बढ़ोतरी की थी.

हर साल 90 करोड़ ऑर्डर

जोमैटो हर साल करीब 85 से 90 करोड़ ऑर्डर डिलीवर कर‍ता है.

जाहिर है कि फीस में 1 रुपये की बढ़ोतरी से भी कंपनी की कमाई 90 करोड़ बढ़ जाएगी.

इसका कंपनी के EBITDA पर भी असर पड़ेगा और उसका EBITDA 5 फीसदी मजबूत हो जाएगा.

हालांकि, कीमतों में हुई यह बढ़ोतरी अभी कुछ ही शहरों के लिए लागू की गई है.

इंटरसिटी डिलीवरी भी बंद

जोमैटो ने इंटरसिटी सर्विस भी बंद कर दी है.

इस सर्विस के तहत किसी अन्‍य शहर में स्थित टॉप रेस्‍तरां से दूसरे शहरों में रहने वाले ग्राहक भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं.

इसके लिए प्‍लेटफॉर्म पर लीजेंड टैब होता है. कंपनी ने फिलहाल इस सर्विस को बंद कर दिया है.

जोमैटो अपने ग्राहकों के लिए सब्‍सक्रिप्‍शन प्‍लान भी देती है, जिसमें डिलीवरी चार्ज नहीं लगता है. हालांकि, प्‍लेटफॉर्म फीस इसमें भी देनी पड़ती है.

मजबूत हो रहा कंपनी का बिजनेस

जोमैटो और उसकी सहयोगी कंपनी ब्लिंकिट का बिजनेस लगातार मजबूत होता जा रहा है.

कंपनी ने दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर बिजनेस 30 फीसदी बढ़ने की बात कही थी.

इस दौरान कंपनी का कुल रेवेन्‍यू 2,025 करोड़ रुपये था, जबकि ब्लिंकिट का रेवेन्‍यू डबल होकर 644 करोड़ रुपये पहुंच गया.

एक साल पहले दिसंबर तिमाही में जहां जोमैटो को 347 करोड़ का घाटा हुआ था, वहीं इस बार दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 138 करोड़ का शुद्ध मुनाफा लिया है.

बता दें, पिछले हफ्ते, ज़ोमैटो को 11.81 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (GST) डिमांड और पेनाल्टी का ऑर्डर मिला.

इसमें जुलाई 2017-मार्च 2021 की अवधि के लिए 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी डिमांड और 5.9 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है.

ज़ोमैटो ने स्टॉक एक्सचेंज नियामक फाइलिंग में कहा, “कंपनी को जुलाई 2017 से मार्च 2021 की अवधि के लिए गुरुग्राम स्थित केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के एडिशनल कमिश्नर की ओर से एक आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें 5,90,94,889 रुपये के जुर्माने के साथ 5,90,94,889 की जीएसटी मांग की गई है.”

इस महीने की शुरुआत में, जोमैटो ने कहा था कि उसे 2018 में जीएसटी के 4.2 करोड़ रुपये के शॉर्ट पेमेंट पर दिल्ली और कर्नाटक के टैक्स अधिकारियों से नोटिस मिला है.

कंपनी ने कहा था कि वह टैक्स डिमांड नोटिस के खिलाफ अपील करेगी.

गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में जोमैटो ने 125 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जिसमें पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 390 करोड़ रुपये का सुधार है.

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