Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (cbdt notified itr forms major changes in itr form 1) अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो यह खबर आपके काम की है.
हर साल की तरह इस साल भी आपको 31 मार्च 2025 तक की इनकम पर आयकर चुकाना होगा.
इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की तरफ से फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म 1 और 4 को नोटफाई कर दिया है.
इन फॉर्म का टैक्सपेयर्स को लंबे समय से इंतजार था. ये फॉर्म 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच की गई इनकम को सरकार को बताने के लिए इस्तेमाल होंगे.
सभी ITR-1 और ITR-4 का यूज नहीं कर सकते
इस बार सरकार की तरफ से ITR-1 में बड़ा बदलाव किया गया है.
इस फॉर्म में अब लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCGT) को शामिल किया गया है.
इसके अलावा सभी टैक्स पेयर्स ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का यूज नहीं कर सकते. इनकम के सोर्स और टाइप के आधार पर अलग-अलग फॉर्म होते हैं.
प्रत्येक फॉर्म के लिए एलिजिबिलिटी की शर्तें हैं, जिन्हें टैक्सपेयर्स को पूरा करना होता है.
अगर आपकी आमदनी और स्थिति इन शर्तों से मेल खाती है तभी आप इन फॉर्म का यूज कर सकते हैं.
ITR-1 में हुआ यह बदलाव
इस साल ITR-1 में अहम बदलाव हुआ है. पहले ITR-1 में कैपिटल गेन टैक्स (CGT) की जानकारी देने का प्रावधान नहीं था.
लेकिन अब लिस्टेड इक्विटी शेयर और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCGT) को ITR-1 में शामिल किया जा सकता है.
पहले कैपिटल गेन से आमदनी करने वाले टैक्सपेयर्स को ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल करना पड़ता था. इस बार किया गया बदलाव टैक्सपेयर्स के लिए राहत वाली बात है.
कौन फाइल कर सकेगा ITR-1?
ITR-1 फॉर्म का यूज ऐसे टैक्सपेयर्स कर सकते हैं जो सामान्य निवासी हैं और जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक है.
उनकी इनकम का सोर्स सैलरी, मकान की संपत्ति और ब्याज आदि से है.
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन सेक्शन 112A के तहत लिस्टेड इक्विटी और म्यूचुअल फंड की बिक्री से 1.25 लाख रुपये तक का गेन.
इसके अलावा कंपनी के निदेशक, नॉन-लिस्टेड इक्विटी में निवेश करने वाले और सेक्शन 194N के तहत TDS कटौती वाले ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
कौन फाइल कर सकेगा ITR-4?
सीबीडीटी (CBDT) की तरफ से फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR फॉर्म-4 को भी नोटिफाई कर दिया गया है.
यह फॉर्म ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है जो छोटे कारोबार से आमदनी करते हैं. ITR-4 का यूज करने की पात्रता की शर्तें भी तय की गई हैं.
सभी टैक्सपेयर्स इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते. इस फॉर्म का यूज कंपनी में निदेशक, नॉन-लिस्टेड शेयरों में निवेश करने वाले नहीं कर सकते.
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