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Chandigarh चंडीगढ़। (vigilance bureau arrest sad leader bikram majithia) बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के पश्चात विजिलेंस ब्यूरो ने बड़ा खुलासा किया है।

ब्यूरो के मुताबिक मजीठिया के पास से 500 करोड़ रुपये के लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं, साथ ही उनके पास से शेल कंपनियों (ऐसी कंपनियां जो केवल कागज पर होती हैं.) से डेढ सौ करोड़ के आसपास इनकम के पुख्ता सबूत मिले हैं.

मजीठीया की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने रिपोर्ट पेश की है.

जांच एजेंसी की एक रिपोर्ट में पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिअद नेता बिक्रम मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर के पास से 540 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति के मामलों का बड़ा खुलासा हुआ है.

जांच कर एसआईटी की टीम ने मीडिया को बताया कि मजीठिया ने अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग करते हुए गैरकानूनी तरीकों से बेहिसाब दौलत, संपत्ति और व्यवसायिक हित अर्जित किए है.

2012 तक बेहिसाब पैसों का कमाई

एसआईटी की रिपोर्ट कहता है कि 2007 से 2012 के बीच, मजीठिया की आय और संपत्ति में असमानुपातिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका कोई भी वैध सोर्स नहीं मिला है.

एसआईटी का दावा है कि मजीठिया द्वारा संचालित कंपनियों और शेल फर्म्स के माध्यम से नकद लेनदेन, विदेशी निवेश और बेनामी संपत्तियों की खरीद की गई, जिनका न तो इनकम टैक्स रिटर्न में उल्लेख है और न ही बैंक विवरण में.

जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना पंजाब स्टेट क्राइम में साल 2021 में दर्ज एफआईआर नंबर 02 की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) और विजीलैंस ब्यूरो द्वारा की गई जांच में बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से ड्रग मनी की बड़े स्तर पर लॉन्डरिंग का खुलासा हुआ है।

प्राथमिक जांच से पता लगा है कि इस केस में 540 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रग मनी का कई अवैध तरीकों के साथ लेन-देन किया गया, जिस में

  • बिक्रम सिंह मजीठिया के कंट्रोल वाली कंपनियों के बैंक खातों में जमा 161 करोड़ रुपए की बड़ी बेहसाबी नकदी,

  • संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के द्वारा 141 करोड़ रुपए का लेन- देन,

  • कंपनी के वित्तीय विवरणों (स्टेटमैंटों) में बिना किसी जानकारी/ स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपए की अधिक जमा राशि और

  • बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा आय के किसी जायज़ स्रोत से बिना चल/ अचल जायदाद की प्राप्ति शामिल है

इस केस में विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से हर तरह के लेन-देन की जांच की जा रही है और एस. आई. टी. द्वारा की गई जांच से स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि यह फंड बिक्रम सिंह मजीठिया के कंट्रोल वाली सराया इंडस्ट्रीज के खाते में जमा की गई ड्रग मनी से सम्बन्धित हैं।

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने आगे बताया कि अब तक ग़ैर- कानूनी ढंग के साथ 540 करोड़ रुपए की ड्रग मनी की लॉन्डरिंग बारे पता चला है,

जिसको बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से तत्कालीन पंजाब सरकार में एक विधायक के तौर पर और पूर्व कैबिनेट मंत्री के पद के प्रभाव और गलत ढंग के साथ प्रयोग के ज़रिये जमा किया गया था।

प्रवक्ता ने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया और उनकी पत्नी गिनीव कौर के नाम पर चल/ अचल जायदादों में काफ़ी विस्तार हुआ है जिसके लिए आमदन का कोई जायज़ स्रोत पेश नहीं किया गया।

22 ठिकानों पर रेड, बरामद हुआ ये सब

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता अनुसार ऐसआईटी की तरफ से 22 व्यक्तियों के ठिकानों और विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से 3 स्थानों पर तलाशी और बरामदगी की कार्यवाहियां की गई

जिसमें 30 से अधिक मोबाइल फ़ोन, 5 लैपटाप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, कई डायरियाँ, संपत्ति के कई दस्तावेज़ और सराया इंडस्ट्रीज से सम्बन्धित कई दस्तावेज़ मिले हैं।

…और भी होंगी गिरफ्तारियां

प्रवक्ता ने कहा कि बिक्रम सिंह मजीठिया को विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से कानून अनुसार उचित प्रक्रिया की पालना के अंतर्गत गिरफ़्तार किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस केस की जांच जारी है, जिसमें और गिरफ़्तारियाँ, तलाशियां और बरामदगियां होने की संभावना है।

प्रवक्ता ने कहा कि जांच को तार्किक निष्कर्ष पर लेजाने और न्यायिक फ़ैसले हेतु सभी इकठ्ठा किये सबूतों को सम्बन्धित अदालत के समक्ष रखा जायेगा और उचित प्रक्रिया की पालना की जायेगी।

इन धाराओं में हुए केस

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो ने पुलिस थाना पंजाब स्टेट क्राइम ऐसएऐस नगर में एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 25, 27- ए और 29 के अंतर्गत दर्ज एफआईआर नंबर 02 तारीख़ 20- 12- 2021 की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया है, जिसमें बिक्रम सिंह मजीठिया की तरफ से बड़े स्तर पर ड्रग मनी की लॉन्डरिंग को दर्शाते ठोस सबूत मिले हैं।

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