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New Delhi नई दिल्ली। (pahalgam terrorist attack mock drill of war 7 may 2025) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.

दोनों देशों का ये तनाव हर रोज बढ़ता जा रहा है. इस बीच भारत सरकार साफ कर चुका है कि वो पहलगाम हमले का बदला जरूर लेकर रहेगा.

इसी कड़ी में 7 मई को देश भर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल होने वाली है. मॉक ड्रिल की टाइमिंग 7 मई की रात 9 बजे के आसपास हो सकती है। पता चला है कि बुधवार को सुबह पीएम मोदी द्वारा कैबिनेट बुलाई गई है। जिसमें कई और फैसले हो सकते हैं।

गृह मंत्रालय की गाइडलाइन, मेडिकल किट और टॉर्च-कैश साथ रखें

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, नागरिकों को यह हिदायत भी दी जाएगी कि वे मेडिकल किट, राशन, टॉर्च और मोमबत्तियां अपने घरों पर रखें। इसके अलावा कैश भी साथ रखें, क्योंकि इमरजेंसी में मोबाइल और डिजिटल ट्रांजैक्शन फेल हो सकते हैं।

मोदी करेंगे देश के नाम संबोधन – फेक मैसेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात 8 बजे देश के नाम संबोधन करेंगे ऐसे मैसेज कई घण्टे से लगातार वॉयरल हो रहे हैं, लेकिन इस बारे में पीएमओ द्वारा कोई भी अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। ऐसी स्थिति में दावा किया जा रहा है कि ये फेक मैसेज वॉयरल हो रहा है।

1971 के बाद पहली ऐसी मॉक ड्रिल

1971 के बाद यह पहली ऐसी ड्रिल है. पिछले दिनों पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक सेना के तीनों अध्यक्षों के साथ मुलाकात कर चुके हैं.

यही कारण कि जम्मू-कश्मीर में भारी फोर्स की तैनाती की गई है. मॉक ड्रिल को लेकर एक लिस्ट सामने आई है.

जिसमें देश भर के 244 जिलों के नाम शामिल हैं. इन जिलों आज से ही पूरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

इस मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट रहेगा. इसका मतलब है कि हमले के समय सभी घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों की लाइटें बंद कर दी जाएंगी.

इसके साथ ही तेज आवाज में सायरन भी बजाए जाएंगे. सायरन सुनते ही लोगों को सतर्क होकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना होगा. हमले के दौरान नागरिकों को बचने की दी ट्रेनिंग जाएगी.

ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को किसी भी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है.

पंजाब के इन जिलों पर रहेगी नजर

अमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, अजनामपुर, बरनाला, भाखड़ा-नांगल, हलवारा, कोटकपूरा, बटाला, मोहाली, अबोहर, फरीदकोट, रोपड़, संगरूर

हरियाणा

अंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर

देखें पूरी लिस्ट

राज्य जिले
राजस्थान कोटा, रावत-भाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद (अजमेर), भिवरी, फुलेरा (जयपुर), नागौर (मेड़ता रोड), जालोर, बेवर (अजमेर), लालगढ़ (गंगानगर)
उत्तर प्रदेश (UP) बुलन्दशहर (नरौरा), आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी-का-तालाब, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फर नगर
हरियाणा अंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर
गुजरात सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, ककरापुर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा, वडिनार, भरूच, दंग्स, कच्छ, मेहसाना, नर्मला, नवसारी
जम्मू-कश्मीर अनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पूंछ, राजौरी, श्रीनगर, उद्यमपुर, संब, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर, पुलवामा
पंजाब अमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, अजनामपुर, बरनाला, भाखड़ा-नांगल, हलवारा, कोठकापुर, बटाला, मोहाली (सासनगर), अबोहर, फरीदपुर, रोपड़, संग्रूर
उड़ीसा तालचेर, बालासोर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर, हीराकुंड, पारादीप, राउरकेला, भद्रक, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा
बिहार बरौनी, कटिहार, पटना, पुर्णिया, बेगूसराय
असम बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपारा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, डिलियाजान, गुवाहाटी (डिसपुर), रंगिया, नामरूप, नाजिरा, नॉर्थ-लखीमपुर, नुमालीगढ़, डारंग, गोलाघाट
झारखंड बोकारो, गोमियो, गोड्डा, साहेबगंज
अरुणाचल प्रदेश इटानगर, तवांग, हायूलिंग
पश्चिम बंगाल कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, दुर्गापुर, ग्रेटर कोलकाता, हल्दिया, हाशिमारा, खरगपुर, आसनसोल, फरक्का, चितरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार इस्लामपुर, दिनहाटा, मेखलीगंज, माथाभांगा, कलिंपोंग, जलढाका, कुर्सियांग, कोलाघाट, बर्धमान, बिरभूम, पूर्व मेदनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद
मध्यप्रदेश भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी
गोवा नॉर्थ गोवा, साउथ गोवा
महाराष्ट्र मुंबई, तारापुर, ठाणे, पुणे, नासिक, पिंपरी चिंचवाड, औरंगाबाद, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग
लक्षद्वीप लक्षद्वीप
कर्नाटक बेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर
केरल कोचीन, तिरुवंतपुरम
मेघालय ईस्ट खासी हिल्स, जैंतिया हिल, वेस्ट गारो हिल्स
मणिपुर इंफाल, चुराचांदपुर, उखरूल, मोरेह, निगंथौ-खौंग
चंडीगढ़ चंडीगढ़
छत्तीसगढ़ दुर्ग (भिलाई)
दादरा और नगर हवेली दादरा (सिलवासा)
दमन और दीव दमन
पुडुचेरी पुडुचेरी
हिमाचल प्रदेश शिमला
दिल्ली नई दिल्ली और दिल्ली छावनी
अंडमान-निकोबार पोर्टब्लेयर
आंध्र प्रदेश हैदराबाद, विशाखापत्तनम
त्रिपुरा अगरतल्ला
उत्तराखंड देहरादून

क्या होता है मॉक ड्रिल? (What is Mock Drill)

मॉक ड्रिलिंग एक प्री-प्लान्ड प्रैक्टिस है, जिसमें खतरे या इमरजेंसी की स्थिति से बचने के लिए प्रैक्टिस की जाती है. इस प्रैक्टिस को करने पर यह आकलन किया जाता है कि लड़ाई, हमले या युद्ध के समय लोग कैसी प्रतिक्रिया देंगे और उन्हें किस प्रकार बचाया जा सकता है.

कई बार तो बिल्कुल असल जैसी स्थिति बनाई जाती है, जैसे- आग लगाना, आतंकी हमला या भूकंप जैसी स्थितियां पैदा करना. लोगों को उस स्थिति में सुरक्षित बचाने से लेकर राहत कार्यों को अंजाम देने की पूरी प्रैक्टिस की जाती है.

क्यों जरूरी है मॉक ड्रिलिंग?

दोनों देशों के बीच बन रहे युद्ध के आसार ये बता रहे हैं कि किसी भी समय आपात स्थिति सामने आ सकती है. इसके लिए पहले से ही सतर्क रहना बहुत जरूरी है.

मॉक ड्रिलिंग से कुछ खास बातों के बारे में पता चलता है, जिससे युद्ध की स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करके लोगों को बचाया जा सकता है.

जैसे मौजूद सेफ्टी इक्विपमेंट ठीक है या नहीं और किन चीजों में सुधार की जरूरत है. सुरक्षाकर्मी और बचाव टीम किस प्रकार या किस सामर्थ्य के साथ लोगों की जान बचा सकती है.

कैसे की जाती है मॉक ड्रिलिंग?

इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए पहले तय समय पर सायरन बजाया जाता है या फिर लोगों को चेतावनी दी जाती है.

बताया जाता है कि आग लगी है, बम की सूचना है या फिर भूकंप आया है.

उसके बाद फायर ब्रिगेड, NDRF, पुलिस और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचती हैं, सभी को जल्दी और सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जाता है.

इस पूरी प्रक्रिया से अंदाजा लगाया जाता है कि कितना समय लगा और क्या कमियां या गलतियां रहीं, जिन्हें भविष्य में बेहतर किया जा सकता है.

पूरी प्रक्रिया को उदाहरण से समझते हैं

आमतौर पर स्कूलों में भी मॉक ड्रिल होती है. स्कूल में मॉक ड्रिलिंग की जाती है तो पहले अलार्म बजता है, जिसे सुनकर बच्चे तुरंत डेस्क के नीचे छिप जाते हैं. फिर उन्हें इस प्रक्रिया के जरिए सुरक्षित बाहर निकाला जाता है.

इसी तरह ऑफिस में कर्मचारियों को इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकालने की प्रैक्टिस की जाती है.

पब्लिक प्लेस जैसे- स्टेशन या मॉल पर आतंकी हमला होता है तो फायरिंग की सूचना लोगों को दी जाती है, फिर आतंकियों को पकड़ने और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रैक्टिस की जाती है.

हाई लेवल मीटिंंग जारी

कल होने वाले मॉक ड्रिल के लिए आज (6 मई) गृह मंत्रालय में बैठक जारी है.

इसमें डीजी एनडीआरएफ, डीजी होम गार्ड, डीजी फायर पहुंचे. रेलवे और वायु सुरक्षा से जुड़े अधिकारी भी मौजूद हैं. श्रीनगर में मॉक ड्रिल के लिए SDRF ने तैयारियां शुरू की कर दी हैं.

देश में कब की गई थी मॉक ड्रिलिंग?

भारत में इससे पहले ‘भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध’ के समय मॉक ड्रिलिंग की गई थी. अब 54 साल बाद फिर पाकिस्तान के साथ बने युद्ध जैसे हालातों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने मॉक ड्रिलिंग के आदेश दिए गए हैं.

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