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अमृतसर। (smugglers property worth crores attached in border range DIG rakesh kaushal) बार्डर रेंज के अंर्तगत आते चार जिलों में अपराध पर सख्ती से शिंकजा कसा जा रहा है।

सीएम भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव के निर्देशानुसार नशा तस्करों से ड्रग बरामदगी के साथ तही उनकी प्रोपर्टी अटैच करने की की जा रही है।

इसके साथ ही पंजाब सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत बार्डर रेंज में 1371 ट्रांसफर की गई हैं।

बार्डर रेंज के डीआईजी राकेश कौशल ने बताया कि अमृतसर बॉर्डर रेंज ड्रग तस्करों की 12 करोड़ 63 लाख कीमत की संपत्तियां सीज की हैं।

पठानकोट पुलिस ने मारी बाजी, बटाला दूसरे नंबर पर

डी.आई.जी. ने बताया कि अमृतसर देहाती पुलिस ने इस दौरान 3 करोड़ 67 लाख 89 हजार वैल्यू की संपत्तियां सीज कीं।

बटाला 4 करोड़ 92 लाख 2 हजार की संपत्तियां सीज कर दूसरे स्थान पर रहा।

गुरदासपुर ने 2 करोड़ 43 लाख 46 हजार और पठानकोट पुलिस 6 करोड़ 48 लाख 1 हजार वैल्यू की संपत्तियां सीज कर बाजी मार ले गया।

पुलिस ने हैरोइन बरामदगी में तोड़ा रिकॉर्ड

पठानकोट पुलिस ने हैरोइन 8 किलो 792 ग्राम (41 गिरफ्तार), गुरदासपुर पुलिस ने 17 किलोग्राम (64) गिरफ्तार), बटाला पुलिस ने 4 किलो 993 ग्राम (115 गिरफ्तार) और देहाती पुलिस ने रिकार्ड तोड़ते हुए 94 किलोग्राम हैरोइन बरामद कर 190 लोगों को गिरफ्तार किया। गत दिवस 125.54 किलोग्राम हैरोइन बरामद हुई

बार्डर रेंज में 1371 तबादले

अमृतसर बॉर्डर रेंज के 4 जिलों के ट्रांसफर पॉलिसी के तहत 1371 तबादले किए गए हैं।

जिनमें 5 इंस्पैक्टर, 10 सब-इंस्पैक्टर, 57 ए. एस. आई., 10 हैड कांस्टेबल और 1299 कांस्टेबल (कुल 1371) शामिल हैं।

इन भारी संख्या में पुलिस के जवानों के सामूहिक तबादलों से चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग इसको आम आदमी पार्टी की चुनावी हार का मामला बता रहे हैं।

इस मामले में डी. आई. जी. कौशल ने बताया कि बदलियों का नया नियम वर्ष 2020 से चला आ रहा है।

ये बदलियां विभागीय कर्मचारियों की रूटीन में वाली तब्दीलियों के बीच हैं, इनका चुनावी जीत और हार से कोई संबंध नहीं है, जो पुलिस सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए की जा रही हैं।

ये बदलियां सी.आर.पी.एफ., बी. एस. एफ., सुरक्षा सेना सहित सभी बलों में होती हैं।

उन्होंने बताया कि किसी भी थाने में कोई भी अधिकारी 3 साल से अधिक नहीं रह सकता, जबकि जिले भर में इसकी अवधि 8 साल तक है।

इसके बाद उसे बदलना होगा, लेकिन जिले में कांस्टेबल अथवा हैड कांस्टेबल 15 साल तक रह सकता है।

अधिकारी के लिए एक रेंज में 12 वर्ष तक रहने का प्रावधान है। इसी प्रकार रेंज के अंदर कांस्टेबल की स्थिरता की अवधि 20 साल है।

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