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शिमला। (shimla landslide due to heavy rains devotees stranded in shiv temple) हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी बारिश से सुबह के वक्त एक मंदिर ढह गया।

शिमला के उपनगर बालूगंज के साथ लगते शिव बावड़ी मंदिर में 7.30 बजे लैंडस्लाइड से मंदिर में 50 श्रद्धालुओं के दबे होने की आशंका है।

मौके पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो गया है। इन दिनों सावन का महीना है। ऐसे लोग सुबह-सुबह मंदिर में पूजा के लिए आए थे। हादसे में 9 लोगों की मौत की सूचना है।

उधर, सोलन जिले के ममलीग की जडोंण भी बादल फटने से लैंडस्लाइड के बाद दो घर क्षतिग्रस्त हो गए। इसमे चपेट में सात लोग आए। तीन के शव बरामद कर दिए गए है।

मंडी और सिरमौर जिले में आधा दर्जन लोगों के जगह-जगह मलबे में दबे होने की सूचना है।

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट कर कहा कि शिमला से दुखद खबर सामने आई है, जहां भारी बारिश के कारण समर हिल में शिव मंदिर ढह गया.

अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं. स्थानीय प्रशासन मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए मलबे को हटाने के लिए तत्परता से काम कर रहा है

मंडी के सात मील के पास भी बादल फटने से एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों व कुछ घरों को नुकसान हुआ है।

प्रदेश में पिछले तीन दिन से हो रही भारी भारी बारिश जबरदस्त तबाही हुई है।

मंडी, सिरमौर, शिमला, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन में भी जगह-जगह जलभराव, लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से कई घर खतरे की जद में आ गए।

शिमला के शिव बावड़ी मंदिर में लैंडस्लाइड होने के बाद जारी रेस्क्यू ऑपरेशन। - Dainik Bhaskar
NH समेत 800 से ज्यादा सड़कें बंद

प्रदेशभर में कालका-शिमला, चंडीगढ़-मनाली, शिमला-धर्मशाला, पांवटा-शिलाई NH सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हैं।

इससे 2000 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं ठप होने से लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। सड़क, बिजली, पानी के बगैर यहां के लोगों के समक्ष ‘पहाड़’ जैसी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

इस बीच मौसम विभाग ने अगले तीन-चार घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

खासकर ब्यास, पौंग डैम, रंजीत सागर और सतलुज नदी के कैचमेंट एरिया में बादल फटने जैसी घटनाओं से भारी तबाही की चेतावनी दी गई है।

इसी तरह 9 जिले में कल तक फ्लैश फ्लड की भी चेतावनी दी गई है।

हिमाचल की छोटी काशी मंडी में ब्यास में जलमग्न हुआ पंचवक्त्र मंदिर।

प्रदेशभर के शिक्षण संस्थानों में छुटि्टयां

प्रदेश में भारी बारिश से उपजे हालात के बीच CM सुखविंदर सुक्खू ने देर शाम सभी जिलों के DC के साथ वर्चुअली मीटिंग की।

इसके बाद उन्होंने सभी स्कूल-कॉलेज, ITI, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक व फार्मेसी कॉलेजों में आज छुट्टियां घोषित की। इसी तरह प्रदेश विश्वविद्यालय ने भी PG और बीएड की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से उफनते हुए नदी-नालों व लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में नहीं जाने तथा सावधानी बरतने की अपील की है।

आसमान से बरस रही आफत से न केवल इंसान बल्कि मवेशी भी फ्लैश फ्लड में तिनके की तरह बह रहे हैं।

वहीं मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के बीच पुलिस मुख्यालय ने आपदा को देखते हुए कंट्रोल रूम स्थापित किया है।

राहत एवं बचाव कार्य के लिए लोग 112 नंबर पर फोन कर आपदा संबंधित सूचना दे सकेंगे।

सैकड़ों घर, कस्बे और खेत जलमग्न

प्रदेश में सैकड़ों घर, कई कस्बे और किसानों की हजारों बीघा उपजाऊ जमीन जलमग्न हो गई है।

इससे दो दिन में ही करोड़ों रुपए का नुकसान सरकारी व निजी संपत्ति को हो चुका है। कई जगह गाड़ियां पानी के तेज बहाव में तिनके की तरह बह रही है।

पिछले दो दिनों में 30 से ज्यादा घर पूरी तरह और 180 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए है।

इस दौरान लगभग 140 गौशालाएं, दुकानें व घ्राट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। आसमान से बरस रही आफत से पहाड़ों की जनता सहम गई है।

सिरमौर में फंसे स्कूली बच्चे

सिरमौर के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद 50 से अधिक घरों में मलबा घुस गया।

सिरमौर जिले में ब्लॉक स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता सैनवाला से वापस लौट रहे करीब 40 छात्र-छात्राएं भी कंडइवाला में सड़क क्षतिग्रस्त होने से फंस गए थे।

इन्हें ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। नाहन में भारी बारिश के साथ मलबे की चपेट में आने से एक महिला के लापता होने की सूचना है।

पेयजल योजनाएं प्रभावित

नदी-नालों के उफान पर होने से 400 से ज्यादा पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है।

जहां पेयजल योजनाएं चल रही हैं, उनमें ज्यादा गाद के कारण पानी पीने योग्य नहीं है।

लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने से बिजली के पोल व तारों को भी भारी नुकसान हुआ है। इससे सैकड़ों परिवारों की बीती रात अंधेरे में गुजरी।

257 की जा चुकी जान

प्रदेश में चालू मानसून सीजन के दौरान 257 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 290 व्यक्ति घायल हुए हैं।

लैंडस्लाइड व फ्लैश फ्लड की चपेट में आने के बाद 32 लोग लापता चल रहे हैं।

प्रदेश में अब तक अब तक 1376 घर ढह चुके हैं, जबकि 7935 घरों को नुकसान पहुंचा है।

इनमें कई घर ऐसे है, जिन्हें खाली करवा दिया गया है।

वहीं 270 दुकानों, 216 लैबर शैड और 2727 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है।

7021 करोड़ की संपत्ति तबाह

मानसून में अब तक 7021 रुपए की सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति तबाह हो चुकी है।

अकेले जल शक्ति विभाग को 1668.68 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 2248.69 करोड़, बिजली बोर्ड को 1505.73 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।

 

 

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