Prabhat Times
Amritsar अमृतसर। (sgpc president harjinder dhami resigns shiromani gurdwara parbandhak committee) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
धामी ने इसके पीछे का कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट को बताया। जिसे उन्होंने श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं समाप्त करने के बाद लिखा।
फिलहाल ज्ञानी रघबीर सिंह विदेश में हैं और उन्होंने एसजीपीसी के फैसले के बाद 13 फरवरी को पोस्ट शेयर की थी। रिजाइन से पहले प्रधान धामी ने उस पोस्ट की लाइनों को भी पढ़ा और कहा कि पोस्ट से जाहिर होता है कि ज्ञानी रघबीर सिंह उन्हें ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण बता रहे हैं।
धामी ने कहा कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटा सभी को बोलने का समय दिया गया था। ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। समय गंभीर चल रहा है। सरकारों ने सीधे तौर पर प्रयास किए कि इन संस्थाओं को कैसे कमजोर किया जाए।
अब पढ़िए जत्थेदार ने पोस्ट में क्या लिखा…
पोस्ट में क्या लिखा था… पिछले दिनों जिस तरह की घटनाएं घटित हो रही हैं, मैं उन्हें हर पहलू से गंभीरता से देख रहा हूं। इन हालातों से मेरा मन अत्यंत दुखी है। तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाने का कारण और तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं है।
2 दिसंबर 2024 को श्री अकाल तख्त साहिब से पंथक भावनाओं और परंपराओं के अनुरूप लिए गए फैसलों के बाद ही ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सिंह साहिबान के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से माहौल बनाया जा रहा है।
सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ 18 साल पुराने पारिवारिक मामले को गलत रूप देकर मीडिया ट्रायल चलाया गया। इस संबंध में बतौर जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, मैंने शिरोमणि कमेटी द्वारा जांच समिति गठित करने के समय भी कहा था कि यह सही नहीं है।
यदि किसी भी तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब के खिलाप किसी प्रकार के आरोपों की जांच की आवश्यकता हो, तो यह केवल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ही कराई जा सकती है।
सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को फिर भी पद से सेवामुक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह जत्थेदार साहिबान को अपमानित कर सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय कृत्य है।
एक बार फिर मैं अपने अंतःकरण से कहना चाहता हूँ कि सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सेवामुक्त करना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है, जो कि तख्त साहिबानों की स्वतंत्रता और अस्तित्व को भी नुकसान पहुंचाने वाला कदम है। गुरु राखा…
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