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Chandigarh चंडीगढ़। (gang cheating on work from home jobs arrested police) पंजाब पुलिस ने इंटरनेशनल ऑनलाइन जॉब फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश कर 4 आरोपियों को अरेस्ट किया है।

गिरोह टेलीग्राम मोबाइल ऐप पर ग्रुप बनाकर ‘‘वर्क फ्रॉम होम’’ नौकरियों का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगता था।

आरोपियों की पहचान जहीरुल इस्लाम, रफीउल इस्लाम, महबूब आलम और अज़ीज़ुर रहमान के रूप में हुई है। इन्हें असम से काबू किया है।

आरोपियों पर स्टेट साइबर क्राइम ब्रांच मोहाली में आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने अब तक 23 राज्यों के 160 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।

ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार

इस गिरोह के मेंबर पहले लोगों को छोटे-मोटे काम करने के बदले छोटी-मोटी रकम अदा करते थे।

बाद में,उनको रकम को दोगुना करने लालच देकर अलग- अलग तरह के बहानों से पैसे ठगते थे।

पुलिस टीमों ने आरोपियों से दो स्वाइप मशीनें, दो बायोमेट्रिक स्कैनर, एक आई स्कैनर, एक फिंगर प्रिंट स्कैनर, 38 पैन कार्ड, 32 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 16 सिम कार्ड, 10 वोटर कार्ड, 9 आधार कार्ड, 10 बैंक खातों की पासबुक/चेकबुक, पांच सरकारी रसीदी टिकट, पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, दो पेन ड्राइव और एक एसबीआई आईडी कार्ड बरामद किया है।

इस शिकायत से खुली गिरोह की पोल

एडीजीपी साइबर क्राइम वी नीरजा ने बताया कि ठगों ने 25 लाख रुपए की ठगी एक महिला से की थी।

इसके बाद कमेटी बनाकर जांच शुरू हुई। मामले की जांच की पाया गया कि यह गिरोह असम के अलग-अलग जिलों से चलाया जा रहा था।

ऑपरेशन के दौरान आरोपी जहीरुल इस्लाम और रफीउल इस्लाम को असम के नगांव जिले से काबू किया किया गया।

खुलासा हुआ कि वह ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कस्टमर सर्विसेज प्वाइंट (सीएसपी) चला रहे थे

जिसके ज़रिए आसानी से पैसे कमाने के लिए वह आम लोगों के दस्तावेजों के फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके डुप्लीकेट पैन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनाते थे

इन दस्तावेजों का प्रयोग उन्होंने बैंक खाते खोलने और एक अन्य दोषी महबूब आलम के निर्देशों पर सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया था।

क्रिप्टो करेंसी से भी करते है खेल

फिर महबूब आलम को गुवाहाटी जि़ले से गिरफ्तार किया गया। उसने खुलासा किया कि वह अजीज़ुर रहमान के संपर्क में आया था, जिसने उसे कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया करवाने के लिए कहा था।

पुलिस टीमों ने असम के मोरीगांव जिले से मुलजिम अजीज़ुर रहमान को भी गिरफ्तार कर लिया है।

प्राथमिक जांच से यह भी पता लगा है कि मुख्य सरगना, जो विदेशों से इस धोखाधड़ी के गिरोह को चला रहे हैं, क्रिप्टो करेंसी में पैसे प्राप्त कर रहे थे।

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