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Chandigarh चंडीगढ़। (farmer protest updates police remove farmers from shambhu khanauri) शंभू और खिनौरी बार्डर के रास्ते खोल दिए गए हैं। पंजाब पुलिस द्वारा बीती रात अपनी हदों से किसानो और बेरिकेडिंग हटाने के बाद रातो रात हरियाणा पुलिस द्वारा भी हाईवे पर कंकरीट की दीवारें इत्यादि बुलडोज़र से हटा दी गई हैं।

हाईवे रिपेयर का काम चल रहा है। स्पष्ट है कि आज हाईवे पर रिपेयर के बाद आम पब्लिक के लिए दिल्ली का रास्ता खोल दिया जाएगा। माहौल पुरी तरह से शांतमय बना हुआ है।

किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ गांव लौट रहे हैं. खनौरी बॉर्डर पर पुलिस की जारी कार्रवाई के बीच बॉर्डर पर मौजूद किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ वापस अपने गांव लौट रहे हैं.

उधर बीती देर रात पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पटियाला के बहादुरगढ़ किला से जालंधर के पिम्स अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल में जांच के बाद किसान नेता को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया है।

उधर शंभू बार्डर पर रास्ता लगभग साफ हो चुका है। पंजाब और हरियाणा की पुलिस और स्टाफ द्वारा रास्ते साफ करवाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोशिश है कि आज ही हाईवे क्लीयर करके आवाजाई शुरू करवा दी जाए।

हरियाणा पुलिस द्वारा हटाए जा रहे बेरिकेड

हरियाणा पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर किसानों की आवाजाही को रोकने के लिए लगाए गए कंक्रीट के बैरिकेड्स को बुलडोजर से हटा दिया, जहां वे विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे.

 

IAS, IPS अधिकारी मीटिंग और एक्शन

सूत्रों के मुताबिक टकराव से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने 72 घंटे पहले ही योजना बना ली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जगह खाली कराने व रिपोर्ट सब्मिट करने के निर्देश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को हर हाल में टकराव रोकने के आदेश दिए थे। किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी। बड़े कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।

इसी के चलते जब केंद्र के साथ बैठक का समय तय हो गया तो पुलिस ने 72 घंटे पहले ही टकराव रोकने की योजना बना ली। इस गुप्त बैठक में 2 IAS अधिकारी और 4 IPS अधिकारी शामिल हुए। योजना के तहत कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए। टकराव की आशंका को देखते हुए शंभू व खनौरी बॉर्डर से चंडीगढ़ में बैठक के लिए पहुंचे किसान नेता पंधेर और डल्लेवाल समेत अन्य को हिरासत में ले लिया गया।

आदेश यही थे कि जैसे ही नेता मोहाली में प्रवेश करें, उन्हें हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशनों में नहीं, बल्कि बड़े ट्रेनिंग सेंटर में रखने के निर्देश थे। अगर कार्रवाई के समय खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़े किसान नेता मौजूद होते तो खूनी झड़प हो सकती थी। ऐसे में योजना यही थी कि जब पंधेर और डल्लेवाल मोर्चे से दूर होंगे, तभी कार्रवाई की जाए।

18 व 19 फरवरी की रात करीब 1 बजे तक संगरूर समेत अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में बल तैनात कर दिया गया। मोबाइल नेटवर्क भी बंद किए गए। चंडीगढ़ में केंद्र के साथ बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को लागू करने में जुटी थीं। तड़के 4 बजे किसान नेताओं को इसकी भनक लग चुकी थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे।

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