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Jalandhar जालंधर। (transport dept cancels rcs of 3802 vehicles) पंजाब के ट्रांसपोर्ट विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच के पश्चात विभाग द्वारा राज्य में 3802 वाहनों की रजिस्ट्रेशन (आरसी) रद्द कर दी गई हैं।

खुलासा हुआ है कि सरकार द्वारा बंद किए गए बीएस-4 व्हीकल की रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी, क्लर्क तथा एजेंटो की मिलीभगत करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर दी गई।

विभाग द्वारा 3802 वाहनों की आरसी रद्द करने के साथ ही निर्देश दिए गए है कि इन वाहनों को ढूंढ कर ज़ब्त किए जाएं तथा इस मामले में संलिप्त अधिकारियों, एजैंटो पर कार्रवाई की जाए।

बता दें कि  पंजाब परिवहन विभाग ने राज्य भर के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों (आरटीए) और उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) द्वारा 1 अप्रैल, 2020 के बाद धोखाधड़ी से रजिस्टर्ड की गई 3,802 बीएस-IV वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (आरसी) रद्द कर दिए हैं।

इनमें से ज़्यादातर वाहन दोपहिया वाहन हैं, इसके अलावा कुछ हाई-एंड एसयूवी भी हैं। सूत्रों ने बताया कि विभाग द्वारा ऐसे वाहनों को ज़ब्त करने के लिए पुलिस को लिखा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर संबंधित एजेंसियों के साथ साझा किए गए हैं। विभाग की जांच में पता चला है कि वाहन मालिकों, कंपनी डीलरों के अलावा क्लर्क, सहायक, आरटीए/एसडीएम कार्यालयों के अकाउंटेंट और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने इन वाहनों को पंजीकृत करते समय इंजन और चेसिस नंबर के अलावा अन्य विवरणों में हेराफेरी की थी।

सूत्रों ने बताया कि विभाग ने शुरू में ऐसे वाहनों की संख्या 5,706 बताई थी, लेकिन गहन जांच के बाद यह संख्या संशोधित कर 3,802 कर दी गई।

विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर बीएस-4 वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन की जांच के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को विस्तृत जवाब सौंपा है।

दूसरे राज्यों से लाए गए कुछ वाहन भी राज्य में रजिस्टर्ड किए गए। सरकार ने हाल ही में बीएस-4 वाहनों को फर्जी तरीके से कट-ऑफ तिथि के बाद रजिस्ट्र करने में कथित भूमिका के लिए पीसीएस के 13 अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करने का फैसला किया था।

मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों समेत आठ विभागीय अधिकारियों के नाम भी सामने आए। तीन विभागीय जांच के बाद दो वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हटा दिए गए और अब छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

सूत्रों ने बताया कि मामले में वरिष्ठ आईएएस/पीसीएस अधिकारियों और कुछ विभागीय अधिकारियों की भूमिका सामने आने पर जांच पंजाब सतर्कता ब्यूरो से वापस लेकर परिवहन विभाग को दे दी गई।

मार्च 2020 में कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के कारण रजिस्टर न हो पाने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 31 मार्च, 2020 से पहले बेचे गए बीएस-4 वाहनों के रजिस्टर की अनुमति दी थी।

लेकिन अधिकारियों ने कथित तौर पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कट-ऑफ तिथि के बाद कई वाहनों का पंजीकरण किया।

परिवहन विभाग के अधिकारी, क्लर्क और एजैंटो की मिलीभगत का पर्दाफाश

बीएस-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन मामले का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों के साथ साथ दफ्तरी क्लर्क और एजेंटो में हड़कंप मचा हुआ है। खुलासा हुआ है कि कार डीलरों द्वारा एजेंटो के माध्यम से आरटीए दफ्तरों के क्लर्कों अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके ये धांधली की और मोटी कमाई की।

इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद विभाग द्वारा अपने अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है साथ ही विजीलेंस अधिकारियों द्वारा भी रद्द की गई आरसी की डिटेल लेकर वाहन मालिकों को संपर्क किया जा रहा है। वाहन मालिकों के ज़रिए विजिलेंस के हाथ एजेंटो और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों तक पहुंचेंगे।

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