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New Delhi नई दिल्ली(britain new visa immigration policy) ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने देश में अप्रवासियों की संख्या को कम करने के लिए सोमवार को सख्त कदमों की घोषणा की है.

ब्रिटेन सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने परिवारों को देश में लाने पर रोक लगाई है, जब तक कि वे पोस्टग्रेजुएट रिसर्च डिग्री हासिल नहीं कर लेते हैं.

इसके साथ ही कुशल विदेशी कामगारों को अब देश में काम करने के लिए वीजा चाहिए तो उन्हें न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करनी होगी.

ब्रिटेन ने अपने वीजा नियमों में बदलाव किया है.

इसका असर तो वैसे सभी देशों पर पड़ेगा लेकिन भारत जहां से बड़े पैमाने पर पढ़ाई, नौकरी और हेल्थ सेक्टर में काम करने के लिए लोग ब्रिटेन जाते हैं, वह इससे खासा प्रभावित हो सकता है. ब्रिटेन में नए नियम अगले साल 2024 से प्रभावी होंगे.

फैसला ब्रिटेन में हुआ है लेकिन उसकी गूंज कई देशों में सुनाई पड़ रही है. खासकर भारत में ब्रिटिश सरकार के फैसले की चर्चा है.

सुनक ने एक्स पर दी जानकारी

पीएम सुनक ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘आव्रजन बहुत अधिक है. आज हम इसे कम करने के लिए रेडिकल एक्शन ले रहे हैं. यह कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि आप्रवासन से हमेशा ब्रिटेन को फायदा हो.’

उन्होंने पोस्ट किया, आव्रजन कार्रवाई, विदेशी छात्रों को अपने परिवारों को यूके में लाने पर प्रतिबंध लगाना, जब तक कि वे पोस्टग्रेजुएट रिसर्च डिग्री न हों, ब्रिटिश कामगारों को कम वेतन देने वाले आप्रवासन को रोकना, कमी वाले व्यवसायों के लिए दी जाने वाली 20 फीसदी की दर से वेतन छूट को समाप्त करना.’

ऋषि सुनक की हुकूमत ने ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या को कम करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं.

इसमें सबसे अहम है कि ब्रिटेन आने वाले शख्स को अब से अपने परिवार के सदस्यों को वहां ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

इस पर रोक के अलावा सरकार ने जो स्किल यानी कौशल वाले काम हैं, उसकी अधिकतम सैलरी तय कर दी है.

पिछले हफ्ते ही आई एक रिपोर्ट यह बताती है कि ब्रिटेन आने वाले कुशल कामगारों में भारतीय लोगों का दबदबा रहा है.

इन कामगारों के अलावा मेडिकल के क्षेत्र में काम करने वाले और बहुत से छात्रों ने पिछले साल ब्रिटेन की वीजा बड़े पैमाने पर ली.

भारतीय अलग-अलग कैटेगरी में ब्रिटेन के लिए वीजा अप्लाई करने वालों में पिछले साल टॉप पर थे. छात्रों की वीजा कैटेगरी में तो भारतीयों की सबसे अधिक हिस्सेदारी रही.

भारतीय छात्र अधिकतर नए पोस्ट ग्रजुएट वीजा रूट के जरिये ब्रिटेन जा रहे हैं.

इस व्यवस्था के तरत जो ग्रांट दिए जाते हैं, पिछले साल उसका तकरीबव 43 फीसदी लाभ भारतीयों ने उठाया.

कितने भारतीयों ने वीजा के लिए अप्लाई किया

कुशल कामगारों की संख्या में पिछले साल ब्रिटेन में करीब 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.

वहीं स्वास्थ्य और देखभाल वाले वीजा के तहत दोगुनी से भी अधिक बढ़ोतरी ब्रिटेन में पिछले साल दर्ज की गई.

ब्रिटेन में सबसे अधिक लोग जिन्होंने पिछले साल वीजा के लिए अप्लाई किया, वह भारत, नाइजीरिया और जिंबाब्वे के थे.

पिछले साल 1 लाख 34 हजार के करीब भारतीय छात्रों को वीजा ग्रांट दिए गए थे. पर्यटन के लिए भी जो वीजा अप्लाई किये जाते हैं, उसमें भारतीयों का अनुपात सबसे अधिक रहा.

27 प्रतिशत भारतीयों ने पर्यटक के तौर पर ब्रिटेन के वीजा के लिए अप्लाई किया जो पड़ोसी चीन से भी अधिक था.

ऋषि सुनक सरकार पर है दबाव

ब्रिटेन में जो नए नियम बदले हैं, वह अगले साल 2024 से प्रभावी होंगे. नए इमिग्रेशन नियमों को लेकर ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि इससे हर साल ब्रिटेन आने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी.

गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने इस फैसले की घोषणा की और कहा कि ब्रिटेन ऑथराइज्ड इमिग्रेशन को कम करने के लिए मजबूत से कार्रवाई कर रहा है.

ऋषि सुनक की सरकार पर पहले ही से इमिग्रेशन कम करने को लेकर अतिरिक्त दबाव था.

ब्रिटेन के इस फैसले की कई हलकों में आलोचना भी हो रही है. कहा जा रहा है कि इससे ब्रिटेन आने वाले स्किल्ड लोगों की संख्या में कमी आ जाएगी.

 

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