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New Delhi नई दिल्ली। (after us britain also started action against illegal immigrants) अमेरिका के बाद ब्रिटेन ने भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती बरतना शुरू कर दी है.

हाल ही में ब्रिटिश गृह मंत्री वेटे कूपर ने बताया कि हमारी सरकार के आने के बाद देश से अब तक 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया गया है.

बता दें कि अमेरिकी की सत्ता में लौटने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप ने सबसे पहले अवैध प्रवासियों पर सख्ती बरती और उन्हें देश से बाहर करना शुरू कर दिया. ये सिलसिला अभी भी जारी है.

अमेरिकी पुलिस और सुरक्षा बल देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को ढूंढ-ढूंकर बाहर निकाल रहे हैं.

ब्रिटेन से निकाले गए 19 हजार अवैध प्रवासी

बता दें कि ब्रिटेन में फिलहाल लेबर पार्टी की सरकार है. जिसने ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहे या काम कर रहे लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है.

देश में लेबर पार्टी की सत्ता आने के बाद बीते साल जुलाई से लेकर अब तक 19 हजार अवैध प्रवासियों और अपराधियों को ब्रिटेन से बाहर निकाला जा चुका है.

अवैध प्रवासियों के खिलाफ की जा रही छापेमारी

ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सरकार ने भी देश में अवैध रूप से काम करने वालों के खिलाफ छापेमारी शूरू कर दी है. जिससे भारतीयों की भी परेशानी बढ़ गई है.

क्योंकि ब्रिटिश अधिकारी भारतीय रेस्टोरेंट के अलावा नेल बार, सुविधा स्टोर और कार वॉश की दुकानों में छापेमारी कर रहे हैं.

इन्ही जगहों पर प्रवासी कर्मचारी काम करते हैं. ब्रिटिश गृह सचिव की निगरानी में की गई इस कार्रवाई के तहत जनवरी में 828 परिसरों में छापेमारी की गई थी. जहां से 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

भारतीय रेस्टोरेंट्स में भी की जा रही छापेमारी

ब्रिटेन के गृह सचिव के कार्यालय के मुताबिक, उनकी टीम अवैध रूप से काम करने वालों की खूफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है.

गृह सचिव कार्यालय ने कहा कि बीते माह की गई कार्रवाई के दौरान रेस्टोरेंट, टेकअवे और कैफे के साथ-साथ खाद्य, पेय और तंबाकू उद्योग वाले स्थानों पर छापेमारी की गई.

उन्होंने बताया कि, इस दौरान हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्टोरेंट से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. जबकि चार लोगों को हिरासत में लिया गया.

ब्रिटिश गृह सचिव कूपर का कहना है कि आव्रजन के नियमों के सम्मान के साथ उन्हें लागू भी किया जाना चाहिए. करना चाहिए और उन्हें लागू भी किया जाना चाहिए.

स्टार्मर पर दबाव

चुनाव जीतने के बाद से ही ब्रिटिश पीएम स्टार्मर पर विपक्ष की ओर से ये साबित करने का दबाव है कि उनकी सरकार अवैध प्रवासियों पर सख्त है.

यही वजह है कि सरकार लोगों को डिपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है.

उन्होंने 4 फ्लाइट्स में 800 से अधिक लोगों को डिपोर्ट किया है, जो ब्रिटेन के इतिहास में एक बार में हुआ सबसे बड़ा डिपोर्टेशन है.

लेबर पार्टी के सरकार में आने के बाद से अबतक लगभग 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया जा चुका है.

बॉर्डर सुरक्षा कानून

ये छापेमारी ऐसे समय में की जा रही है, जब लेबर पार्टी द्वारा लाया गया ‘Asylum and Immigration Bill’ दूसरी बार संसद में पढ़ने के लिए भेजा गया है.

बकौल लेबर पार्टी, इस नए कानून का उद्देश्य ‘क्रिमिनल गिरोहों का सफाया’ करना है. पीएम स्टार्मर का कहना है कि ये गैंग्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

अपने क्रिमिनल नेटवर्क्स का इस्तेमाल कर के ये गैंग्स अवैध रूप से लोगों को देश में घुसाते हैं.

सरकार द्वार नए कानून में लॉ एनफ़ोर्समेंट एजेंसियों को अतिरिक्त पावर दी गई है.

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इससे आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई में एजेंसियां अधिक प्रभावी साबित होंगी.

नए कानून के तहत एजेंसियों को गिरफ़्तारी से पहले संदिग्धों के मोबाइल फोन जब्त करने की पावर मिलेगी.

वहीं ब्रिटेन की विपक्षी, कंजर्वेटिव पार्टी ने इसे एक कमजोर बिल करार दिया है. उनके मुताबिक इससे देश में आ रहे अवैध प्रवासियों पर रोक नहीं लग पाएगी.

सरकार को अवैध प्रवासियों को रोकने और उन्हें परमानेंट रेजिडेंसी न मिले, इसे लेकर और कड़े प्रावधान करने चाहिए.

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