Prabhat Times

Tarntaran तरनतारन। (ec orders transfer tarn taran dc gulpreet aulakh) पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई।

उधर, पंचायत चुनाव से पहले स्टेट इलैक्शन कमिशन ने तरन तारन के डिप्टी कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख का तबादला करने के आदेश दिए हैं।

राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने द्वारा ये आदेश जारी किए गए हैं।

चुनाव आयोग ने सरकार को लिखित निर्देश भेजा है। गुलप्रीत सिंह औलख 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह कमिश्नर नगर निगम अमृतसर के पद पर कार्यरत थे।

3 दिन पहले संभाला था पदभार

बता दें कि तरन तारन के डीसी के तौर पर गुलप्रीत सिंह औलख ने 3 दिन पहले ही बतौर डिप्टी कमिश्नर पदभार संभाला था।

बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी पर जिले की एक खास पंचायत में आरक्षण में बदलाव को मंजूरी देने का आरोप है।

इसी के चलते उनका तबादला किया गया है। औलख ने संदीप कुमार की जगह ली है।

बता दें कि राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर पर किए गए फेरबदल के दौरान औलख का तबादला अमृतसर नगर निगम से तरन तारन में किया गया था।

बीते दिन जिला प्रशासनिक परिसर तरन तारन पहुंचने पर उन्हें पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।

NOC की जगह सेल्फ एफिडेविट पर भी लड़ सकेंगे प्रत्याशी

पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई।

प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से पहले एरिया बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) या नो ड्यू सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना जरूरी होता है।

इस बार चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने बताया कि अगर किसी कारण से प्रत्याशी एनओसी नहीं ले पाता है तो वह सेल्फ एफिडेविट देकर भी नामांकन पत्र भर पाएगा।

इससे उसका नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि अकसर पंचायत चुनाव में नामांकन के साथ एनओसी सर्टिफिकेट संलग्न न होने की वजह से नामांकन रद्द कर दिए जाते थे।

राज कमल चौधरी ने बताया कि प्रत्याशी को एफिडेविट में बताना होगा कि जिस ग्राम पंचायत के चुनाव में वह प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने जा रहा है या प्रदेश की अन्य किसी पंचायत का उस पर कोई टैक्स या फीस के रूप में कोई धन राशि बकाया तो नहीं है।

इसके अलावा यह घोषणा करनी होगी कि वह पंजाब स्टेट इलेक्शन कमीशन एक्ट-1994 के सेक्शन-11 के तहत पंचायत की किसी भी संपत्ति या जमीन पर काबिज या उस संपत्ति का लाभ नहीं उठा रहा है।

दरअसल अभी तक प्रत्याशी को इसके लिए अपने बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से इन नियमों के तहत एनओसी लेना अनिवार्य था। एनओसी लेने की प्रक्रिया में कई बार देरी होने के कारण बिना नॉमिनेशन रद्द कर दिए जाते थे।

नतीजों के बाद एफिडेविट गलत पाए जाने पर चुनाव होंगे रद्द

चौधरी ने बताया कि नामांकन दाखिल करते समय प्रत्याशी जो एफिडेविट देंगे, वह रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से संबंधित पंचायत और अथॉरिटी को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा।

अगर 24 घंटे के अंदर वेरिफिकेशन रिपोर्ट आ जाती है तो ठीक, नहीं तो एफिडेविट के आधार पर ही नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा।

अगर प्रत्याशी जीत जाता है और बाद में उसका एफिडेविट गलत पाया जाता है तो उस पंचायत का परिणाम रद्द कर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे।

23 आईएएस व पीसीएस अफसर लगेंगे ऑब्जर्वर

चौधरी ने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए 23 आईएएस और पीसीएस अफसरों को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा।

सरपंच और हर वार्ड में खड़े हुए पंचों के मतदान के लिए ग्राउंड लेवल पर 96 हजार सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

 

——————————————————————

खबरें ये भी हैं…

————————————————————–

 Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Join Whatsapp Link for Latest News

प्रभात टाइम्स व्हाटसएप्प चैनल जॉइन करें।

Join Prabhat Times Whatsapp Channel


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1