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जालंधर। (Punjabi singer Surinder shinda death) मशहूर पंजाबी सिंगर सुरिंदर छिंदा का निधन हो गया है. वे पिछले दिनों से बीमार थे.

सुरिंदर छिंदा ने आखिरी सांस सुबह 6.30 बजे डीएमसी अस्पताल लुधियाना में ली.

कुछ दिन पहले उन्होंने अस्पताल में एक ऑपरेशन करवाया था, जिसके बाद शरीर में इन्फेक्शन बढ़ गया था।

शिंदा कई दिन दीप अस्पताल में भी वेंटिलेटर पर रहे। इसके बाद उनकी बिगड़ती हालत के कारण उन्हें DMC शिफ्ट कर दिया गया था।

शिंदा का कुछ दिन पहले औरीसन अस्पताल में मामूली-सा ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद अचानक इन्फेक्शन बढ़ गया था।

इस कारण उन्हें सांस लेने आदि में दिक्कत आ रही थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

4 वर्ष की आयु में शिंदा संगीत सिखने लगे

शिंदा 4 वर्ष की आयु में ही संगीत सिखने लगे थे। संगीत उन्हें विरासत में लगा।

घर का माहौल ही कुछ ऐसा था कि गायकी उनके रोम-रोम में बस गई।

शिंदा का जन्म 20 मई 1953 को हुआ को पिता बचन राम और माता विदेवती के घर गांव छोटी इयाली में हु्आ।

उनका असली नाम सुरिंदर पाल धम्मी है। शिंदा को गायकी सिखाने वाले उनके उस्ताद मिस्तारी बचन राम रहे है।

वह अपने पीछे पत्नी जोगिंदर कौर और बेटे मनिंदर शिंदा, सिमरन शिंदा को पीछे छोड़ गए।

शिंदा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राइमरी स्कूल, हाता शेर जंग सरकारी स्कूल से पूरी की थी।

अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्हें सरकारी नौकरी में प्रवेश मिल गया।

मल्टीपर्पज स्कूल और लुधियाना से प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की।

स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सुरिंदर शिंदा ने एसआईएस लुधियाना में दाखिला लिया और शॉर्ट इंजीनियरिंग में मैकेनिकल का कोर्स किया।

गायक बनने से पहले उन्होंने सरूप मैकेनिकल वर्क्स लुधियाना में नौकरी की।

लेकिन वह गायक बनना चाहते थे।

इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और प्रोफेशनल सिंगर बनने का फैसला किया।

इसलिए, शिंदा ने उस्ताद जसवन्त भामरा से भी संगीत सीखा है। भामरा उस समय नेशनल कॉलेज में संगीत के प्रोफेसर थे ।

165 से अधिक गीतों की कैसेट निकाल चुका शिंदा

शिंदा का पहला गाना “उचा बुर्ज लाहौर दा” था।

यह गाना बहुत जल्द सुपरहिट हो गया था और इस गाने ने सुरिंदर शिंदा को दर्शकों से रुबरु करवाया था।

1979 में सुरिंदर शिंदा “राख ले क्लिंदर यारा” एल्बम के साथ आए।

इस एल्बम को पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में जबरदस्त सफलता मिली थी।

सभी पंजाबी संगीत प्रेमियों ने इस एल्बम को दिल से स्वीकार किया और शिंदा की अनूठी गायकी को सराहा था।

कई प्रसिद्ध पंजाबी गायक जैसे अमर सिंह चमकीला, गिल हरदीप और कई अन्य ने सुरिंदर शिंदा से संगीत सीखा है।

शिंदा ने अभी तक 165 से अधिक गीतों की कैसेट रिलीज की है।

अदाकारी में भी दिखाए जौहर शिंदा ने अदाकारी में भी खूब जौहर दिखाए.

पुत्त जट्टां दे , ऊंचा दर बाबे नानक दा, अंख जट्टां दी, जट्‌ट जियोणा मौड़, बदला जट्टी दा, पटोला और बहुत सी फिल्मों में काम किया।

उन्होंने अपने जीवन में कई पुरस्कार जीते हैं।

गायन और अभिनय के लिए 26 स्वर्ण पदक और 2500 से अधिक ट्रॉफियां जीती हैं।

कला परिषद द्वार उन्हें पंजाब गौरव रतन पुरस्कार, पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि गायक पुरस्कार, पंजाब सर्कल इंटरनेशनल, यूके द्वारा पंजाबी लोक पुरस्कार मिले है।

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