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चंडीगढ़। (rain alert for 3 days in nine districts of punjab) हिमाचल प्रदेश में बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के बाद पंजाब की अधिकतर नदियां उफान पर हैं।

इससे सूबे के नदी किनारे के इलाकों में काफी नुकसान हो रहा है।

वहीं, मौसम विभाग ने पंजाब के नौ जिलों फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, मोगा, फिरोजपुर, जालंधर, तरनतारन, कपूरथला और अमृतसर में बुधवार से तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट घोषित किया है।

वहीं, चंडीगढ़ में भी तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

मौसम विभाग ने बारिश के दौरान सावधानी से वाहन चलाने, पेड़ों के नीचे आश्रय न लेने, जलस्रोतों के पास न जाने और बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने की अपील की गई है।

पंजाब में सतलुज नदी एक बार फिर उफान पर है।

इससे फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों में काफी नुकसान हुआ है।

फाजिल्का में भारत-पाक सीमा पर बसे गांव ढाणी नत्था सिंह वाला में पुल पूरी तरह डूब गया.

जिससे शहरी आबादी से बाहर के इलाकों का जलालाबाद से संपर्क टूट गया है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से दो नाव उपलब्ध करवाने की मांग की है।

वहीं, फिरोजपुर के सीमांत गांव कालू वाला में बाढ़ से कई मकान ढह गए हैं।

यहां ग्रामीणों को अपने मकानों की छत पर सामान लेकर बैठना पड़ा। कई ग्रामीणों ने वहां बने सरकारी प्राइमरी स्कूल में शरण ली है।

पानी घरों में घुस गया है। फिरोजपुर के आठ और फाजिल्का के 10 स्कूल 29 तक बंद कर दिए गए हैं।

जालंधर के लोहियां और पटियाला के कुछ इलाकों में भी अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए हैं।

कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में भी बाढ़ का खतरा बरकरार है।

यहा जिला प्रशासन ने धुस्सी बांध पर 24 घंटे गश्त का आदेश दिया है।

एहतियान के तौर पर मिट्टी से भरे 15000 बैग तैयार रखे गए हैं।

पठानकोट में रावी के आसपास के कुछ गांवों में भी पानी भर गया है।

मंगलवार को हुई बारिश से शहरी इलाकों में भी जलभराव हो गया।

मंगलवार शाम को रणजीत सागर बांध पर पहुंचे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने जलस्तर का जायजा लिया।

पटियाला में घग्गर का पानी भी कम नहीं हुआ है। यहां अब भी 30 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश

प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित मकानों के नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है।

सभी जिला उपायुक्तों को कहा गया है कि वे जल्द इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजें ताकि लोगों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।

राज्य में बाढ़ के कारण करीब 1000 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है।

भाखड़ा में जलस्तर स्थिर, पौंग से छोड़ा 39602 क्यूसेक पानी

बांधों में जलस्तर को कंट्रोल करने के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।

भाखड़ा बांध में हालांकि मंगलवार को जलस्तर नहीं बढ़ा।

भाखड़ा में जलस्तर 1656 पर स्थिर है, जबकि यहां पर डेंजर पॉइंट 1680 फीट है, जो सिर्फ 24 फीट नीचे हैं।

बांध में 54291 क्यूसेक पानी पीछे से आ रहा है। प्रबंधन ने डैम की सारी टरबाइन चलाकर 40387 क्यूसेक पानी है।

भाखड़ा ब्यास प्रबंधक बोर्ड के ही पौंग डैम में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

ब्यास नदी पर बने इस डैम में जलस्तर 1677 फीट पर है। इस बांध की कैपेसिटी 1430 फीट की है, लेकिन पानी के फ्लो को देखते हुए 1690 पर पूरे गेट खोल दिए जाते हैं।

प्रबंधन ने फिलहाल थोड़े से गेट खोले हैं और सारी टरबाइन चला दी हैं, जिसके माध्यम से 39602 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

बाढ़ से पंजाब में 41 लोगों की मौत

पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ से अब तक 41 लोगों मारे गए हैं।

1616 लोग अभी भी 173 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

19 जिले तरनतारन, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, रूपनगर, कपूरथला, पटियाला, मोगा, लुधियाना, SAS नगर, जालंधर, संगरूर, SBS नगर, फाजिल्का, गुरदासपुर, मनसा, बठिंडा और पठानकोट बाढ़ से प्रभावित हैं।

अधिकारियों का कहना है कि सरकार और बचाव एजेंसियों ने जल जमाव वाले इलाकों से 27286 लोगों को सुरक्षित निकाला है।

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ से 41 लोगों की मौत हो गई।

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