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Prabhat Times
चंडीगढ़। (punjab vidhansabha passed resolution against bsf jurisdiction) पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सर्वसम्मति से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया गया। उपमुख्यंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसके खिलाफ प्रस्ताव रखा और केंद्र सरकार से 11 अक्तूबर को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना वापस लेने की मांग की। इसके बाद विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस संबंध में केंद्र सरकार की अधिसूचना को खारिज करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
वहीं इस मामले पर विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। नवजोत सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने हो गए। सिद्धू ने सवाल दागा कि सुखबीर बादल सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए। चन्नी के भाषण पर सदन में हंगामा हो गया।
मुख्यमंत्री के भाषण का विरोध करते हुए वेल में नारेबाजी की। इसी हंगामे के बीच रणदीप नाभा ने सदन में कृषि कानूनों के बारे में प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने सदस्यों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। इसके बाद अकाली सदस्यों ने भी सदन से वॉकआउट किया हालांकि थोड़ी देर बाद अकाली सदस्य सदन में लौट आए। रंधावा ने अपने भाषण में कहा कि पंजाब शहीदों और वीरों की भूमि है। पंजाबियों ने देश की आजादी की लड़ाई में और 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में अद्वितीय बलिदान दिए हैं। पंजाबियों ने देश में सबसे अधिक वीरता पुरस्कार प्राप्त किए हैं। पंजाब पुलिस दुनिया में एक अद्वितीय देशभक्त पुलिस बल है, जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हमेशा साहस और दृढ़ संकल्प के साथ योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का फैसला पंजाब और पंजाब पुलिस के लोगों के प्रति अविश्वास है। यह उनका भी अपमान है। केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले पंजाब सरकार से मशविरा करना चाहिए था। पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति मजबूत और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह भारतीय संविधान के संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन है।
रंधावा ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार एक संकीर्ण नीति है। पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की है और केंद्र सरकार से 11 अक्तूबर 2021 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
सी.एम. चन्नी शिअद, आर.एस.एस. की लगाई क्लास
चन्नी ने आरएसएस व भाजपा को पंजाब की दुश्मन जमात करार दिया। कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब की गद्दार पार्टी है। इसने हमेशा पंजाब को खराब किया। जम्मू कश्मीर से जब अन्याय हुआ तब अकाली दल भाजपा के साथ था। चन्नी ने सीधे-सीधे सुखबीर बादल पर निशाना साधा। कहा कि जब संसद में राज्यों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा था, तब अकाली दल ने चुप्पी साधे रखी।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि अकाली दल ने आरोप लगाया कि वह वह पीएम से मिलने गए। कहा कि वह करतारपुर कारिडोर को खोलने के मुद्दे पर मिलने गए। बीएसएफ के मुद्दे पर मिलने गए। क्या कोई सीएम पीएम से मिलने नहीं जा सकता है। कहा कि अकाली दल ने नशा लाकर पंजाब को बर्बाद किया। चन्नी ने सीधे-सीधे बिक्रम सिंह मजीठिया पर निशाना साधा। कहा कि मजीठिया ने पंजाब को नशेड़ी बनाया। इस दौरान अकाली विधायकों ने जमकर हंगामा किया, लेकिन चन्नी पूरी रौ में नजर आए।
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ भी प्रस्ताव पेश
पंजाब विधानसभा में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ भी प्रस्ताव पेश किया गया. पंजाब सरकार की ओर से विधानसभा में कहा गया कि खेतीबाड़ी राज्य से जुड़ा सब्जेक्ट है और इसमें केंद्र सरकार दखल नहीं दे सकती. साथ ही केंद्र सरकार से मांग की गई है कि केंद्रीय कृषि कानूनों को जल्द से जल्द रद्द कर दिया जाए. इसके अलावा कहा कि पंजाब में किसी भी हाल में केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा. हालांकि पंजाब विधानसभा के इस विशेष सत्र में पंजाब के दो पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह नदारद रहे.
आप ने किया सत्र का बहिष्कार
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को खाद की कमी के मुद्दे पर सत्र का बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के किसान डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे हैं। सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई का समय आ गया है, खाद की कमी के कारण अभी किसान परेशान है। चीमा ने सरकार से 24 घंटे के भीतर खाद की कमी को दूर करने की मांग की है।
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