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अमृतसर। (shri akal takht sahib jathedar giani harpreet singh meeting punjab situation) श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से पंजाब में बन रहे हालातों को लेकर आज बुलाई गई बैठक हुई। बैठक में 60 से 70 सिख संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे।

काफी देर तक चली बैठक में फैसला लिया गया है कि अमृतपाल मामले में सिख समाज के जिन निर्दोष लोगों को पुलिस द्वारा पकड़ा जा रहा है। वे गल्त है। सरकार और पंजाब पुलिस को अल्टीमेटम दिया गया है कि निर्दोष सिख युवकों को 24 घण्टे के भीतर रिहा किया जाए, नहीं तो सिख समाज द्वारा विशाल ‘खालसा वहीर’ निकाली जाएगी।

पकड़े गए सिखों की कानूनी लड़ाई लड़ेगी SGPC

एडवोकेट धामी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह का आदेश सुनाते हुए कहा कि पकड़े गए सिखों की कानूनी लड़ाई SGPC लड़ेगी। जिन पर NSA लग चुका है, उनका मुद्दा हाई कोर्ट में उठाया जाएगा। अगर कोई अपना वकील कर चुका है तो उनकी माली सहायता की जाएगी। इसके लिए परिवारों को SGPC से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

नेशनल चैनल्स पर भी करेगी कानूनी कार्रवाई

बैठक में नेशनल चैनल्स पर कानूनी कार्रवाई करने की बात पर भी सहमती बी है। प्रधान धामी ने बताया कि नेशनल चैनलों पर सिखों को बदनाम करने की कोशिश की गई। हर बात को बढ़ चढ़ा कर दिखाया गया। उनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि अमृतपाल ऑपरेशन के बाद पंजाब पुलिस द्वारा राज्य भर से युवकों को हिरासत में लिया जा रहा है। हालांकि रविवार को ही पुलिस ने 197 युवकों को रिहा किया। लेकिन अभी भी बहुत से युवक पुलिस कस्टडी में है।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा सिख समाज की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें सिख संगठनों के सदस्यों के साथ-साथ हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के सदस्य भी पहुंचे हैं।

खास बात यह रही कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में इस बार किसी भी राजनीतिक पार्टी को नहीं बुलाया गया। सिर्फ बुद्धिजीवी, सिख धार्मिक संगठनों को इसका न्योता दिया गया।

ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि जिस तरह बड़े स्तर पर पंजाब में कार्रवाई हुई और सिखों को पकड़ा गया, यह चिंता का विषय है। बुद्धिजीवियों, सिख धार्मिक संगठनों के नुमाइंदों को बुलाया गया है।

राजनीतिक पार्टियों से बैठक का राजनीतिकरण

इससे पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह का कहना है कि इस बैठक में खासतौर पर राजनीतिक पार्टियों को न्योता नहीं दिया गया। राजनीतिक पार्टियों को बुलाने से बैठक का राजनीतिकरण हो जाता है, जो हालातों को देखते हुए ठीक नहीं है। इसमें सिर्फ धार्मिक व बुद्धिजीवी ही अपने विचार रखेंगे।

अमृतपाल को दे चुके सरेंडर करने का सुझाव

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दो दिन पहले ही अमृतपाल सिंह को सरेंडर करने का सुझाव दिया था। उनका कहना था कि अमृतपाल को सरेंडर करके अपना पक्ष रखना चाहिए। वहीं उन्होंने सरकार से पंजाब के पकड़े गए युवाओं से हमदर्दी रखने की भी सलाह दी थी।

 

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