Prabhat Times
चंडीगढ़। (security leak punjab protesters on pm modi ferozepur route) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर पहुंचने का रूट लीक किए जाने की पुष्टि हो गई है। रूट के बारे में प्रदर्शनकारियों को पहले ही पता चल चुका था। इसके बाद उन्होंने बगल के गांव प्यारेआणा में स्पीकर से अनाउंसमेंट कर भीड़ इकट्‌ठी की और पूरी रोड जाम कर दी।
तब तक कई किसान संगठन भी वहां आ चुके थे। पहले वह सिर्फ रैली में जा रही भाजपा वर्करों की बसों को रोक रहे थे। यह बात प्रदर्शनकारियों ने खुद कैमरे के सामने मानी है, जिनके वीडियो मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इतना ही नहीं, अब एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें PM के रूट पर तैनात पुलिसकर्मी भी भीड़ को हटाकर रास्ता खाली कराने के बजाए प्रदर्शनकारियों के साथ ही चाय की चुस्कियां लेते दिखाई दे रहे हैं। इससे पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं।

पीएम के आने का पता चलते ही फ्लाई ओवर जाम किया : प्रदर्शनकारी

PM मोदी के रूट पर प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि हमने पुल जाम कर रखा था। हमने भाजपा वर्करों के काफिले को रोक लिया। इसके बाद जैसे ही हमें पता चला कि प्रधानमंत्री बठिंडा रोड से मोगा हाइवे पर इस रूट से आ रहे हैं तो हमने तुरंत नजदीकी गांव प्यारेआणा के स्पीकरों से आवाज दी कि पीएम यहां से आ रहे हैं। इसके अलावा सबको मैसेज भेजकर बुलाया गया। जिसके बाद हमने ट्रॉली लगाकर फ्लाई ओवर को पूरी तरह जाम कर दिया। इसके बाद पीएम मोदी को वहां से वापस लौटना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों के साथ एंजॉय करती दिखी

प्रधानमंत्री का रूट बिना किसी बाधा वाला होता है, लेकिन पंजाब पुलिस की इसे सुनिश्चित करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है। जिसमें साफ दिख रहा है कि पीएम का रूट क्लियर करवाने के बजाय पंजाब पुलिस के अफसर और जवान भी उनके साथ एंजॉय करते रहे। इसमें दिख रहा है कि पुलिस वालों की जाम खुलवाने में कोई दिलचस्पी नहीं बल्कि वह वहां सिर्फ ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति कर रहे थे।

PM मोदी की कार के पास पहुंच गए थे प्रदर्शनकारी

फिरोजपुर जाते समय प्रधानमंत्री का काफिला नेशनल हाईवे पर जिस जगह रुका, प्रदर्शनकारी उससे 8-10 किलोमीटर आगे बैठे हुए थे। प्रदर्शनकारियों को जैसे ही पीएम के रास्ते में ही रुकने की जानकारी मिली, उनमें से कुछ लोग वहां से काफिले की ओर चल पड़े। इनमें से कुछ लोग तो काफिले के पास पहुंच भी गए। उसके बाद हालात को भांपते हुए पीएम के सुरक्षा अधिकारियों ने वापस लौटने का फैसला लिया क्योंकि अगर पीएम प्रदर्शनकारियों में फंस जाते तो हालात ज्यादा बिगड़ सकते थे।

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