Prabhat Times

नई दिल्ली। (russia will only talk to ukraine once military lays down arms) यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) लगातार दबाव बनाता जा रहा है.
यूक्रेन के शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले करने और तीन तरफ से सैनिकों व टैंकों को भेजने के बाद शुक्रवार को रूस के सुरक्षा बल राजधानी कीव के बाहरी इलाकों तक पहुंच गए हैं.
इस बीच रूस ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन के हथियार डालने के बाद ही वह बातचीत के लिए तैयार होगा.
रूस के विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि मास्को (Moscow) उस समय कीव के साथ बातचीत करने के लिए तैयार होगा, जब एक बार यूक्रेन की सेना अपने हथियार डाल दे. उन्होंने यह भी कहा कि मास्को नहीं चाहता कि यूक्रेन पर “नियो-नाज़ियों” का शासन हो.
रूस के सैनिकों ने दूसरे दिन भी हमले जारी रखे हैं. राजधानी कीव में धमाकों की कई आवाजें सुनी गई हैं. शुक्रवार को तड़के कीव में हवाई हमले के सायरन बजते ही, शहर के एक होटल के मेहमानों को भूतल में एक अस्थायी आश्रय स्थल पर जाने को कहा गया. कर्मचारियों, सभी स्थानीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेहमानों को चाय और कुछ खाद्य सामग्री दी.
पश्चिमी नेताओं ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने एक ऐसे हमले को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई जो उनकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिरा सकता है, बड़े पैमाने पर इसमें लोग हताहत हो सकते है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है.
रूस में हो रहा राष्ट्रपति पुतिन का विरोध
रूस के अलावा अमेरिका में भी व्हाइट हाउस के बाहर यूक्रेन पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. वहीं, भारत में भी आज शाम रूस की एंबेसी के बाहर प्रदर्शन है. अब उन प्रदर्शनों के बीच रूस ने फिर बातचीत की टेबल पर आने के संकेत दिए हैं.
कल भी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि अगर यूक्रेन के सैनिक अपने हथियार डाल देंगे, युद्ध रोक दिया जाएगा. उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया था कि उनके पास युद्ध के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था. उनके देश को यूक्रेन में चल रही गतिविधियों से खतरा था, ऐसे में उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को मंजूरी दी थी.
यूक्रेन नाराज, नहीं मिली नाटो की मदद
अभी के लिए यूक्रेन में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. यूक्रेन के चौतरफा हमले की वजह से यूक्रेन को भारी नुकसान हो चुका है. Snake Island के द्वीप पर तो रूस ने यूक्रेन के 13 सैनिकों को मार गिराया है.
वहीं यूक्रेन भी दावा कर रहा है कि उनकी सेना की तरफ से मोटार दागे जा रहे हैं और मशीनगन्स का भी इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन इन बड़े दावों के बीच यूक्रेन को इस बात का अफसोस है कि नाटो ने समय रहते उनके देश की मदद नहीं की. जरूरत पड़ने पर सभी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया. तुर्की के राष्ट्रपति भी ये मानते हैं कि EU और नाटों ने यूक्रेन को जरूरी मदद नहीं पहुंचाई.

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने की अपील, कहा- पश्चिमी देश रूस पर लगाएं कड़े प्रतिबंध

यूक्रेन की सेना ने कहा कि रूस के सेना कीव से लगभग पांच किलोमीटर (तीन मील) की दूरी पर देखा गया है, वे हमले के लिए यूक्रेन की राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं. पुलिस ने लोगों से शहर में एक मेट्रो स्टेशन से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा क्योंकि इलाके में गोलियां चल रही हैं.
यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने वैश्विक नेताओं से पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से भी अधिक गंभीर प्रतिबंध लगाने और अपने देश के लिए रक्षा सहायता की अपील की.
जेलेंस्की ने कहा, ‘यदि आप अभी हमारी मदद नहीं करते हैं, यदि आप यूक्रेन को एक मजबूत सहायता प्रदान करने में विफल रहते हैं, तो कल युद्ध आपके दरवाजे पर दस्तक देगा.’

यूक्रेन के 137 लोग मारे गए- राष्ट्रपति जेलेंस्की

यूक्रेन के अधिकारियों और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि रूसी सेनाएं क्रीमिया (जिस पर 2014 में रूस ने कब्जा कर लिया था) के दक्षिणी हिस्से से पूर्व में यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और बेलारूस से देश के उत्तरी भाग में लगातार हमला कर रही हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूस के हमले में अभी तक 10 सैन्यकर्मियों समेत 137 नागरिक मारे गए हैं. उनके एक सलाहकार ने कहा कि लगभग 400 रूसी सैनिक मारे गए हैं.
मास्को ने हालांकि हताहतों की संख्या नहीं बताई है. किसी भी दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.

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