Prabhat Times
कीव। Russia Ukraine Meeting in Belarus: रूस और यूक्रेन के बीच जंग थमेगी या नहीं, इसपर अब तक फैसला नहीं हो सका है.
बेलारूस में रूस-यूक्रेन के बीच ऐतिहासिक बातचीत खत्म हो गई है. बैठक कुल साढ़े तीन घंटा चली.
बातचीत में यूक्रेन ने मांग रखी है कि रूस क्रीमिया और डोनबास समेत पूरे देश से अपनी सेना वापस ले.
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा था कि रूस के साथ बातचीत का उनका मुख्य लक्ष्य तत्काल युद्धविराम और रूसी सैनिकों की वापसी है.
रूस ने बैन की 36 देशों की एयरलाइंस
रूस की एटमी कमांड यूनिट की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही पुतिन ने 36 देशों की फ्लाइट्स पर लगाई रोक दी है.
यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस पर ईयू ने कई कड़े प्रतिबंध लगाएं हैं. अब रूस ने भी बड़ा पलटवार किया है.
रूस ने 36 देशों के लिए हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है जिसमें यूरोपियन यूनियन के सदस्य देश जर्मनी, फ्रांस, स्पेन और इटली भी शामिल हैं.
इसके साथ ही रूस के विदेश मंत्री ने अपनी आगामी संयुक्त राष्ट्र की यात्रा को भी रद्द कर दिया है.
यूक्रेन और रूस के बीच तेजी होती लड़ाई के बीच अब अमेरिका ने रूस में मौजूद अपने नागरिकों से रूस से निकलने को कहा है.
अमेरिका ने कहा कि जरूरत पड़े तो व्यावसायिक उड़ानों के जरिए रूस से तुरंत निकलने पर विचार करें.
अमेरिका के विदेशी विभाग ने कहा कि रूस ने कई देशों के लिए एयरस्पेस को बंद कर दिया है जिसके चलते कई एयलाइंस ने अपनी उड़ानों को बंद कर दिया.
पी.एम. मोदी ने फिर बुलाई हाई लेवल बैठक
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग से पूरी दुनिया के देश परेशान हैं. भारत समेत ज्यादातर देश यूक्रेन से अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी में लगे हुए हैं.
इस बीच यूक्रेन संकट पर लगातार दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में विदेश मंत्रालय के टॉप अधिकारी मौजूद रह सकते हैं.
पीएम मोदी की बैठकों का दौर
इससे पहले भी रविवार को पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक कर हालात का जायजा लिया था. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और एनएसए अजित डोभाल मौजूद थे.
बैठक में यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के प्रयासों की समीक्षा की गई और प्रयासों को और तेज करने पर जोर दिया गया.
यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें ज्यादातर मेडिकल स्टूडेंट्स शामिल हैं. भारत के लिए अपने इन नागरिकों की सुरक्षा अहम है.
यही वजह है कि सरकार यूक्रेन के पड़ोसी रोमानिया और पौलैंड जैसे देशों के रास्ते अपने लोगों को सुरक्षित निकाल रही है.
लेकिन इस काम में यूक्रेन पर रूसी हमलों की वजह से मुश्किलें भी आ रही हैं.
जंग झेल रहे यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक अब तक यूक्रेन से करीब 1400 भारतीयों की वतन वापसी हो चुकी है.
सरकार ने इसके लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चला रखा है, जिसके तहत भारतीयों को लेकर 6 विमान स्वदेश लौट चुके हैं.
इसके अलावा पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई बैठक के बाद फैसला हुआ था कि केंद्र सरकार के मंत्री भी यूक्रेन के पड़ोसी मुल्कों में जाकर भारतीयों को निकालने में दूतावास और स्थानीय सरकार की मदद करेंगे.
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