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Jalandhar जालंधर। (relief to patients suffering from flat feet, surgery started in Orthonova Hospital) आर्थोनोवा अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत सिंह ने एक बार फिर हैरान कर दिया है।

कूल्हे, घुटने, स्पाइन सर्जरी के कीर्त्तिमान बना चुके डाक्टर हरप्रीत सिंह ने अब फ्लैट फुट मरीजों को राहत दी है।

शत प्रतिशत सक्सेस रेट के लिए जाने जाते उत्तर भारत के प्रसिद्ध आर्थोनोवा अस्पताल के डाक्टर हरप्रीत सिंह द्वारा फ्लैट फुट के कारण दर्द झेल रहे मरीजों का ईलाज शुरू किया है।

आज यू.एस.ए. से आए डाक्टर ग्राहम द्वारा डाक्टर हरप्रीत सिंह के साथ आर्थोनोवा अस्पताल में फ्लेट फुट सर्जरी कर मरीज को राहत दी।

डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि फ्लैट फुट रोग से लगभग 20 प्रतिशत लोग पीड़ित हैं।

ईलाज संभव न होने के कारण लोग दर्द से कराहते रहते हैं।

एक सवाल के जवाब में डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि फ्लैट फुट से ग्रस्त लोगों को चलने फिरने में परेशानी होती थी।

चलने फिरने और भागने के समय पैरों में दर्द रहता है।

और तो और फ्लैट फुट के कारण कई युवा आर्मी, पुलिस, खेलों में हिस्सा नहीं ले पाते।

फ्लैट फुट के कारण लोगों को आर्मी या पुलिस में भर्ती नहीं हो पाते।

डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि आज से पहले फ्लैट फुट का कोई ईलाज नहीं था।

जिस कारण लोग दर्द में रहते थे। लेकिन अब उनके द्वारा फ्लैट फुट सर्जरी शुरू की गई है।

इससे पहले ये सर्जरी यू.एस.ए. में होती थी।

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि आज यू.एस.ए. से आए डाक्टर ग्राहम द्वारा उनके साथ सर्जरी की गई।

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि एडवांस्ड फुट सर्जरी भारत में पहली बार आर्थोनोवा अस्पताल जालंधर में शुरू की है.

इस एडवांस्ड तकनीक में पैर के फ्लैट फुट, जटिल समस्याओं, बीमारियों का इलाज बेहद सटीकता से किया जा सकता है. 

चपटे पांव के कारण मरीज को होती थी ये गंभीर बीमारियां

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि चपटे पांवो का ईलाज न होने के कारण लोगों को इसके साथ साथ घुटने, बैक पेन इत्यादि रोग से ग्रस्त हो जाते थे।

इसका कारण ये है कि चपटे पांव होेने के कारण व्यक्ति का चलने फिरने का तरीका तक बदल जाता है। जिस कारण घुटने खराब हो जाते और कमर में भी खराबी आ जाती है.

इस तकनीक से किया जाएगा ऑपरेशन

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि फ्लैट फुट का ईलाज भारत में नहीं हो रहा था।

इससे पहले अगर किसी मरीज को फ्लैट फुट का ईलाज या सर्जरी करवानी होती तो विदेश जाना पड़ता था।

एक सवाल के जवाब में डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि सर्जरी के दौरान यू.एस.ए. में बना एक स्टंट पांव में डाला जाता है जिसके बाद पांव का चपटापन दूर किया जाता है।

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि फ्लेट फुट के लिए स्टंट सिर्फ यू.एस.ए. में ही बन रहा है और दावा है कि भारत में सिर्फ फ्लैट फुट की सर्जरी आर्थोनोवा अस्पताल में ही शुरू हुआ है।

डाक्टर हरप्रीत सिंह ने बताया कि इस एडवांस तकनीक से सर्जरी के एक दिन बाद ही मरीज चल सकता है और लगभग एक महीने में पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।

डाक्टर हरप्रीत ने बताया कि फ्लैट फुट की सर्जरी के बाद आर्मी, पुलिस में भर्ती हो सकता है और एथलेटिक्स में भी हिस्सा ले सकता है।

डाक्टर हरप्रीत का दावा है कि इस सर्जरी के पश्चात चलने फिरने और भागने के समय दर्द से पूरी तरह से राहत मिल जाएगी।

ऑपरेशन दौरान बिना चीर फाड़ के एक छोटे से छेद की सहायता से मरीज के पैर में स्टंट डाला जाता है.

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