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Jalandhar जालंधर। (raksha bandhan 2024 abujh muhurat and shubh muhurat pujan vidhi) हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है.

रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं

बहिनें अपने भाईयों से अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त कल मनाया जाएगा.

इस साल सावन की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त की सुबह 3 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा.

इस दिन रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा.

जालंधर से ज्योतिष राजेन्द्र बिट्टू की मानें तो, भद्रा में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए इसलिए, इस काल में राखी भी नहीं बांधनी चाहिए.

ज्योतिष राजेन्द्र बिट्टू का कहना है कि इस साल रक्षाबंधन का पर्व चार शुभ योगों में मनाया जाएगा.

raksha
ज्योतिष राजेन्द्र बिट्टू

रक्षाबंधन पर 4 अबूझ मुहूर्त

राजेन्द्र बिट्टू ने बताया कि रक्षाबंधन पर शुभ योगों के साथ साथ कुछ अबुझ मुहूर्त में भी होंगे.

इन मुहूर्तों में भाई की कलाई पर राखी बांधना बहुत ही शुभ माना जाता है.

इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.

इसके बाद, गोधूली मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

इसके बाद, सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.

वहीं, अमृत काल रात 8 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.

राजेन्द्र बिट्टू के अनसार, 19 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट पर भद्रा लग जाएगी.

 सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट तक पर भद्रा पुंछ रहेगा.

फिर, सुबह 10 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक भद्रा मुख रहेगा.

इसके बाद, भद्रा का समापन दोपहर 1 बजकर 30 पर होगा.

राजेन्द्र बिट्टू के मुताबिक, भद्रा को बहुत ही अशुभ समय माना जाता है और इस काल कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.

19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट के बाद से राखी बांधी जा सकती है.

राखी बांधने के ये रहेंगे मुहूर्त

राजेन्द्र बिट्टू का कहना है कि रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने के दो शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं.

आप इनमें से किसी भी शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.

रक्षाबंधन पर राखी बांधने का पहला शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.

यानी राखी बांधने के लिए पूरे 2 घंटे 33 मिनट का समय मिलेगा.

दूसरा शुभ मुहूर्त– इसके अलावा आप शाम के समय प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं.

इस दिन शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 07 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.

रक्षाबंधन पर 4 शुभ संयोग  

राजेन्द्र बिट्टू बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन पर एक नहीं, बल्कि चार शुभ योग एक साथ बनने जा रहे हैं.

दरअसल, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है.

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.

इसके अलावा, शोभन योग 19 अगस्त की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और समापन 20 अगस्त की रात 12 बजकर 47 मिनट पर होगा.

हालांकि, भद्रा के कारण इन शुभ योगों में राखी नहीं बांधी जा सकती है.

रक्षाबंधन पूजा विधि 

राजेन्द्र बिट्टू का कहना है कि रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह का प्रतीक है.

इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधती हैं और उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं.

भाई को सामने बिठाकर सबसे पहले रोली से उसका तिलक किया जाता है.

फिर माथे पर अक्षत लगाए जाते हैं. इसके बाद थाली में दीपक प्रज्वलित करके भाई की आरती उतारी जाती है.

फिर मिठाई खिलाकर ईश्वर से उसके जीवन में सुख-संपन्नता की प्रार्थना की जाती है. इसके बदले में भाई अपनी बहन को कोई उपहार भी दे सकता है.

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