Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (cabinet expansion sahebganj mla raju singh becomes minister in nitish cabinet) हत्या, किडनेंपिंग, फायरिंग, लेड ग्रेबिंग जैसे कई संगीन मामलों में आरोप झेल रहे दबंग विधायक राजू सिंह को नितिश केबिनेट में जगह मिली है।
बिहार चुनाव से पहले नीतीश की कैबिनेट पूरी हो गई. नए मंत्रियों के शपथ के साथ ही कैबिनेट विस्तार हो गया. भाजपा कोटे से आज 7 चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिली.
आज मंत्री पद की शपथ लेने वालों में वैसे तो सात नाम हैं, मगर एक की चर्चा सबसे अधिक है. यह वह नाम है, जिससे भाजपा बैकफुट पर जा सकती है.
जी हां, वह नाम है- राजू कुमार सिंह. साहेबगंज के रसूखदार विधायक. राजू सिंह और विवाद का चोली-दामन का साथ रहा है.
सियासत में राजू सिंह आगे-आगे तो कांड पीछे-पीछे चलते आ रहे हैं. कभी किडनैपिंग तो कभी जमीन कब्जाने तो कभी हत्या के आरोप.
राजू सिंह विधायक तो कई बार बने, मगर अब जाकर असल किस्मत खुली है. वह नीतीश सरकार में पहली बार मंत्री बने हैं.
राजू कुमार सिंह रसूखदार और ताकतवर नेता हैं. राजपूत समाज से आते हैं. मुजफ्फरपुर और वैशाली इलाके में बड़ा नाम है. वह नेता के साथ-साथ बड़े बिजनेसमैन हैं.
कुछ लोग तो उन्हें अघोषित बाहुबली भी कहते हैं. कारण उनका रूतबा और उनके कारनामे. उनका अतीत विवादों से घिरा रहा है.
जब से सियासत में आए हैं, तब से ही कांड उनका पीछा कर रहा है. चाहे न्यू ईयर पार्टी में ठांय-ठांय कांड हो या लोकसभा चुनाव में पैसा बांटने वाला कांड.
या यूं कहिए कि किडनैपिंग का केस हो या मारपीट कांड. राजू सिंह के साथ कई विवाद रहे हैं.
अमीरी के मामले में भी राजू सिंह का कोई जवाब नहीं. अब जब वह मंत्री बन गए हैं तो ऐसे में वह नीतीश कैबिनेट में ताकतवर मंत्री भी हो गए हैं.
राजू सिंह का विवादों से नाता
राजू सिंह पर हत्या और किडनैपिंग जैसे कई आरोप लगे हैं. राजू सिंह शुरू से ही दबंग छवि के नेता रहे हैं.
उनके ऊपर किडनैपिंग, हत्या और आर्म्स एक्ट समेत दर्जनों क्रिमिनल केस हैं. सबसे चर्चित कांड तो न्यू ईयर पार्टी में फायरिंग कांड है.
यह बात साल 2019 की है. वह दिल्ली के वसंत कुंज स्थित अपने फार्महाउस में नए साल का जश्न मना रहे थे. जब वह हवाई फायरिंग कर ठांय-ठांय वाला जश्न मना रहे थे. तभी अचानक गोली जाकर एक महिला को लगी.
उसका नाम था- अर्चना गुप्ता. पेशे से वह आर्किटेक्ट थी. इस फायरिंग में उसकी मौत हो गई. राजू सिंह पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगा. इस मामले में राजू सिंह गिरफ्तार भी हुए. मामला कोर्ट में है.
राजू सिंह और उनके कांड
पिछले लोकससभा चुनाव में भी वह लाइमलाइट में तब आए, जब उनके ऊपर पैसे बांटने का आरोप लगा.
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान वह वैशाली सांसद वीणा देवी के रोड शो शामिल हुए थे. इस दौरान उनक पर पैसा बांटने का आरोप लगा.
इसमें उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ. राजद नेता अपहरण कांड में भी राजू सिंह का नाम खूब उछला था.
राजू सिंह पर राजद नेता तुलसी प्रसाद यादव को अगवा करने और मारपीट करने का आरोप है.
सीओ की पिटाई मामले में भी उनके ऊपर केस दर्ज है. इस तरह से देखा जाए तो राजू सिंह का दामन दागदार रहा है.
वह भले ही नीतीश सरकार में रसूखदार मंत्री बन गए हैं, मगर विपक्ष को इस बहाने हमला करने का एक मौका जरूर मिल गया है.
राजू कुमार सिंह का सियासी करियर
अब राजू सिंह के सियासी करियर की बात कर लेते हैं. राजू सिंह मंत्री पद तक कई सियासी दलों के नाव पर सवार हो-होकर पहुंचे हैं.
दूसरे शब्दों में कहें तो राजू सिंह लोजपा, जदयू, वीआईपी वाया भाजपा नीतीश कैबिनेट में मंत्री बने हैं.
राजू सिंह कभी लोजपा तो कभी जदयू तो कभी वीआईपी तो कभी भाजपा के नेता रहे हैं.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले राजू सिंह बड़े बिजनेसमैन और उद्योगपति हैं.
इनका दवा का कारोबार है, जो देश-विदेश तक फैला है. राजू सिंह ने 2005 से अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी. तब से अब तक वह चार बार पाला बदल चुके हैं.
- 2005 में लोजपा के टिकट पर साहेबगंज से पहली बार विधायक बने.
- 2005 में ही जदयू के टिकट पर साहेबगंज से फिर विधायक बने.
- 2010 में जदयू के टिकट पर साहेबगंज से दोबारा विधायक बने.
- 2015 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, मगर हार का सामना करना पड़ा.
- 2020 में वीआईपी के टिकट प चुनाव लड़े और जीत हासिल की.
- 2022 में वीआईपी को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.
कौन हैं राजू सिंह?
राजू सिंह की गिनती बिहार के रसूखदार सियासतदारों में होती है. राजू सिंह न केवल सियासत की चर्चित हस्ती हैं बल्कि उद्योग और व्यवसाय में भी उनकी तूती बोलती है.
राजू कुमार सिंह मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड के बड़ा दाउद गांव के रहने वाले हैं. राजू सिंह तीन भाइयों में मंझले हैं.
उनके पिता उदय प्रताप सिंह पारू प्रखंड के आनंदपुर खरौनी पंचायत के कई बार मुखिया रहे हैं.
विधायकी में उन्होंने जीत का चौका लगाया है. उनके रसूख का अंदाजा इसी से लगाइए कि राजू सिंह साल 2009 में अपनी पत्नी रेणु सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ाकर एमएलसी बनाने में सफल रहे थे.
राजू कुमार सिंह के परिवार की पहचान दवा के बड़े व्यवसायी के रूप में होती है. उनका दवाओं का कारोबार नोएडा, अहमदाबाद समेत कई बड़े शहरों फैला है. इसके अलावा रूस और अमेरिका में भी उनका दवाओं का कारोबार बताया जाता है.
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