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जालंधर। (New twist in the case of missing files from JIT) इंप्रूवमैंट ट्रस्ट जालंधर की लगभग 120 फाईलें गुम होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। डी.सी. द्वारा केस दर्ज करने की सिफारिश के कुछ ही घण्टे में सीनीयर सहायक अजय मल्हौत्रा उर्फ बण्टी ने गुम फाईलों में से लगभग 70 फाईलें ट्रस्ट के ही रिकार्ड रूम से ढूंढ निकाली हैं।
दावा किया जा रहा है कि लगभग 8-10 फाइले विजीलैंस के पास हैं। इस मामले में जानकारी डी.सी. घनश्याम थौरी को दे दी गई है। डी.सी. ने इस मामले से संबंधित अधिकारियों, अजय मल्हौत्रा को 11 बजे दफ्तर में पेश होने के आदेश दिए हं।
बता दें कि सुबह डी.सी. घनश्याम थौरी द्वारा पुलिस कमिश्नर को इंप्रूवमैंट ट्रस्ट की विभिन्न स्कीमों की 120 फाईलें गुम होने संबंधी केस दर्ज करने की सिफारिश की थी।
इसके कुछ ही घण्टे बाद फाईलें ट्रस्ट के ही रिकार्ड रूम से अजय मल्हौत्रा उर्फ बण्टी द्वारा ढूंढी गई। कहा जा रहा है कि फाईलें गुम ही नहीं हुई थी। फाईलें रिकार्ड रूम में ही थी। कर्मचारियों द्वारा जब फाईलें ढूंढी गई तो उसकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई। सूत्रों से पता चला है कि इन सभी फाईलों की रिसीविंग भी रिकार्ड में है।

अब ई.ओ. परमिन्द्र गिल कटघरे में

बता दें कि ट्रस्ट की हर स्कीम के प्लाट की फाईलों की जिम्मेदारी ई.ओ. की होती है। ई.ओ. द्वारा प्लाट नंबर समेत फाईलें गुम होने के बारे में डीसी को लिखा और कार्रवाई अजय मल्हौत्रा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। लेकिन अब फाईलें रिकार्ड रूम से ही मिली है।
अब इस मामले में ई.ओ. परमिन्द्र गिल बुरी तरह से घिर चुके हैं। क्योंकि जिन फाईलों को गुम बता कर बड़े अधिकारियों की किरकिरी करवाई गई सभी फाईलें रिकार्ड रूम में हैं और रजिस्टर में रिसीविंग की ऐंटरी भी है।
अति सुविज्ञ सूत्रों के मुताबिक डीसी घनश्याम थौरी खुद ई.ओ. परमिन्द्र गिल के काम करने के तरीके से पहले से ही नाराज हैं। और आज के इस ईशू से डीसी घनश्याम थौरी को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।

डीसी कर चुके हैं ई.ओ. को सस्पैंड करने की सिफारिश

पता चला है कि ई.ओ. परमिन्द्र गिल के कामकाज में टालमटोल और मिस गाइड करने की नीति से डीसी घनश्याम थौरी पहले ही परेशान है। सूत्रो के मुताबिक डीसी द्वारा कुछ दिन पहले ही ई.ओ. परमिन्द्र गिल को सस्पैंड करने की लिखित सिफारिश विभागीय अधिकारियों को की थी।
लिखित रिपोर्ट में डीसी द्वारा स्पष्ट कहा गया था कि ट्रस्ट का चार्ज संभालने के बाद ई.ओ. को जो भी काम दिए गए उन कामों में वे टाल मटोल और बहाने ही नज़र आए हैं। ई.ओ. के इस रवैये से क्षुब्ध डीसी ने सस्पैंड करने की सिफारिश की थी।

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