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लुधियाना। (ludhiana gas leak incident happen secrets will be revealed by blood sampling) रविवार का दिन लुधियाना के ग्यासपुरा के लोगों को लिए कहर से कम नहीं था। गैस लीक हादसे में बच्चों समेत 11 लोगों के मौत की खबर है।

दर्दनाक हादसे में आरती क्लीनिक चलाने वाले डाक्टर कविलाश उसकी पत्नी व तीन बच्चों की मौत हुई। सारा परिवार सोते ही सो गया।

लुधियाना ग्यासपुरा ईलाके में सुबह 7.15 बजे के बाद से कहर बरपा। अचानक गैस का रिसाव हुआ और लोग चलते चलते गिरने लगे।

ईलाके में स्थित मिल्क बार शॉप के निकट हुए गैस रिसाव इतनी तेजी से हुए का निकट स्थित आर्ती क्लीनिक में अपने घर में सो रहे परिवार के सदस्य सोते ही रह गए।

गैस कौन सी है, कैसे मिश्रण हुआ, गैस रिसाव एग्जैक्ट कहां से हुआ इन सवालों की जांच जारी है।

इसी बीच मृतक के शव की जांच के पश्चात डाक्टर ने कहा है कि मौत का कारण सीधे दीामग में ज़हरीली गैस पहुंचने से हुई है। फेफड़े बिल्कुल ठीक हैं।

राहत कार्य में जुटी एनडीआरएफ टीमें

मिल्क बूथ या सीवरेज से हुआ जहरीली गैस का रिसाव

जिस बिल्डिंग से गैस रिसने की बात कही जा रही है, वह एक डिपार्टमेंट स्टोर और मिल्क बूथ है। नजदीक ही सीवर लाइन गुजर रही है।

अब तक हुई जांच में सामने आया है कि सीवर में केमिकल डाला गया था, जिसके चलते जहरीली गैस बन गई थी।

मेनहोल से लिए जाएंगे सैंपल – डीसी

लुधियाना की डीसी सुरभि मलिक ने कहा, “जिन लोगों की मौत हुई, उनके रेस्पिरेटरी सिस्टम में दम घुटने का कोई लक्षण नहीं दिखा। मौत की वजह न्यूरोटॉक्सिन (नर्वस सिस्टम पर असर करने वाला जहर) हो सकता है।

हो सकता है कि सीवरेज मैनहोल में केमिकल रिएक्शन हुआ हो। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (NDRF) की टीमें बुलाई गई हैं।

गैस लीकेज की जांच के लिए मशीनें लगाई गई हैं। वे सीवरेज मेनहोल से सैंपल लिए गए हैं। बॉडीज का पोस्टमार्टम होगा और ब्लड सैंपल भी लिए जाएंगे।”

पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता

लुधियाना की डीसी सुरभि मलिक ने बताया कि जिन 11 लोगों की मौत हुई है, उनके परिवारों को पंजाब सरकार की ओर से दो-दो लाख रुपए दिए जाएंगे।

जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें 50-50 हजार रुपए की रकम दी जाएगी। इन लोगों के इलाज का खर्च भी सरकार उठाएगी।

ये हो सकती हैं गैस लीक की वजह

गैस सीवर लाइन से लीक हुई हो – जिस जगह गैस रिसाव से लोगों की मौत हुई, उसके पास से सीवर लाइन गुजर रही है। ऐसे में आशंका है कि गैस यहीं से लीक हुई।

सीवरेज लाइन से निकली यह जहरीली गैस इलाके में फैल गई। जो लोग संपर्क में आ गए, वे बेहोश होते गए।

इसका लीकेज पाइंट उसी गोयल कोल्ड ड्रिंक्स की दुकान के पास है, जहां सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई।

सीवर लाइन में कोई जहरीला केमिकल डाला गया – आशंका है कि सीवर लाइन में केमिकल रिएक्शन हुआ हो। इस लाइन में पहले ही जहरीली गैस रहती है।

हो सकता है कि किसी ने जहरीले केमिकल फेंका हो। इसके रिएक्शन के चलते ऐसी जहरीली गैस बनी, जिसने लोगों की जान ले ली।

लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने भी कहा कि किसी ने इंडस्ट्रियल वेस्ट को मिटाने के लिए केमिकल को सीवर में डाला हो और इसके बाद गैस रिसाव हुआ हो।

जहरीली गैस मैनहोल के टूटे ढक्कनों से रिसी हो – जिस दुकान के पास लोगों की मौत हुई, वहां सीवर लाइन के मेनहोल के ढक्कन टूटे मिले हैं।

पुलिस ने आशंका जताई कि सीवर के अंदर जो गैस बनी, वह इन्हीं टूटे हुए ढक्कनों से बाहर निकली।

ये भी है आशंका

लुधियाना सिविल अस्पताल पहुंचे कई लोगों ने भी बताया कि अक्सर बरसात के दौरान इस इलाके की डाइंग और केमिकल इस्तमेाल करने वाली फैक्ट्रियों से वेस्ट केमिकल सीवरेज में बहाया जाता है।

शनिवार रात भी हल्की बारिश होने के बाद ऐसा केमिकल सीवरेज में छोड़ा गया था। रविवार सुबह ग्यासपुरा के इस मोहल्ले में सीवरेज जाम था।

लोगों का दावा किया कि मोहल्ले में कुछ लोगों ने सुबह जाम पड़ी सीवरेज लाइन खोलने के लिए प्रयास किए ताकि पानी निकल जाए।

सीवरेज लाइन में पहला डंडा मारते ही एक युवक वहीं गिर पड़ा। उसके बाद गैस फैलनी शुरू हो गई और ये हादसा हुआ।

मृतकों की हुई शिनाख्त

मृतकों में सौरव गोयल (35), उनकी पत्नी प्रीति (31) व मां कमलेश गोयल (60) और डॉ. कविलाश (40), उनकी पत्नी वर्षा (35), बेटी कल्पना (16) व दो बेटे अभय नारायण (13) और आर्यन नारायण (10) शामिल है।

तीन अन्य मृतकों में नवनीत कुमार (39) व नीतू देवी (39) के अलावा एक और पुरुष है, जिसकी दोपहर तक पहचान नहीं हो पाई।

इनके अलावा कुल चार लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से गौरव गोयल (50) और नीतिन (40) का इलाज सिविल अस्पताल और राजेश कुमार (28) व रुबी देवी (29) का इलाज ओसवाल अस्पताल में चल रहा है।

फेफड़े ठीक मिले, ब्रेन पर इफेक्ट: मनदीप सिद्धू, CP

लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने कहा- डॉक्टरों ने बताया कि मरने वालों के फेफड़े ठीक हैं। इस गैस से उनके ब्रेन पर इफेक्ट हुआ। इसी वजह से मौत हुई।

मेडिकल बोर्ड बनाकर मरने वालों का पोस्टमार्टम करवा रहे हैं। उनके ब्लड सैंपल भी लिए जा रहे हैं।

NDRF की टेक्निकल टीम यहां पहुंच चुकी है। उनके पास मशीनें हैं, जो गैस के बारे में पूरी जानकारी बता देंगी।

हमें लग रहा है कि किसी ने इंडस्ट्रियल वेस्ट को डिस्पोज ऑफ करने के लिए केमिकल को सीवर में डाल दिया है। जिसके बाद सीवर की गैस से मिलने के बाद कोई ऐसी गैस निकली है, जिससे यह मौतें हुई हैं।

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