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जालंधर। (Jalandhar Lok Sabha By Election : Senior Leader vs Youth leader BJP) जालंधर लोकसभा उप चुनाव जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी हाईकमान एडी चोटी का जोर लगाए हुए है, लगातार प्लानिंग चल रही है, फील्ड में दौड़धूप चल रही है, कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जा रहा है, वोटरों को रिझाने की कोशिश चल रही है, लेकिन इन सब कोशिशों के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकत्ताओं की आंतरिक कलह भी दिखने लगी है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अपने ही कार्यकर्त्ताओं, युवा नेताओँ को डिमोरोलाइज करने में कसर नहीं छोड़ रहे। ऐसे हालात में बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसे कैसे जीतेगी भाजपा ये चुनाव?

बता दें कि जालंधर लोकसभा उप चुनाव अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही भाजपा के लिए भी मूछ का सवाल है। पहले लोकसभा इलेक्शन हैं जब भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। किसी भी पार्टी से कोई समझौता नहीं किया।

वैसे तो भाजपा का निशाना लोकसभा चुनाव 2024 पर है, लेकिन इस उप चुनाव के भाजपा होम वर्क की तरह देख रही है।

चुनाव नतीजों से पता चलेगा कि भाजपा का अपना वोट बैंक कितना है। बड़े बड़े दावे करने वाले भाजपा के प्रदेश स्तर के नेता वोटरों में कहां स्टेंड करते हैं।

वरिष्ठ नेता vs युवा नेता

अब बात करते हैं जालंधर लोकसभा उप चुनाव की। भारतीय जनता पार्टी द्वारा दौड़धूप तो बहुत कर रही है, लेकिन पहले की तरह आज भी यही हाल है कि कई दशकों से पहली पंक्ति में खड़े वरिष्ठ नेता युवा नेताओँ को आगे नहीं आने देना चाहते।

भाजपा ग्रुपों में वॉयरल हो रहा है स्क्रीन शॉट

भाजपा के सोशल मीडिय़ा और व्हाटसएप्प ग्रुपों में एक ग्रुप का स्क्रीन शॉट वॉयरल हो रहा है। जिसमें भाजपा के एक व्हाटसएप्प ग्रुप से भाजपा के युवा नेता का नाम रिमूव किया गया है।

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि दरअसल में भाजपा के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते कि कोई युवा नेता आगे आ सके। भाजपा के वरिष्ठ नेता के सदस्यों और युवा नेता के बीच 36 के आंकड़े का कारण ये है कि ये दोनो एक ही विधानसभा हल्के और एक ही बूथ से संबंधित हैं।

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनो जालंधर वेस्ट से भाजपा को झटका मिला। मोहिन्द्र भगत ने पार्टी छोड़ दी। सूत्र मोहिन्द्र भगत के इस बड़े कदम को भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का कारण मान रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि जालंधर के वरिष्ठ नेता के कुछ मुंहलगे नेता वैस्ट में रहते हैं। सूत्रों ने यहां तक कहा कि वरिष्ठ नेता के उक्त मुंहलगे वर्करों ने पिछले विधानसभा चुनाव में मोहिन्द्र भगत के खिलाफ काम किया। भगत के खिलाफ दुष्प्रचार किया और पोस्टर तक फाड़े गए।

पर अब जब मोहिन्द्र भगत पार्टी छोड़ चुके हैं तो सीट खाली होने के पश्चात वरिष्ठ नेताओं द्वारा हाईकमान को दर्शाया जा रहा है कि वैस्ट में भी उनकी पकड़ है। सूत्रों ने बताया कि बीते रविवार को वेस्ट हल्के में भाजपा ने कार्यक्रम किया।

इस रैली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की आशाओं के बिल्कुल विपरीत भाजपा के युवा नेता ने एरिया के युवा नेताओं से समन्वयत स्थापित करके अनथक मेहनत के चलते भारी इकट्ठ हो गया। जो कि वरिष्ठ नेता को रास नहीं आया और बौखलाहट मे अगले ही दिन एक और रैली कर दी गई।

विचार नहीं मिले, 36 का आंकड़ा 72 तक पहुंचा

सूत्रों ने बताया कि अब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में विचार विमर्श के दौरान भी वरिष्ठ नेता और युवा नेता के विचार भी आपस में मेल नहीं खाए। जिस कारण दोनो के बीच पहले से ही चल रहा 36 का आंकड़ा अब 72 तक पहुंचता नज़र आ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि इस बात का पता चलते ही वरिष्ठ नेता के मुंहलगे वर्करों ने युवा नेता को अपने व्हाटसएप्प ग्रुपों से रिमूव करना शुरू कर दिया। अब ये स्क्रीन शॉट भाजपा में काफी वॉयरल हो रहा है।

सूत्रों ने बताया कि ये वॉयरल स्क्रीन शॉट भाजपा के पंजाब प्रभारी विजय रूपाणी तक भी पहुच गया है। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अगर भाजपा में ऐसे ही चला कि युवा नेताओं को आगे न आने देने की योजना चलती रही तो आखिर भाजपा लोकसभा उप चुनाव और लोकसभा चुनाव 204 कैसे जीतेगी? इस मामले में भाजपा नेता बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं।

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