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New Delhi नई दिल्ली। (income tax slab change in budget 2024) केंद्र सरकार द्वारा मिडिल क्लास टेक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार इस बार के बजट में मीडिल क्लास को बड़ी राहत देने की तैयारी में है.

इसके लिए अलग अलग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.

सबसे ज्यादा संभावना है कि नई टैक्स रीजीम में 20% और 30% का जो स्लैब है उसमें बदलाव किया जाए.

अभी अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 15 लाख रुपए तक होती है तो 20 फीसदी तक टैक्स लगता है.

जैसे इससे ऊपर होती है आपकी टैक्स की देनदारी 20 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी हो जाती है.

अब क्या होने वाला है?

सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय इसमें बदलाव कर सकता है.

एक विकल्प ये है कि इसमें एक और टैक्स स्लैब लाया जाएं या फिर टैक्स की दरें बदली जाएं.

इसके पीछे वित्त मंत्रालय की सोच ये है कि इस इनकम ग्रुप के लोगों के हाथों में पैसा जाएगा तो वो खर्च करेंगे.

इससे अर्थव्यवस्था में मांग पैदा होगी. जो इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती है.

इसके अलावा इसके नीचे के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जा सकता है.

न्यू टैक्स रीजीम को आकर्षक बनाने के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रु करने पर भी विचार किया जा रहा है.

इसके साथ ही 5%, 10 % और 15% में स्वाभाविक तौर पर बदलाव आ जाएगा.

हालांकि सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय का एक धरा ओल्ड टैक्स रीजीम में भी राहत देने के पक्षधर है.

आर्थिक सलाहकार विभाग ने सिफारिश की है कि नई टैक्स रीजीम के साथ साथ ओल्ड टैक्स रीजीम में भी राहत दी जाए.

क्योंकि अभी भी बड़ी संख्या टैक्स पेयर्स ओल्ड टैक्स रीजीम में है.

अगर उन्हें राहत नहीं दी जाएगी तो टैक्स में छूट का मकसद पूरा नहीं होगा.

दूसरे सूत्र का कहना है कि इनकम टैक्स विभाग इसके पक्ष में नहीं है.

क्योंकि सरकार ओल्ड टैक्स रीजीम को लंबे समय तक जारी नहीं रखना चाहती है.

हालांकि अभी सारे विकल्प खुले हैं.

अंतिम फैसला बजट पेश होने से एक हफ्ते पहले लिए जाने की संभावना है.

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय के बीच भी लंबी बैठक चलेगी.

इन सभी बदलाव का एक ही मकसद है कि लोगों के हाथों में ज्यादा से ज्यादा पैसा दिया जाए.

हालांकि चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सरकार मीडिल क्लास को खुश भी करना चाहेगी.

सीए अनिल सिक्का कहते हैं कि साल 2020 में आई न्यू टैक्स रीजीम के बाद से ओल्ड टैक्स रीजीम वालों के साथ सरकार का सौतेला का व्यवहार देखने को मिल रहा है.

ये मिडिल क्लास को पसंद नहीं आ रहा है. क्योंकि उनके पास काफी सेविंग्स है.

उन्हें न्यू टैक्स रीजीम इसीलिए पसंद नहीं है. ये आदत भी अच्छी है.

इसीलिए दो तिहाई से ज्यादा टैक्सपेयर्स ओल्ट टैक्स रीजीम में है.

इससे एक बात को साफ हो जाती है कि न्यू टैक्स रीजीम उतनी कामयाब नहीं रही है. जितनी सरकार की मंशा थी.

जब तक ओल्ड टैक्स रीजीम है. तब तक सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है. सरकार को इसमें भी चेंज करना चाहिए.

साथ ही, मीडिल क्लास की परिभाषा भी बदली है. महंगाई बढ़ने के साथ-साथ आमदनी भी बढ़ी है.

अब मीडिल क्लास 20-25 लाख रुपये कमाता है. उन्हें भी टैक्स छूट मिलनी चाहिए.

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