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New Delhi नई दिल्ली। (health ministry clarifies no links between covid vaccines and sudden deaths icmr) कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामलों तेजी से बढ़े हैं।

लगातार हो रही मौतों ने लोगों को डरा दिया है।

कई लोग हार्ट अटैक से अचानक मौतों का संबंध कोविड वैक्सीन (covid vaccine) यानी कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

इस बीच कोरोना वैक्सीन पर बड़ा खुलासा हुआ है। ICMR और AIIMS की ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और एम्स की ओर से की गई स्टडी से पता चला है कि कोविड-19 के बाद वयस्कों की अचानक हो रही मौतों का कोरोना वैक्सीन से कोई लिंक नहीं है।

यह स्टडी देश के 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में मई से अगस्त 2023 के बीच की गई थी।

इस स्टडी ऐसे लोगों पर की गई, जो पूरी तरह से स्वस्थ थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच उनकी अचानक मौत हो गई।

स्टडी से पता चला कि कोरोना वैक्सीन की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक का जोखिम नहीं बढ़ा है। युवाओं की अचानक हो रही मौतों का इससे कोई कनेक्शन नहीं है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि युवाओं में हो रहे हार्ट अटैक और कोरोना वैक्सीन के बीच कोई लिंक नहीं है।

मंत्रालय का कहना है कि आईसीएमआर की ओर से की गई स्टडीज में कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच किसी लिंक का पता नहीं चला है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने अलग-अलग रिसर्च के आधार पर ये जानकारी दी है।

‘कोविड वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा नहीं’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोविड वैक्सीनेशन से अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ता।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कोविड वैक्सीन को लेकर उठाए गए सवालों के बाद यह जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश में कई एजेंसियों के माध्यम से अचानक होने वाली मौतों के मामलों की जांच की गई है।

इन अध्ययनों से यह साबित हो गया है कि कोविड-19 टीकाकरण और देश में अचानक होने वाली मौत की खबरों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

कोविड-19 के टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं- ICMR

मंत्रालय ने यह भी बताया कि अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के कई कारणों से हो सकती हैं।

इनमें आनुवंशिकी, लाइफस्टाइल, पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थिति और कोविड के बाद की जटिलताएं शामिल हैं।

ICMR और NCDC के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में कोविड-19 के टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। इनसे गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बहुत ही कम हैं।

सीएम सिद्धारमैया के आरोपों पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी

सरकार की ओर से यह प्रतिक्रिया कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस आरोप के बाद आई है,

जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी देना और लोगों को बांटना भी दिल के दौरे से हुई मौतों का कारण हो सकता है।

अधिकारियों के अनुसार, हसन जिले में पिछले 40 दिनों में कम से कम 22 लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

इनमें से पांच की उम्र 19 से 25 साल के बीच थी। ज्यादातर मौतें बिना किसी लक्षण के हुईं। कई लोग घर या सार्वजनिक जगहों पर अचानक गिर पड़े।

सिद्धारमैया ने बयान में क्या कहा था

सिद्धारमैया ने एक बयान में कहा कि पिछले एक महीने में, हसन जिले में ही दिल के दौरे से बीस से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। इन मौतों के कारणों का पता लगाने और समाधान खोजने के लिए, डॉ. रवींद्रनाथ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है।

उन्हें 10 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे मामले पर दी सफाई

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 के टीके सुरक्षित हैं और अचानक होने वाली मौतों का कारण नहीं हैं।

ICMR और NCDC के अध्ययनों से यह बात सामने आई है। हालांकि, कुछ लोगों में दिल के दौरे की घटनाएं हुई हैं,

लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे कि जीवनशैली और पहले से मौजूद बीमारियां। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इसकी जांच कर रही है।

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