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New Delhi नई दिल्ली (hdfc bank to stop sms alerts for upi payments below rs 100) अगर आप भी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के कस्‍टमर हैं तो यह खबर आपसे ही जुड़ी है.

प्राइवेट सेक्‍टर के देश के सबसे बड़े बैंक की तरफ से ग्राहकों के ल‍िए एक सुव‍िधा को बंद कर द‍िया गया है.

HDFC बैंक की तरफ से बताया गया क‍ि अब उसकी तरफ से कम अमाउंट वाले यूपीआई ट्रांजेक्शन (UPI Transaction) के लिए एसएमएस अलर्ट (SMS Alert) भेजना बंद कर देगा.

इसका मतलब हुआ क‍ि बैंक की तरफ से अब ग्राहकों को 100 रुपये से ज्‍यादा का पेमेंट करने पर या 500 रुपये से ज्यादा की राशि यूपीआई के जरिए मिलने पर ही SMS अलर्ट आएगा.

5000 से ज्यादा के लेनदेन के लिए SMS भेजना जरूरी

हालांकि, HDFC बैंक के ग्राहकों को सभी ट्रांजेक्शन के ल‍िए ईमेल से अलर्ट म‍िलता रहेगा.

नियमानुसार बैंकों को 5,000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन के लिए SMS भेजना जरूरी होता है.

लेकिन कई बैंक इससे कम के अमाउंट के लेन-देन पर भी अलर्ट भेजते हैं.

HDFC बैंक को ग्राहकों की तरफ से फीडबैक मिला है कि कम अमाउंट के लेन-देन के लिए अलर्ट मिलना उनके लिए बहुत ज्‍यादा जरूरी नहीं है.

हर द‍िन करोड़ों रुपये का खर्च

दरअसल, यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) के लिए यूज किये जाने वाले ऐप भी अलर्ट भेजते हैं. इससे गैर जरूरी मैसेज आते हैं.

यही कारण है क‍ि HDFC बैंक ने कम अमाउंट वाले UPI ट्रांजेक्शन के लिए SMS अलर्ट भेजना बंद करने का फैसला किया है.

बैंकर्स के अनुसार थोक एसएमएस भेजने की लागत 0.01 रुपये से 0.03 रुपये के बीच है.

यह देखते हुए कि UPI लेन-देन औसतन करीब 40 करोड़ रुपये प्रतिदिन होते हैं.

इससे बैंक की तरफ से एसएमएस पर हर द‍िन कुछ करोड़ रुपये खर्च क‍िया जाता है.

बैंक की तरफ से कस्‍टमर को 500 रुपये तक के लेन-देन के लिए UPI लाइट पर जाने के लिए भी प्रोत्साहित क‍िया जा रहा है.

UPI लाइट के तहत, ऐप की तरफ से थोड़ी राशि अलग रखी जाती है, जिससे दूसरी-कारक प्रमाणीकरण की जरूरत के ब‍िना एकदम पेमेंट हो सके.

हालांक‍ि अभी यह जानकारी नहीं म‍िली है क‍ि इस सुव‍िधा को कब से खत्‍म क‍िया जाएगा.

UPI के जरिए अप्रैल में 1,330 करोड़ लेनदेन हुए

अप्रैल 2024 में UPI के जरिए 1,330 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए।

पिछले साल की सामान अवधि में 886 करोड़ ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन हुए थे।

यानी ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 50.11% की बढ़ोतरी हुई है।

वहीं, इस दौरान टोटल ₹19.64 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।

ट्रांसफर की जाने वाली राशि में 38.70% की बढ़ोतरी हुई है।

एक साल पहले यानी अप्रैल 2023 में 886 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए ₹14.16 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ था।

2016 में लॉन्च हुआ था UPI

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI को 2016 में लॉन्च किया गया। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है।

इसने आसान तरीके से सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी।

इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।

UPI को NCPI ऑपरेट करता है

भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है।

IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है।

सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।

UPI के जरिए अप्रैल में 1,330 करोड़ लेनदेन हुए

अप्रैल 2024 में UPI के जरिए 1,330 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए।

पिछले साल की सामान अवधि में 886 करोड़ ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन हुए थे।

यानी ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 50.11% की बढ़ोतरी हुई है।

 वहीं, इस दौरान टोटल ₹19.64 लाख करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई।

ट्रांसफर की जाने वाली राशि में 38.70% की बढ़ोतरी हुई है।

एक साल पहले यानी अप्रैल 2023 में 886 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए ₹14.16 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ था।

2016 में लॉन्च हुआ था UPI

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI को 2016 में लॉन्च किया गया। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है।

इसने आसान तरीके से सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी।

इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।

UPI को NCPI ऑपरेट करता है

भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है।

सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।

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