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New Delhi नई दिल्ली। (gst council 56th meeting Nirmala sitharaman) GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग के पहले दिन 12% और 28% टैक्स स्लैब हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा स्ट्रक्चर को सरल करने के लिए दो स्लैब 5% और 18% ही लागू किए जाएंगे।

इस दो दिन की मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST दरों के प्रस्तावों और सुधारों पर चर्चा जारी है। 4 सितंबर को यह मीटिंग खत्म होगी। इसके बाद मीटिंग में लिए गए फैसलों का ऐलान किया जा सकता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग नई दिल्ली में चल रही है।

GST काउंसिल की बैठक के हाइलाइट्स

कपड़े और जूते सस्ते होंगे: सूत्रों के मुताबिक, 2,500 रुपए तक के जूते और कपड़ों पर जीएसटी दर घटाकर 5% की जा सकती है, जिससे ये चीजें ग्राहकों के लिए सस्ती हो जाएंगी।

एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए जल्द रजिस्ट्रेशन: रिपोर्ट के मुताबिक अब माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन में लगने वाला समय 30 दिन से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिया गया है।

निर्यातकों के लिए ऑटोमेटिक रिफंड: निर्यातकों को अब जीएसटी रिफंड ऑटोमेटिक मिलेगा। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है, जिससे उनका काम आसान होगा।

स्वास्थ्य बीमा और जीवन रक्षक दवाएं सस्ती होंगी: रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी काउंसिल ने बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती करने पर सहमति जताई है, जिससे स्वास्थ्य बीमा लेना सस्ता हो जाएगा। इसके साथ ही, जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी दरें कम होने की उम्मीद है।

ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग का प्रस्ताव: जीएसटी परिषद ने ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग सिस्टम लाने का प्रस्ताव भी रखा है, जिससे जीएसटी से जुड़े नियमों का पालन करना और भी आसान हो जाएगा।

लग्जरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स बढ़ेगा: रिपोर्ट के अनुसार, 20 लाख रुपए से अधिक कीमत वाली लग्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी दर 5% से बढ़कर 18% हो सकती है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टेस्ला और मर्सिडीज-बेंज जैसी कंपनियों के लिए यह एक चुनौती बन सकता है।

175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती संभव

रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि करीब 175 आइटम्स पर GST दरों में कटौती हो सकती है। जिनमें फूड इंग्रेडिएंट्स, बादाम, स्नैक्स, रेडी-टू-ईट आइटम, जैम, घी, मक्खन, अचार, मुरब्बा, चटनी, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, AC और रेफ्रिजरेटर आदि चीजें शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि अगर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) के रेट कटौती प्रस्‍ताव को GST काउंसिल स्वीकार कर लेती है, तो सभी आइटम्स पर एवरेज GST रेट घटकर 10% से नीचे आ जाएगी, जो अभी लगभग 11.5% है।

GST काउंसिल के कुल 33 मेंबर्स मीटिंग में शामिल हैं। इनमें केंद्र की ओर से वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री और राज्यों की ओर से वित्त या टैक्सेशन से जुड़े मंत्री शामिल हैं।

नई टैक्स दरें 22 सितंबर से लागू हो सकती हैं

केंद्र सरकार GST की नई दरें 22 सितंबर से लागू कर सकती है। सरकार का मकसद नवरात्रि और फेस्टिव सीजन में कई सेक्टरों में डिमांड और सेल्स को बढ़ावा देना है।

ये भी रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकार GST काउंसिल से दरों में बदलावों को तत्काल प्रभाव से मंजूरी देने की अपील कर रही है।

दरअसल, सरकार कई प्रमुख सेक्टरों में बिक्री की रफ्तार धीमी होने की आशंका से चिंतित है। इसके लिए वह राज्यों के रेवेन्यू लॉस से जुड़ी चिंताओं को दूर करने पर भी काम कर रही है।

GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह से मिल चुकी है मंजूरी

पिछले हफ्ते ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को बताया था कि ग्रुप ने मौजूदा 12% और 28% की दरों को हटाकर 5% और 18% के स्ट्रक्चर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

नई दरों से कंज्यूमर गुड्स की कीमतें घटने की संभावना

नई GST दरों से कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में कमी आने की संभावना है। जिससे त्योहारी सीजन में खरीदारी को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, राज्यों को राजस्व में कमी की चिंता है, जिसे केंद्र सरकार कई उपायों से हल करने की कोशिश कर रही है।

GST काउंसिल की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। जिसके बाद देश में एक सिंपल एंड कंज्यूमर फ्रेंडली टैक्स सिस्टम लागू हो सकता है।

GST से जुड़े मामलों में आखिरी फैसला GST काउंसिल ही लेती है। काउंसिल में मेंबर के तौर पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं।

ये सामान सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 12% से 5% होगा

एक्सपर्ट के मुताबिक, सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर जैसी चीजें सस्ती होंगी।

इनके अलावा बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन पर भी कम टैक्स लगेगा।

ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर जैसे प्रोडक्ट भी 12% के टैक्स स्लैब में आते हैं। दो स्लैब की मंजूरी के बाद इन पर 5% टैक्स लगेगा।

ये सामान भी सस्ते होंगे: इन पर टैक्स 28% से 18% होगा

सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, एल्युमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस।

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