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New Delhi नई दिल्ली(gst businessmen now department cannot pass order cancellation) जीएसटी कारोबारियों के लिए राहत की खबर है. अब विभाग रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का आर्डर नहीं दे सकता है.

केरल हाई कोर्ट के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि विभाग को सटीक जानकारी देनी होगी कि GST नंबर लेते वक्त कारोबारी ने किस तरह की गलतबयानी, फ्रॉड या तथ्यों को छुपाने की कोशिश की है.

GST रजिस्ट्रेशन को मनमाने ढंग से कैंसिल करने के विभाग के फैसले के खिलाफ केरला हाई कोर्ट का अहम फैसला आया है.

कोट्टायम के एक कारोबारी अनिल कुमार मधुसूदन का GST रजिस्ट्रेशन महज एक लाइन का शो कॉज नोटिस देकर विभाग ने कैंसल करने का आर्डर थमा दिया.

जिसके खिलाफ उन्होंने केरला हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने पेटिशनर को राहत देते हुए फैसला सुनाया कि विभाग ऐसा नहीं कर सकता है.

CGST और SGST एक्ट 2017 के तहत विभाग को GST रजिस्ट्रेशन कैंसल या सस्पेंड करने का अधिकार मिला हुआ है…

लेकिन हाई कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि विना पेटिशनर का पक्ष सुने और बिना सही और सटीक कारण बताए रजिस्ट्रेशन कैंसल नहीं किया जा सकता.

विभाग फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ लंबे समय से ड्राइव चला रहा है ताकि फेक GST क्लेम के खिलाफ लगाम लगाई जा सके.

कारोबारी से क्या गलती हुई है या GST रजिस्ट्रेशन हासिल करने का क्या फ्रॉड किया गया है, इसके बारे में भी बताना जरूरी है.

विभाग का अलग लक्ष्य

इसके अलावा जीएसटी विभाग के एक सीनियर सरकारी अधिकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय अगले वित्तीय वर्ष से पहले पहले से भरे हुए माल और सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न फॉर्म को लागू करने का लक्ष्य बना रहा है.

इस फैसले के बाद टैक्स नोटिस के कारण होने वाले भारी डेटा बेमेल के मुद्दे को सुलझाने में मदद मिलेगी.

विभाग वर्तमान में अलग-अलग डेटाबेस से डेटा निकालने के कारण सिस्टम को धीमा होने या कैश होने से बचाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की अतिरिक्त लागत का विश्लेषण कर रहा है.

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