Prabhat Times
नई दिल्ली। (Farmer Suicide) कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को रद्द करने और एमएसपी (MSP) को कानूनी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर किसान पिछले 100 से ज्यादा दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच रविवार सुबह आंदोलन में शामिल एक किसान ने जान दे दी। 55 वर्षीय किसान ने टिकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान की पहचान हिसार जिले के राजबीर सिंह के तौर पर हुई है।
फांसी लगाने से पहले  राजबीर ने एक सुसाइट नोट लिखा जिसमें सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की अपील की। राजबीर ने सुसाइड नोट में लिखा- सरकार से मेरी हाथ जोड़कर विनती है, मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरी की जाती है, मेरी आखिरी इच्छा है कि ये तीनों कृषि कानून सरकार वापस ले और किसानों को खुशी-खुशी घर भेज दे।
राजबीर ने सुसाइट में आगे लिखा- किसान भाइयों मेरा बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए, तीनों काले कानून सरकार को वापस कराके, घर जाएं। सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और किसानों को एमएसपी की गारंटी दे।
इससे पहले शनिवार को टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में भाग ले रहे किसान जनक सिंह (70) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। जनक सिंह लंबे समय से आंदोलन में शामिल हो रहे थे।
उनके बेटे सुखविंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता लगातार आंदोलन में भाग ले रहे थे। वहां अचानक ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। लेकिन उनके पिता ने किसानी हितों के लिए शहादत दी है जिस पर सभी को गर्व रहेगा। देर शाम को उनका मृत शरीर स्थानीय सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया।

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