Prabhat Times
नई दिल्ली। (elections-in-uttar-pradesh-punjab-among-5-states-will-not-postponed) पंजाब समेत 5 राज्यो में चुनाव समय पर ही होंगे। ऐसा अनुमान चुनाव आयोग द्वारा केंद्र को दिए गए निर्देशों से लगाया जा रहा है। ओमिक्रॉन के संभावित खतरे के बीच चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से मीटिंग करके स्पष्ट कहा है कि चुनावों राज्यों में टीकाकरण मुहिम चुनावों से पहले पूरी होनी चाहिए।
चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की सोमवार को मुलाकात हुई। इस दौरान हेल्थ मिनिस्ट्री ने यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की स्थिति के बारे में आयोग को जानकारी दी। मीटिंग के बाद आयोग ने केंद्र सरकार से कहा कि वह चुनावी राज्यों में टीकाकरण तेज करे ताकि इलेक्शन तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना टीका लग चुका हो।
आयोग के इस आदेश से माना जा रहा है कि यूपी समेत पांचों राज्यों में विधानसभा के चुनाव नहीं टाले जाएंगे। हालांकि चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच जनवरी के पहले सप्ताह में एक बार फिर से बैठक होगी। इस मीटिंग में चुनावों को टालने या कराए जाने पर अंतिम फैसला हो सकता है।
यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 2022 के शुरुआती महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी पीएम नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की थी कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए चुनावों को टाल दिया जाए। उसके बाद आयोग ने कहा था कि हम अगले सप्ताह इस बारे में फैसला लेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय से मीटिंग के बाद चुनाव आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि इलेक्शन तय समय पर हो सकते हैं।

रैलियों पर लग सकती है रोक, जनवरी में अधिसूचना

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अपने शेड्यूल पर टिका रहना चाहता है। आयोग ने चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के स्वास्थ्य सचिवों के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन केसेज का आंकड़ा भी मांगा है। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव के पहले राज्यों के हालात को समझ कर इसका फैसला किया जाएगा। चुनाव को लेकर अधिसूचना जनवरी में जारी हो सकती है।

ओमिक्रॉन के बाद भी क्यों चुनाव नहीं टालना चाहता आयोग

दरअसल चुनाव न होने की स्थिति में यूपी समेत 5 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाना होगा। यदि ऐसा होता है तो चुनाव की जो तैयारियां हो चुकी हैं, वह स्थगित हो जाएंगी। इसके बाद नए सिरे से पांचों राज्यों में चुनाव की तैयारियां करनी होंगी। चुनाव आयोग इस बार प्रचार और भीड़ प्रबंधन पर एहतियातन कड़े कदम उठा सकता है।

हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया, किस राज्य में कितना टीकाकरण

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अजय भल्ला ने चुनाव आयोग को बताया कि किस राज्य में कितना टीकाकरण हुआ है। उत्तराखंड और गोवा में करीब 100 फीसदी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने वाली है। इसके अलावा यूपी में 85 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। पंजाब और मणिपुर में यह दर 80 फीसदी है। चुनाव आयोग ने हेल्थ मिनिस्ट्री से कहा है कि जिन राज्यों में वैक्सीनेशन कम है, वहां गति में इजाफा किया जाए। आयोग के इस आदेश से संकेत मिले हैं कि ओमिक्रॉन के चलते ये चुनाव टाले नहीं जाएंगे, यह तय समय पर ही होंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यो के दिए सख्त निर्देश

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांच राज्यों के लिए जरूरी निर्देश जारी किए हैं. विधानसभा चुनाव वाले राज्यों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना प्रोटोकॉल की शर्तों का कड़ाई से पालन करवाने के लिए कहा है. कोरोना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांचों चुनावी राज्यों के साथ बैठक की है.  साथ ही चुनावी रैलियों के बाद कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन न करने को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए मंत्रालय ने इन पांचों राज्यों को इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है.स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनावी राज्यों को कोरोना की टेस्टिंग में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोविड ट्रीटमेंट पर जोर देने की भी बात कही गई है ताकि अचानक संक्रमण के मामले ना बढ़ें.

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