Prabhat Times

चंडीगढ़। (DGP Gaurav Yadav States that no innocent person shall be harassed or arrested) पंजाब पुलिस ने 18 मार्च, 2023 से शांति भंग की आशंका और कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी की आशंका के कारण गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के मामलों की जाँच करने और उन लोगों को रिहा करने के लिए अपना अभियान जारी रखा है।

कानून की निवारक धाराओं के तहत गिरफ्तार किए गए कुल 353 व्यक्तियों में से 197 लोगों को आज तक रिहा कर दिया गया है। डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस कमिश्नर एसएसपीज़ को निर्देश दिए है कि निर्दोष लोगों को न पकड़ा जाए।

सीएम भगवंत मान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंजाब पुलिस को शांति भंग या गंभीर आपराधिक अपराधों की आशंका के कारण गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करते समय सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने कहा कि राज्य के सभी एस.एस.पीज़ और सी.पीज़ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान या गिरफ्तार नहीं किया जाए।

जाँच अधिकारियों और उनके पर्यवेक्षण अधिकारियों को पहले उपलब्ध सबूतों की जाँच करनी चाहिए और मूल अपराधों में किसी भी निवारक गिरफ्तारी या गिरफ्तारी से पहले स्वयं की संतुष्टी को सुनिश्चित बनाना चाहिए।

डीजीपी ने कहा कि निवारक धाराओं के तहत गिरफ्तार किए गए 353 लोगों के अलावा, 40 लोगों को गंभीर आपराधिक अपराधों के तहत गिरफ्तार किया गया है और सात लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार पुलिस अधिकारी उपलब्ध साक्ष्यों की जाँच कर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए ठोस आपराधिक अपराधों के तहत गिरफ्तार व्यक्तियों की स्थिति की समीक्षा करेंगे।

डीजीपी गौरव यादव ने सभी पंजाबियों से राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने और फर्जी खबरों और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।

डीजीपी ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और पूरी तरह से स्थिर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अफवाह और फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब पुलिस ने आज फ्लैग मार्च, नाका-बंदी, गश्त की और राज्य के बाज़ारों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर उपस्थिति बनाए रखी। पंजाब पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल को दी सलाह

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भगोड़े कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और जांच में सहयोग करने की सलाह दी है.

अकाल तख्त के जत्थेदार ने ये भी कहा कि इतनी बड़ा पुलिस बल होने के बावजूद वे अमृतपाल को क्यों नहीं पकड़ पाए हैं.

जत्थेदार ने कहा, ‘अगर अमृतपाल (पुलिस की गिरफ्त से) बाहर है, तो मैं उसे पेश होने और (पुलिस) जांच में सहयोग करने के लिए कहूंगा.’ सिंह की टिप्पणी कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल और उसके नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ राज्य पुलिस की कार्रवाई के मद्देनजर आई है.

अमृतपाल 18 मार्च से फरार है. पंजाब सरकार ने अमृतपाल और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया है.

राजनीतिक संगठनों के किसी प्रतिनिधि को नहीं बुलाया

सिंह ने कहा कि अगर अमृतपाल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है तो पुलिस को बताना चाहिए.

जत्थेदार सिंह ने पंजाब की स्थिति पर चर्चा के लिए 60 से 70 सिख संगठनों, धार्मिक संस्थाओं और निहंग संगठनों की एक विशेष सभा बुलाई है. बैठक में राजनीतिक संगठनों के किसी प्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया है.

 

 

Click Here

Join Whatsapp Link for Latest News

खबर ये भी हैं….


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1