नई दिल्ली (ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सहकारी बैंकों को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए इन फैसलों की जानकारी दी है।
नए फैसले के तहत अब सहकारी बैंक आरबीआई की निगरानी में आ गए है। इससे ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहेगा।
सहकारी बैंकों को आरबीआई के अधीन रखने को लेकर अध्यादेश का फैसला लिया गया है। खाताधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
नियमों में बदलाव के बाद भी सहकारी बैंकों के प्रबंधन का जिम्मा रजिस्ट्रार के पास ही रहेगा। यह बदलाव बैंकों की वित्तीय मजबूती के लिए किया गया है और इन बैंकों में सीईओ की नियुक्ति के लिए जरूरी अहर्ता की स्वीकृति भी आरबीआई से लेनी होगी।
बैंकिंग नियमन एक्ट में बदलाव कर सहकारी बैंकों को मजबूती प्रदान की गई है। अभी देशभर के 1540 सहकारी बैंकों में 8.60 लोगों के करीब 5 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।
सहकारी बैंकों का नियमन अब आरबीआई के नियमानुसार किया जाएगा। इनका ऑडिट भी आरबीआई नियमों के तहत होगा।अगर कोई बैंक वित्तीय संकट में फंसता है, तो उसके बोर्ड पर निगरानी भी आरबीआई ही रखेगा।