Prabhat Times
जालंधर। (Colonizers did scandal in Jalandhar, made illegal leather complex extension) पंजाब में हरियाली खत्म कर कंकरीट का जंगल बनाने में माहिर लैंड डिवैल्परों ने जालंधर में एक और बड़ा कांड कर दिया है।
लैंड डिवैल्पर व कोलोनाईज़रों द्वारा जालंधर में एक ऐसा काम कर दिया है, जिसके बारे में सरकार ने अभी तक सोचा भी नहीं।
कोलोनाईज़रों द्वारा जालंधर के कपूरथला रोड़ पर स्थित लैदर कांपलेक्स के साथ ही पूरी तरह से अवैध ‘लैदर कांप्लैक्स एक्सटेंशन’ डिवेल्प कर दिया है।
जालंधर के ही कुछ कोलोनाईज़रों द्वारा लैदर कांपलैक्स के साथ लगती कृषि योग्य भूमि को सस्ते भाव पर खरीद कर उक्त जगह पर 200-200 मरले के इंडस्ट्रीयल प्लाट काट कर धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं।
30 साल पहले बना था लैदर कांपलेक्स
जानकारी के मुताबिक लगभग 30 साल पहले जालंधर के कपूरथला रोड़ पर पंजाब सरकार द्वारा योजना के अधीन लैदर कांपलैक्स बनाया गया। जिसमें सिर्फ इंडस्ट्रीलिस्ट को प्लाट दिए गए। ताकि वे खुले में अपने प्लांट डिवेल्प करके काम कर सकें।
सरकार द्वारा योजना के मुताबिक बड़े बड़े इंडस्ट्रियल प्लाट काटे गए और वहां इंडस्ट्रीलिस्ट को सुविधाएं मुहैया करवाई गई।
कोलोनाईजरों ने बना दिया लैदर कांपलेक्स ‘एक्सटेंशन’
सरकार की इस योजना पर अब लैंड डिवैल्पर, कोलोनाईज़रों की नज़र पड़ गई है। कुछ लोगों ने कपूरथला रोड़ की तरफ से लैदर कांप्लैक्स की तरफ ऐंटरी करते ही बाएं हाथ लैदर कांपलेक्स एक्सटेंशन तैयार किया है।
सर्वविदित है कि उक्त जगह प्रतिष्ठित घराने की है। एक फार्म के नाम से मशहूर इस जगह का कुछ हिस्सा कुछ साल पहले भी कोलोनाईजरों ने खरीदा और इंडस्ट्रीयल प्लाट काट कर बेच दिए।
अब एक बार फिर कोलोनाईजर द्वारा फार्म की कृषि योग्य भूमि से एक और हिस्सा खरीद कर वहां प्लाट काटे हैं।
बताया जा रहा है कि कुछ प्लाट कोलोनाईज़र ने बेच भी दिए हैं। इंडस्ट्रीयल साईज़ के प्लाट की चारदीवारी भी हो चुकी है।
प्लाटिंग ईलीगल, सुविधाएं लीगल
सूत्रों का कहना है कि ये प्लाटिंग बिल्कुल अवैध है। क्योकि लैदर कांपलैक्स स्कीम से ये जगह बिल्कुल बाहर है। यानिकि यह जगह लैदर कांपलेक्स की सरकारी स्कीम से बाहर है।
लेकिन अब कोलोनाईजरों की दांवपेंच के कारण उनके की गई ईलीगल प्लाटिंग को सुविधाएं लीगल मिलेंगी।
सरकार को होगा करोड़ो का रेविन्यू लॉस
सूत्रों का कहना है कि इस अवैध प्लाटिंग से कोलोनाईजरों को भी काफी फायदा होगा, लेकिन सरकार को करोडों का रेविन्यू लॉस है।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी स्कीम से बाहर होने तथा एग्रीकल्चर होने के कारण इन जगहों पर सरकारी खर्च कम है।
आंखे मूंदे है PSIEC विभाग
लैदर कांपलेक्स को डिवेल्प करने तथा सरकारी प्रोजेक्ट की देख रेख करने के लिए गठित विभाग पंजाब स्माल इंडस्ट्री एडं एक्सपोर्ट कॉर्पोरेशन (PSIEC) भी आंखे मूंदे हुए है।
सरेआम कटे लैदर कांपलेक्स एक्टैंशन पर विभाग की नज़र क्यों नहीं पड़ रही है। इसका फिलहाल जवाब नहीं है।
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