नई दिल्ली (ब्यूरो): एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन द्वारा घोषित कोरोना वायरस का वास्तविक डाटा अधिकारिक आंकड़े से बहुत ज्यादा हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन में 6,40,000 कोरोनो वायरस केस हो सकते हैं, जो कि उसके आधिकारिक आंकड़े 82,000 से काफी अधिक है। फॉरेन पॉलिसी मैगजीन और 100 रिपोर्टर्स् की रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा जबकि पूरी तरह से व्यापक नहीं है, लेकिन अविश्वसनीय रूप से समृद्ध है। इसमें जानकारी के 6,40,000 से अधिक अपडेट्स हैं, जो कम से कम 230 शहरों को कवर कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो 6,40,000 पंक्तियां उस वक्त पर खास जगहों के केस की संख्या कथित तौर पर दिखा रही हैं, जिस वक्त ये डाटा इकट्ठा किया गया।इन संगठनों को डाटा, चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी से कथित तौर पर लीक हुआ बताया जाता है। इस डेटा में अस्पतालों के स्थान, अपार्टमेंट कंपाउंड्स से जुड़ी जगहों के नाम, होटल, सुपरमार्केट, रेलवे स्टेशन, रेस्तरां और देशभर में फैले स्कूलों के कवर होने का दावा किया गया है।100 रिपोर्ट्र्स की रिपोर्ट में फरवरी के शुरू से लेकर अप्रैल के आखिर तक डेटा के हर एक अपडेट में जगहों से जुड़े अक्षांश, देशांतर और पुष्ट केसों की संख्या शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार डेटा में महामारी के एपिसेंटर रहे हुबेई प्रांत के वुहान में और आसपास की जगहों के मौतों और रिकवरी की संख्या भी शामिल हैं।वहीं स्वतंत्र विशेषज्ञों का मानना है कि इस विषय में और आगे जांच से ही सच्चाई का पता चल सकता है। हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े महामारी वैज्ञानिक डॉ एरिक फिएगी-डिंग ने कहा है कि यह पूरी तरह से संभव है कि यह लोकेशन ट्रैकिंग डेटा है और इस प्रकार एक संक्रमित केस की एक से अधिक पंक्ति हो सकती हैं या कुछ संदिग्ध केस हो सकते हैं और परिवार के सदस्य भी ट्रैक किए गए हो सकते हैं। हमें और अधिक सीखने की जरूरत है, लेकिन यह अच्छा है कि फॉरेन पॉलिसी ने इसे उजागर किया है।