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चंडीगढ़। (chandigarh police solve 1 crore loot case sho naveen phogat) पुलिस वर्दी एक बार दागदार हो गई है।

चंडीगढ़ के सेक्टर 39 के एडिशनल एस.एच.ओ. नवीन फोगाट द्वारा बठिंडा के कारोबारी से 1 करोड़ की लूट की वारदात से पुलिस विभाग हिल गया है।

एक करोड़ लूटकांड में एस.एस.पी. कंवरदीप कौर के एक्शन में आने के पश्चात वारदातें की परतें खुल गई है। कई खुलासे हुए हैं।

बिजनेसमैन की शिकायत पर पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर नवीन फोगाट, सर्वेश, मोहाली एरोसिटी में ब्राइट इमिग्रेशन संचालक जतिंदर व एक अंकित गिल समेत कुल 7 के खिलाफ ​सेक्टर-39 थाने में केस दर्ज कर लिया है।

रविवार देर रात सेक्टर-40 बीट में तैनात कॉन्स्टेबल व​​रिंदर और सिक्योरिटी ​विंग में तैनात शिव कुमार को हिरासत में ले लिया गया।

शिव कुमार एसआई नवीन फोगाट का साथी है। आरोपियो से 75 लाख रूपए बरामद कर लिए गए हैं। नवीन फोगाट की तलाश की जा रही है। नवीन फोगाट को नौकरी से डिसमिस कर दिया गया है।

जिस थाने में एडिशनल SHO, उसी थाने में हुआ केस दर्ज…

एसआई नवीन फोगाट ​सेक्टर-39 के थाने में एडिशनल एसएचओ तैनात था। अब उसी थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

रविवार को यूटी एसएसपी कंवरदीप कौर ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की और कहा कि नवीन फोगाट को डिसमिस कर​ दिया गया है।

मामले में जांच की जा रही है। वहीं, सेक्टर-39 पुलिस स्टेशन के एसएचओ नरेंद्र पटियाल वीरवार से छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी आंख पर चोट लग गई थी।

ऐसे रची साजिश

बठिंडा निवासी बिजनेसमैन संजय गोयल ने शिकायत में बताया कि सर्वेश नाम का शख्स उसका पुराना जानकार है, जो करंसी में काम करता है।

सर्वेश ने 4 अगस्त को फोन कर 1 करोड़ के 2000 के नोट बदलवाने के लिए मुझे चंडीगढ़ बुलाया।

4 अगस्त की दोपहर 1 करोड़ के 500-500 के नोट लेकर हम मोहाली पहुंचे।

सर्वेश ने एरोसिटी स्थित ब्राइट इमिग्रेशन ऑफिस के संचालक जतिंदर से मिलने को कहा।

वहां हमारी गाड़ी के पास पगड़ी पहने हुए एक शख्स आया और बोला कि सर्वेश के बताए अनुसार उनका काम हो जाएगा, बस आप गाड़ी मेरे पीछे लगा लो।

वह शख्स काले रंग की मर्सिडीज गाड़ी में जाकर बैठ गया। उस कार में पहले ही दो लोग बैठे हुए थे।

वे सीधा सेक्टर-40सी की मार्केट की पार्किंग में पहुंचे। जतिंदर मर्सिडीज से उतरकर हमारी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया।

उसी समय अंकित गिल नामक शख्स भी पिछली सीट पर आकर बैठ गया।

उन्होंने पूरी रकम चेक की और इंतजार करने के लिए कहा। बोला कि पार्टी अभी आ रही है।

आधे घंटे के इंतजार के बाद एसआई नवीन फोगाट अपने दो अन्य साथियों के साथ आया और कार की डिक्की खोलने के लिए कहा।

संजय गोयल के मुताबिक एसआई ने पीले रंग की कमीज, खाकी पेंट व ब्राउन शूज पहने हुए थे।

उसका एक साथी वर्दी में था, जिसने नेम प्लेट नहीं लगा रखी थी।

इतने में नवीन के एक साथी ने आकर गाड़ी की चाबी निकाल ली। कार के अंदर बैठा जतिंदर व अंकित गिल वहां से भागकर सीधे मर्सिडीज में बैठकर चलते बने।

नवीन फोगाट के साथ आए तीसरे शख्स ने संजय गोयल व ड्राइवर राजकुमार के मोबाइल फोन छीनकर फ्लाइट मोड पर लगा दिए।

एसआई ने ड्राइवर राजकुमार को पिछली सीट पर बैठाया और अपने साथी को बैठाकर खुद कार ड्राइव कर सेक्टर-40 बीट बॉक्स ले गया।

इनके पीछे इनका चौथा साथी अपनी डस्टर गाड़ी में आ गया।

पहले एक लाख का बंडल जेब से निकाल लिया…

पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उनकी व ड्राइवर की तलाशी ली और उनकी जेब से एक लाख रुपए का बंडल निकाल लिया।

उनकी गाड़ी में रखा 1 करोड़ कैश भी उठाकर बीट बॉक्स में ले आए।

लाइसेंस व कागजात चेक किए, एक आरोपी उनके एड्रेस आदि कागज पर लिखने लगा।

विरोध किया तो एक लंबे कद के युवक ने पिस्टल दिखाते हुए धमकाया।

तभी वहां एक ओर शख्स आया और पूरा कैश डस्टर गाड़ी में रखकर चला गया।

जबकि तीनों आरोपी उन्हें उनकी होंडा सिटी में बैठाकर सेक्टर-39 जीरी मंडी के पास ले गए।

वहां डस्टर गाड़ी वाले भी पहुंच गए।

संजय गोयल के मुताबिक यहां एसआई फोगाट और तीनों ने उन्हें धमकाया कि जान बचानी है तो यहां से भाग जाओ, नहीं तो केस में फंसा देंगे।

इसके बाद डर के मारे अपनी गाड़ी लेकर बठिंडा चले गए।

5 अगस्त को फोगाट ही मिला थाने के बाहर, बोला- पूरी रकम वापस कर दूंगा

पैसे लुटने के अगले दिन बिजनेसमैन अपने साथी हैप्पी के साथ सेक्टर-39 पुलिस स्टेशन में शिकायत देने के लिए आए।

थाने के गेट के पास ही उन्हें एसआई नवीन फोगाट मिल गया। संजय ने उसे पहचान लिया।

संजय गोयल को एसआई थाने के अंदर अपने कमरे में ले गया। माफी मांगी और कहा कि वे उनके पैसे लौटा देंगे।

फोगाट ने हैप्पी नाम के शख्स को अपनी गाड़ी में बैठाकर संजय गोयल को उनके पीछे अपनी गाड़ी में आने को कहा।

थोड़ी देर घुमाने के बाद पैदल कहीं जाकर नाेटों के कई बंडल थमा दिए। कहा कि ये 84 लाख रुपए हैं, बाकी बाद में दे देंगे।

संजय बिना शिकायत दिए घर चले गए। घर पहुंचकर पैसे गिने तो ये 75 लाख रुपए निकले।

इसके बाद वे यह रकम लेेकर शनिवार रात को ही यहां शिकायत देने पहुंच गए।

इसके बाद रविवार तड़के 4 बजे मामला दर्ज हुआ।

भर्ती के समय से ही विवादों में रहा है नवीन फोगाट…

2009 में एएसआई की पोस्ट निकली थी, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। नवीन 2012 में भर्ती हुई।

नवीन अन्य साथियों के साथ फिल्लौर में ट्रेनिंग पर गया, लेकिन वहां पर उसकी सािथयों के साथ हाथापाई हो गई।

उस समय भी उसे डिसमिस करने की तैयारी थी, लेकिन किसी तरह वह बच गया था

मॉडल रेप केस में भी नवीन के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

उस समय फोर्स से डिसमिस कर दिया गया था, लेकिन करीब 4 महीने पहले कोर्ट से बरी हुआ।

दौबारा से फोर्स जॉइन की। आते ही सेक्टर-39 में एडिशनल एसएचओ की पोस्ट मिल गई।

 

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