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न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा, अपनी शर्तों पर देगा करारा जवाब

PAK के खिलाफ भारत का एक्शन सिर्फ स्थगित हुआ है’

वीर सेना को सैल्यूट

New Delhi नई दिल्ली। (pm narendra modi speech operation sindoor) ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने तथा पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के पश्चात पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन किया।

देशवासियों नमस्कार, हम सभी ने बीते दिनो मे संदेश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनो देखा है।

मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को सशस्त्र बलों को हमारी खुफियां एजेंसियों को, हमारें वैज्ञानिकों को, हर भारत वासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं।

हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को उनके साहस को, उनके पराक्रम को आज समर्पित करता हूं, हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहिन को और देश की हर बेटी को ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों, 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बरर्बरता दिखाई, उसने देश और दुनियां को झिंझौड़ दिया था, छुट्टियां मना रहे निर्दोष, मासूम नागरिकों को घर में घुसकर उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी, ये देश के सद्भाव को तोड़ने की जिन्होनें कोशिश भी की।

मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से  ये पीढ़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक सुर में आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ, हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारतीय सेनाओं को पूरी छूट दे दी।

और आज हर आतंकी आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहिनों, बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियो ऑपरेशन सिंदूर ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिम्भ है। ऑपरेशन सिंदूर न्याय की आखंड प्रतिज्ञा है।

6 मई की देर रात 7 मई की सुबह पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है, भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर उनके ट्रेनिंग सैंटर पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है।

लेकिन जब देश एक जुट होता है नेशन फर्स्ट की भावना से बड़ा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं, जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाईलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें नहीं, बल्कि उनका हौंसला भी थर्रा गया।

बहावलपुर और मुरीके जैसे आतंकी ठिकानें एक प्रकार से ग्लोबल टैरारिज़्म की यूनिवर्सिटी रही है। दुनियां में कहीं पर भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं चाहे 9-11 हो, या भारत में दशकों से जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके सब के तार कहीं न कहीं, आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।

आतंकियों ने हमारी बहिनों का सिंदूर उझाड़ा था, इस लिए भारत ने आतंक के ये हेड क्वार्टर उजाड़ दिए हैं। भारत के हमलों में 100 से अधिक खुंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा। आतंक के बहुत सारे आका, बीते तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे हैं, जो भारत के खिलाफ साजिशे करते हैं।

भारत ने एक झटके सब खतम किया

साथियों भारत इस कार्रवाई से पाकिस्तान घौर निराशा में घिर गया, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया, आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने की बजाए पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला शुरू कर दिया।

पाकिस्तान ने स्कूल, कॉलेज, गुरूद्वारों, मंदिरों को सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सेन्य ठिकानों को निशना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया,

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन, पाक की मिसाइलें भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गई, भारत के सशस्त्र डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही नष्ट कर दिया।

पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाईलों ने सटीकता से हमला किया, पाकिस्तान वायु सेना के उन एयरवेज़ को नुकसान पहुंचाया। जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था।

भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाक को इतना तबाह कर दिया जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं था, इसलिए भारत की आक्रमक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा, पाकिस्तान दुनिया भर में तनाव कम करने के लिए गुहार लगा रहा था, और बुरी तरह पिटने के बाद किसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाक सेना ने हमारे डीजीएमओ के संपर्क किया, तब तक हम आतंकवाद के इनफ्रास्ट्र्कचर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे। आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गय।

पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंकी अड्डों को हमने खंडहर बना दिया। इसलिए जब पाकिसतान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया कि उसकी और से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुःस्हास नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया,

और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमनें पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है, आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम इस कसौटी पर मापेंगी कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों, भारत की तीनों सेनाएँ, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी और हमारी नेवा, हमारी बार्डर सिक्यिोरिटी फोर्स, बीएसएफ, अर्द्धसैनिक बल लगातार अलर्ट पर है। सर्जीकल स्ट्राईक और एयर स्ट्राईक के बाद अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है।

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है। एक नया पैमाना, न्यू नार्मल तय कर दिया है, पहला भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब दे कर रहेंगे।

हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जड़े निकलती हैं। दूसरा कोई भी न्यूकलीयर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर की आढ़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग अलग नहीं देखेंगे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान वो घिनौना सच देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने पाक सेना के बड़े बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉंसर टैरारिज़्म का सबूत है।

हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए ल गातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे। साथियों युद्ध के मैदान में हर बार पाक को धूल चटाई है। इस बार ऑपरेशन सिंदूर में नया आयाम जोड़ा है।

हमनें रेगिस्तान और पहाड़ो में क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया और साथ ही न्यूक्लियर वॉर पर भी श्रेष्ठता सिद्ध की।

इस ऑपरेशन के दौरान हमारे मेड ईन इंडिया के हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई है. दुनिया देख रही है कि 21वीं सदी में मेड ईन इंडिया हथियारों का समय आ चुका है।

साथियों हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।

निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैरारिज़्म के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस बेहतर दुनिया

साथियों पाक की फौज, पाकिस्तान के सरदार जिस तरह आतंकवाद को खाद्द पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा।

पाकिस्तान को अगर बचना है तो अपने टैरर इन्फ्रास्ट्रक्चर का सफाया करान ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है।

टैरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते।

टैरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाए को भी कहूंगा, हमारी कोशिश नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी तो टैरारिज़्म पर ही होगी, अगर पाक से बात होगी, पाक ओकूपाइड कश्मीर पीओके पर होगी।

प्रिय देशवासियों आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है, शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता शांति की और बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके इसके लिए भारत का शक्ति शाली होना जरूरी है। और आवश्यकता पड़ने पर शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है।

पिछले कुछ दिनो में भारत ने यही किया है। मैं एक बार भारत की सेना और सशस्त बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारत वासी के हौंसले हर भारतवासी का एकजुटता का संकल्प को नमन करता हूं। धन्यवाद। भारत माता की जय।

 

हमने न्यूक्लियर वॉर को रोका, मुझे गर्व है… भारत-पाक सीजफायर पर बोले ट्रंपindia

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया युद्ध विराम को अपनी कूटनीतिक जीत बताया है.

ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से ही दोनों देशों में संभावित परमाणु युद्ध रुका है, इस युद्ध को रोकने के लिए उन्हें खुद पर गर्व भी है.

इसके साथ ही ट्रंप ने यहा भी कहा कि वह अब दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे. ट्रंप ने चेतावनी भरे शब्दों में ये भी कहा कि अगर जंग नहीं रुकती तो वो दोनों देशों से व्यापार भी खत्म कर देते.

ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि शनिवार को मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक पूर्ण और तत्काल सीजफायर करवाया. मुझे लगता है कि यह स्थायी रहेगा.

दोनों देशों के पास बहुत सारे न्यूक्लियर हथियार हैं और यह एक खतरनाक टकराव की स्थिति थी, जिसे हमने रोका. ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने व्यापार को दबाव का हथियार बनाया और इस कूटनीति ने काम किया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि उन्होंने दोनों देशों से कहा कि अगर आप नहीं रुकते तो अमेरिका व्यापार नहीं करेगा.

अमेरिका की ओर से सामने आए ट्रंप के इस दावे से यह संकेत मिलता है कि वैश्विक महाशक्तियां दक्षिण एशिया के हालात को लेकर बेहद सतर्क हैं और किसी भी स्थिति में परमाणु युद्ध को रोकना चाहती हैं. हालांकि पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन हो चुका है.

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