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चंडीगढ़। (big danger is hovering over Punjab, Flood) पंजाब के कोटकपूरा में बारिश के कारण घर गिर गया। जिसमें दबने से पति-पत्नी और बच्चे की मौत हो गई है।

उधर, 13 जुलाई का दिन खतरे वाला हो सकता है। इसकी वजह ये है कि भाखड़ा डैम से 13 जुलाई को सुबह 10 बजे 35 हज़ार क्यूसिक पानी छोड़े जाने का फैसला प्रबंधन ने किया है।

खतरे की वजह ये है कि ये सारा पानी श्री आनंदपुर साहिब, रोपड़ और फिर सतलुज में आएगा, जबकि ये सब पहले ही खतरे के निशन से ऊपर बह रहे हैं।

नंगल डैम प्रबंधन ने 35000 क्यूसिक पानी छोड़ने की योजना बनाई है, जिसके चलते आने वाले दिनों में पंजाब के कई अन्य इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।

दरअसल नंगल भाखड़ा डैम से पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज दरिया का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है

डैम प्रबंधन ने अलर्ट जारी किया है कि 13 जुलाई को सुबह 10 बजे यह पानी छोड़ा जाएगा।

बता दें कि इससे पहले छोड़े गए पानी के दौरान कई जिलों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है तथा लोगों सड़कों पर जीवन व्यतीत करने को मजबूर हो गए हैं।

वहीं इसके सबके बीच अगर भाखड़ा डैम से और पानी छोड़ा जाता है तो राज्य के हालात और बदत्तर हो सकते हैं।

फरीदकोट के कोटकपुरा में आज सुबह दर्दनाक हादसा हो गया है। दरअसल, कोटकपूरा शहर में एक घर की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई है। वहीं, परिवार की एक लड़की गंभीर रूप से घायल भी है।

इस घटना में सबसे दर्दनाक यह है कि मृतकों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। जानकारी के मुताबकि यह हादसा सुबह करीब चार बजे का है जब परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे। वहीं, घर की छत गिरने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई।

मृतकों में गुरप्रीत सिंह, उसकी 7 माह की गर्भवती पत्नी कर्मजीत कौर व 4 वर्षीय बेटे गैवी के रूप में हुई। जबकि उनकी रिश्तेदार की 15 वर्षीय लड़की मनीषा घायल हुईं है जोकि उनके घर पर सो रही थी। वह फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल में उपचारधीन है

लुधियाना समेत अन्य जिलों में बुरा हाल

वहीं लुधियाना में बुड्‌ढा दरिया का बांध टूट गया है। इससे पानी आसपास के इलाकों में घुस गया है। ताजपुर रोड पर कई डेयरियां पानी में डूब गई हैं।

वहीं, संगरूर के टोहाना से मुनक के बीच घग्गर 2 जगहों पर टूट गई है। जिससे बाद दोपहर तक फतेहाबाद के गांवों में पहुंचने का डर है।

गुरदासपुर के हल्का डेरा बाबा नानक की रावी नदी में बाढ़ आने से भारत-पाक सीमा पर स्थित आखिरी गांव घनिएके बेट देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया है।

सेना के जवानों की तरफ से यहां रेस्क्यू किया। करीब 450 लोगों को गांव से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

लुधियाना में ताजपुर रोड पर बसे गांव भूखड़ी कला मे एक और गंदे नाले पर बना पुल टूट गया है।

यह पुल पिछली सरकार के समय 2 साल पहले ही बना था। अभी तक नाले पर बने तीन पुल टूट चुके हैं। अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और स्थिति का जायजा लिया जा रहा है।

वहीं आज और कल यानि गुरुवार को ब्यास व सतलुज नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है।

दरअसल, भाखड़ा बांध प्रबंधन ने अगले दो दिन पौंग डैम व भाखड़ा बांध से तकरीबन 55 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया है।

चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने आज पश्चिमी मालवा में सामान्य बारिश और गुरुवार को पूरे पंजाब में बारिश का अलर्ट भी जारी किया है।

अगर समान्य से बारिश अधिक हुई तो पश्चिमी मालवा में दिक्कत आ सकती है।

जारी चेतावनी के अनुसार पौंग डैम से आज सुबह 10 बजे 20 हजार क्यूसेक और भाखड़ा बांध से गुरुवार को सुबह 10 बजे 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है।

ब्यास में शहनेहर बैराज डैम से छोड़ा जाएगा पानी

पौंग डैम से शाहनेहर बैराज डैम में पानी छोड़ा जा सकता है।

इसकी अधिकतम जल वहन क्षमता 11500 क्यूसेक है, लेकिन यहां 8500 क्यूसेक पानी अतिरिक्त छोड़ा जाएगा।

जिसके बाद शाहनेहर बैराज डैम से ब्यास नदी में पानी छोड़ा जा सकता है। हालांकि, यहां अभी घबराने की जरूरत नहीं है।

ब्यास में अभी भी 80 हजार क्यूसेक पानी को स्टोर करने की क्षमता है। लेकिन इसके बावजूद संबंधित जगहों पर सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

शाहकोट में धुस्सी बांध दोफाड़, सांसद रिंकू ने खुद उठाई बोरियां

जालंधर के शाहकोट उपमंडल के तहत आते मंडाला में सतलुज दरिया के बहाव रोकने के लिए बनाया गया धुस्सी बांध दोफाड़ हो गया। यहां पर बचाव कार्य रातभर चला।

धुस्सी बांध को और कटाव से रोकने के लिए रातभर लोगों के साथ-साथ सांसद सुशील रिंकू और राज्यसभा सांसद बलवीर सिंह सींचेवाल खुद जुटे रहे। बचाव कार्य के दौरान सांसद रिंकू ने खुद मिट्टी से भरी बोरियां उठाई।तलुज में जलस्तर बढ़ने से बढ़ेगी चिंता

भाखड़ा डैम टरबाइनों के माध्यम से 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने जा रहा है। गुरुवार को डैम सतलुज में पानी का बहाव बढ़ाएगा।

भाखड़ा से वर्तमान में 19 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए यहां 16 हजार क्यूसेक पानी अतिरिक्त छोड़ा जाएगा।

भाखड़ा प्रबंधन की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार पानी को नंगल बांध से नीचे की और छोड़ना होगा।

 इसमें नक्कियां और लोहंड एस्केप और रोपड़ थर्मल प्लांट से निकलने वाले पानी सहित सतलुज नदी में कुल पानी लगभग 30 हजार क्यूसेक छोड़ा जाना है।

इसके अलावा भाखड़ा और नंगल बांध के बीच स्थानीय खड्डों के कारण छोटी अवधि के लिए नंगल बांध के बहाव क्षेत्र में लगभग 5,000 क्यूसेक की वृद्धि हो सकती है, जो वर्षा के कारण नंगल तालाब में गिरती हैं।

भाखड़ा मेन लाइन व नंगल हाइडल चैनल के अचानक बंद होने व टूट जाने के कारण, पंजाब की मौजूदा स्थिति को देखते हुए निचली नहर में निश्चित अवधि के लिए लोहंड के बहाव क्षेत्र में पानी को 30 हजार क्यूसेक से ऊपर बढ़ाना पड़ सकता है।

इसके अलावा श्री आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल और नंगल हाइडल चैनल के गेट खोलने में दिक्कत या अन्य किसी खराबी के कारण उभरती स्थिति पर काबू पाने के लिए छोटी अवधि के लिए सतलुज नदी में नंगल के डाउनस्ट्रीम में डिस्चार्ज बढ़ सकता है।

पंजाब के 13 जिलों में बाढ़ की मार

पंजाब में बाढ़ से तबाही का मंजर अभी जारी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अभी तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।

इनमें मोहाली, रोपड़, फतेहगढ़ साहिब में 2-2 और नवांशहर व होशियारपुर में 1-1 मौत हुई है।

3 लोग लापता हैं। जबकि करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।

बाढ़ का असर पंजाब के 13 जिलों में हो रहा है। जिसमें 479 गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।

ये गांव दरिया के किनारे और बॉर्डर जिलों में है। राहत और बचाव के लिए आर्मी और NDRF की मदद ली जा रही है।

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