Prabhat Times
जालंधर। (AAP’s master planning – ‘Political murder’ of Congress Jalandhar Lok Sabha Seat’) जालंधर लोकसभा सीट से ऐतिहासिक परिणाम सामने आए हैं।
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का किला ढहा दिया। जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, सीएम भगवंत मान की मास्टर प्लानिंग ने जालंधर में कांग्रेसी के हाथों ही कांग्रेस का ‘पॉलिटिकल मर्डर’ करवा दिया।
पार्टी विधायकों को नज़रअंदाज़ कर आप हाईकमान ने सुशील रिंकू को पार्टी में शामिल किया। अब ‘आप’ के ज़रिए सुशील रिंकू की लोकसभा में एंट्री हो गई है। सुशील रिंकू लोकसभा में आप के इकलौते सांसद होंगे।
शहर की नब्ज़ समझ चुके थे आप नेता
जालंधर में चौधरी संतोख सिंह के बाद उनकी पत्नी को टिकट अनाउंस करने के बाद से आप के इंटैलीजैंस विंग ने तुरंत सर्वे किया।
इसी दौरान समझ में आया का सुशील रिंकू चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इससे आप सुप्रीमो ने मास्टर प्लानिंग तैयार की और सुशील रिंकू को साथ लेकर कांग्रेस को ही झटका दे दिया।
ये रहा कांग्रेस की हार का कारण, ‘ओवर कोंफीडैंस’ में रहे बिक्रम
पति चौधरी संतोख सिंह की मृत्यु के बाद राजनीति में आई कर्मजीत कौर चौधरी को हार का मुंह देखना पड़ा।
राजनीतिक माहिर इस हार को कर्मजीत कौर की हार नहीं बल्कि कांग्रेस हाईकमान की हार मान रहे हैं। क्योंकि कर्मजीत कौर चौधरी राजनीति में पहले कभी ज्यादा एक्टिव नहीं देखी गई।
उनकी हार-जीत उनके बेटे विधायक बिक्रम चौधरी और कांग्रेसियों के जिम्मे ही थी।
राजनीतिक माहिरों का कहना है कि चौधरी संतोख सिंह की मृत्यु के कारण चौधरी परिवार और कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ सिंपथी वोट के सहारे ही चुनाव मैदान में थे।
माता कर्मजीत कौर के चुनाव प्रचार का जिम्मा कंधो पर उठाए चौधरी बिक्रम सिंह ‘ओवर कोंफीडैंस’ में अपना विधानसभा क्षेत्र ही हार गए।
कांग्रेसी नेताओं ने बना ली थी दूरी
कांग्रेस की हार का एक कारण ये भी रहा कि पार्टी नेताओँ ने इन चुनावों में ज्यादा दमखम नहीं दिखाया।
इसका स्पष्ट उदाहरण ये रहा कि एक और जहां आप के अरविंद केजरीवाल, सीएम भगवंत मान सहित सारी कैबिनेट लगातार जालंधर में डेरा डाले रही वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शहर में आए और खानापूर्त्ति कर वापस लौटते रहे।
मतदान से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लोकसभा हल्के से दूर हो गए थे।
बहुत याद आएंगे चौधरी संतोख सिंह
चौधरी संतोख सिंह की मृत्यु के बाद पहले ही चुनाव में चौधरी परिवार को हार का मुंह देखना पड़ा। राजनीतिक माहिरों के मुताबिक चौधरी संतोख सिंह वोटरो के साथ घुलेमिले रहते थे।
चाहे उनके पारिवारिक सदस्य की बोलवाणी के कारण अगर कोई वोटर नाराज भी हो जाता तो चौधरी संतोख सिंह उनसे मिलकर नाराजगी खत्म कर देते।
अगर ये कहें कि फिल्लौर हल्का में चौधरी परिवार का राजनीतिक जलवा सिर्फ चौधरी संतोख सिंह के कारण ही था तो इसमें कोई गल्त नहीं होगा।
चौधरी संतोख सिंह का व्यवहार ही वोटरों को उनके साथ जोड़े रखे था। लेकिन अब चौधरी संतोख सिंह वोटरों के बीच नहीं है, अचानक बदले हालातों में चौधरी संतोख सिंह बहुत याद आएंगे।
व्हाटसएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
Join Whatsapp Link for Latest News
खबर ये भी हैं…
- पंजाब सरकार का ऐलान, 16 November को रहेगी सरकारी छुट्टी, बंद रहेंगे स्कूल, दफ्तर
- जालंधर – इस मामले में बुरे फंसे ये MLA, पुलिस ने लिया एक्शन
- पंजाब पुलिस को मिली बड़ी सफलता! Golden Temple के निकट ब्लास्ट केस ट्रेस
- बड़ी खबर! गोल्डन टैंपल में लंगर हॉल के निकट ब्लास्ट, 5 दिन में तीसरा ब्लास्ट, Video
- Jalandhar Lok Sabha By-Poll : EVM में कैद प्रत्याशियों की किस्मत…13 को आएगा जनता का फैसला
- जिला में 1972 पोलिंग बूथ, संवेदनशील बूथ चिन्हित, तैनात रहेगी इतनी फोर्स
- DIG Swapan Sharma ने SSP Mukhwinder Bhullar से बैठक कर लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
- Jalandhar Lok Sabha By-Poll : थम गया चुनावी शोर – नेता हो या पत्रकार, नहीं कर पाएंगे ये काम
- सहमी-सहमी है AAP सरकार, Congress ‘ओवर कोंफीडैंट’, BJP ‘वॉचिंग मोड’ पर और SAD-BSP कर सकती है बड़ा उल्टफेर
- गोल्डन टैंपल के पास हैरिटेज स्ट्रीट में दो दिन में दूसरा ब्लास्ट
- एयरफोर्स का MIG-21 क्रैश, इस गांव में घर पर गिरा फाइटर जैट, देखें वीडियो
- मंहगाई से राहत! सरसों और रिफाइंड की कीमतों में गिरावट, इतने रूपए सस्ता हुआ तेल
- बड़ा हादसा! जम्मू-कश्मीर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश