Prabhat Times

जालंधर। (Candidate’s ‘deposit forfeited’, … these big leaders of BJP are patting themselves on the back) जालंधर लोकसभा उप चुनाव में चुनाव परिणाम सामने आ चुके हैं।

आप और आप प्रत्याशी सुशील रिंकू ने विरोधी पार्टियों को हिला कर रख दिया है। चुनावों में कांग्रेसी तो ओवर कोंफीडैंस के चलते नुकसान में रहे।

बात करें भाजपा की तो दिल्ली से लेकर जालंधर तक जोर लगने के बावजूद अपने उम्मीदवार इंद्र इकबाल अटवाल की जमानत ज़ब्त होने से नहीं बचा पाए।

केंडीडेट की जमानत जब्त हो जाने के बाद अब भाजपा प्रदेश प्रधान चुनावों में चार फीसदी वोट बैंक बढ़ने से अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं।

केंद्र से लेकर पंजाब नेतृत्व के एढी चोटी के जोर के बावजूद कैंडीडेट की जमानत भी न बचा पाना काफी नामोशी भरा है, लेकिन नामोशी फील हो तो।

अश्वनी शर्मा का ट्वीट

बता दें कि भाजपा नेतृत्व ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए खासा जोर लगाया। चुनाव ऐलान होने के बाद से भाजपा नेतृत्व द्वारा काफी मंथन के बाद ऐन वक्त पर इंद्र इकबाल अटवाल को पार्टी जॉइन करवाई और अगले ही दिन कैंडीडेट घोषित कर दिया।

ये है जमानत ज़ब्त की प्रक्रिया

जानकारों के मुताबिक उस कैंडीडेट की जमानत ज़ब्त होती है, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है.

ऐसे हालात में आज जालंधर उप चुनावों में टोटल वोट का 1/6 हिस्सा भी भाजपा उम्मीदवार को नहीं मिला है।

पार्टी कैंडिडेट वोट वोट प्रतिशत
आम आदमी पार्टी सुशील रिंकू 302097 34.05
कांग्रेस कर्मजीत कौर चौधरी 243450 27.44
अकाली दल-बसपा डॉ. सुखविंदर सुक्खी 158354 17.85
भाजपा इंदर इकबाल अटवाल 134706 15.19

केंद्रीय मंत्री, कई एमएलए और बड़े-बड़े नेता, फिर भी नहीं बचा पाए जमानत

इंद्र इकबाल अटवाल को जीताने के लिए भाजपा प्रदेश की टीम पूरी तरह से जुट गई। भाजपा प्रदेश के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा व उनकी टीम जालंधर में ही रही।

चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा में प्रथम पंक्ति के नेता केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हरदीप पुरी, पूर्व सीएम व पंजाब के प्रभारी विजय रूपाणी तथा मोहिन्द्र सिंह जैेस दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में डटे रहे।

इनके अतिरिक्त कई विधायक जालंधर में रहे और अपनी तरफ से धांसू चुनाव प्रचार किया। लेकिन नतीजा संभावनाओं के विपरीत नहीं, बल्कि संभावनाओं के अनुसार ही है।

बेशक अश्वनी शर्मा द्वारा हाईकमान को 4 प्रतिशत वोट बैंक बढ़ने का पक्ष रख कर जस्टीफाई कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक माहिरों के मुताबिक ये सिर्फ अपनी पीठ खुद थपथपाना है।

देश की सबसे बड़ी पार्टी के उम्मीदवार की जमानत ज़ब्त होना, वाकई में शर्मनाक है।

भाजपा ने किया खूब खर्चा, लेकिन नतीजा….

भाजपा हाईकमान द्वारा लोकसभा उप चुनाव के लिए खजाना खोला। प्रदेश नेतृत्व को को खुली छूट दी। केंद्रीय मंत्रियों को भेजा। सूत्रों की माने तो पिछले कई दिन से बाहर से आए मंत्रियों, नेताओँ के लिए रोजाना अलग अलग होटलों में 40 से 50 लग्ज़री कमरे बुक किए गए। यानिकि पार्टी द्वारा लाखों रूपए खर्च किया गया। लेकिन नतीजा…शून्य ही है।

भाजपाईयों की बड़ी फौज पिछले कुछ दिनों में न तो भाजपा नेताओँ को दल बदलने से रोक पाई और न ही कैंडीडेट की जमानत बचा पाई।

इतने बड़े मंत्री, पंजाब और जालंधर के बड़े बड़े नेताओं में सिर्फ और सिर्फ जालंधर नार्थ के के.डी. भंडारी और जालंधर सैंट्रल के मनोरंजन कालिया अपनी साख कायम रख पाए हैं।

स्पष्ट है कि भाजपा हाईकमान चुनाव परिणाम से खुश नहीं होगा। चूंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इन चुनावों का असर आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाते समय भाजपा के हाईकमान के ज़हन में अवश्य रहेगा।

सीधे कहें कि आने वाले समय में भाजपा को पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के लिए रणनीति बदल सकती हैं तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। स्पष्ट है कि भाजपा हाईकमान इन उप चुनाव के मंथन के दौरान बड़े बदलाव की और भी चल सकती है।

 

व्हाटसएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Join Whatsapp Link for Latest News

खबर ये भी हैं…


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1