नई दिल्ली (ब्यूरो): देश में अब प्राकृतिक गैस (Natural gas) की कीमत तय करने और मार्केटिंग की खुली छूट देने की तैयारी चल रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मानें तो जल्द ही MSME उद्योग प्राकृतिक गैस से चलेंगे।
यही नहीं घर और वाहन में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस (CNG-PNG) की दरें भी कम होंगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय प्राकृतिक गैस को न सिर्फ आसानी से मुहैया कराने बल्कि उसे आम लोगों के लिए किफायती बनाने पर काम कर रहा है।
आपको बता दें कि पाइप के जरिए घरों तक पहुंचने वाली PNG गैस कीमतें हर छह महीने में तय होती है। अब अक्टूबर में इन्हें तय किया जाएगा। इसी का असर CNG की कीमतों पर भी होता है।
सरकार के इस कदम से ऑटो फ्यूल के रूप में इस्तेमाल होने वाली CNG और घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड नेचुरल गैस यानी PNG की कीमतें घट जाएंगी। इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रधान के मुताबिक जल्द ही सरकार प्राकृतिक गैस के परिवहन की लागत को कम करने जा रही है। इसके लिए मंत्रालय की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय प्राकृतिक गैस के परिवहन लागत को भी किफायती बनाने पर काम कर रहा है।
यही नहीं प्राकृतिक गैस को GST के दायरे में लाया जाएगा। सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों मे LNG टर्मिनल स्थापित करने जा रही है, जिससे देश के हर हिस्से में प्राकृतिक गैस मिलना आसान हो सके।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के साथ सहयोग पर उन्होंने कहा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी तेल सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता, सांख्यिकी और तकनीकी सहयोग समेत कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
प्रधान के मुताबिक Covid 19 से पैदा हुई चुनौतियों के बीच भी मोदी सरकार पाइपलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। आज देश के एनर्जी इकोसिस्टम में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6.3 प्रतिशत है।
हमने इसे बढ़ाकर 2030 तक 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि कई उद्योगों में लागत का एक बड़ा हिस्सा ऊर्जा खर्च (Fuel consumption) के रूप में सामने आता है। सरकार की कोशिश इस खर्च को घटाने की है। प्राकृतिक गैस से इस लागत में कटौती होगी।
ये भी पढ़ें
जालंधर में दुकानें बंद करने के समय में फिर बदलाव, पढ़ें DC के नए आदेश