चडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को आदेश दिया है कि वह अपने रिकॉर्ड्स में काले रंग के लोगों के लिए इस्तेमाल किये गये ‘निग्रो’ या ‘नाइग्रो’ सरीखे शब्द हटा दे। आदेश में कहा गया है कि ऐसे शब्द कभी इस्तेमाल में नहीं लाये जाने चाहिए। अदालत ने केस फाईलों से ‘नीग्रो’ शब्द तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं।
आदेश में कहा गया है कि पुलिस के कागजात में उन्हें केवल उनके मूल देश का नाम लिखा जाए। अदालत ने कहा कि ‘वह पंजाब के पुलिस महानिदेशक को निर्देश जारी करती है कि वे उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो शारीरिक विशेषताओं के आधार पर चारित्रिक हत्या में लिप्त हैं।’
जस्टिस राजीव नारायण रेंस ने प्रदेश पुलिस के कागजातों में इन आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल की जमकर आलोचना की और पुलिस विभाग को तुरंत आदेश जारी किया। अदालत ने इसे भयानक सोच बताते हुए कहा कि इस हिसाब से तो भारत का हर काला व्यक्ति ड्रग पेडलर है और इस तरह की मानसिकता भारत के लिए शर्मिंदगी भरा है।
इन शब्दों का इस्तेमाल कभी ना किया जाए
माननीय जज ने कहा- ‘एनडीपीएस मामले में ट्रायल कोर्ट के समक्ष धारा 173 Cr.PC के तहत प्रस्तुत अफ्रीकी मूल के लोगों कागजों में एक अफ्रीकी नागरिक का उल्लेख करते हुए ‘निग्रो’ शब्द का इस्तेमाल देख कर मैं भयभीत हूं।
यह दुनिया भर में एक अपमानजनक शब्द है। इलके अलावा कुछ भी नहीं। इसलिए यह निर्देश दिया गया है कि किसी भी पुलिस दस्तावेज में चालान या कहीं और मामले के जांच रिपोर्ट सहित किसी भी कागजात में अनौपचारिक शब्द का उपयोग कभी नहीं किया जाए।’
जज ने कहा, ‘यह भारत के लिए शर्म की बात है और देश के लिए घृणा है। पुलिस यह मानती है कि हर काला एक ड्रग पेडलर है और उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए। यह भयानक सोच है।’
कोर्ट ने कहा कि पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड्स से इन आपत्तिजनक शब्दों को हटाया जाना चाहिए और पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी जानी चाहिए कि आगे से ऐसा ना हो और किसी को त्वचा के आधार पर नीचा न दिखाया जाए।
बता दें कि पंजाब पुलिस ने नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत एक मामले में चार्जशीट दाखिल करते समय ट्रायल कोर्ट के पेश की गई चार्जशीट में एक अफ्रीकी व्यक्ति के लिए ‘निग्रो’ शब्द का इस्तेमाल किया था।