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New Delhi  नई दिल्ली। (pm narendra modi speech address to nation) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन कर रहे हैं। उन्होंने कहा- 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही GST बचत उत्सव शुरू हो जाएगा। इसका फायदा सभी वर्गों को होगा।

अपने 20 मिनट के संबोधन में उन्होंने जनता से अपील की कि वही सामान खरीदें जिसे बनाने में देशवासियों का पसीना लगा हो।

साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से अपील की कि स्वदेशी के अभियान के साथ मैन्यूफैक्चरिंग को गति दें। निवेश के लिए माहौल बनाएं। केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तभी सपना पूरा होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि गर्व से कहो कि ये स्वदेशी है।

देश को बचत उत्सव की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में नवरात्रि के शुभारंभ की घोषणा करते हुए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं.

उन्होंने बताया कि 22 सितंबर से नवरात्रि का प्रथम दिवस है और इसी दिन से नया नेक्स्ट जेनेरेशन जीएटी लागू किया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर को विशेष बताते हुए कहा कि यह केवल एक त्योहार का समय नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और कर प्रणाली में सुधार का भी महत्वपूर्ण फेज है.

कल से नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी लागू हो जाएंगे

नवरात्रि के पहले दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है। कल 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी लागू हो जाएंगे।

एक तरह से कल से देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू होने जा रहा है। जीएसटी उत्सव में आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पंसद की चीजें खरीद पाएंगे।

जीएसटी रिफॉर्म भारत की ग्रोथ स्टोरी को बढ़ाएंगे

देश के गरीब, मध्यमवर्गीय, न्यू मिडिल क्लास, युवा किसान, महिलाएं और व्यापारी को बचत उत्सव का फायदा होगा। त्योहार के इस मौसम में सभी का मुंह मीठा होगा।

मैं देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को इस बचत उत्सव की बधाई देता हूं। ये रिफॉर्म भारत की ग्रोथ स्टोरी को बढ़ाएंगे।

कारोबार को आसान बनाएंगे, निवेश का आर्कषक बनाएंगे। हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साथी बनाएंगे।

GST के पहले एक शहर से दूसरे शहर माल भेजना कठिन था

2017 में भारत ने जब जीएसटी शुरू किया, तब एक नया इतिहास रचने की शुरुआत हुई थी। दशकों तक हमारे देश की जनता अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे।

दर्जनों टैक्स देश में थे। एक शहर से दूसरे शहर तक माल भेजना हो तो न जाने कितने चेकपोस्ट पार करने होते थे। कितनी रुकवटें होती थी। हर जगह टैक्स के नियम अलग थे।

2014 से पहले लाखों कंपनियों अलग-अलग तरह के टैक्स के जाल में फंसी थीं

2014 में जब देश ने मुझे पीएम बनाया। तब एक विदेशी अखबार में छपा था कि एक कंपनी की मुश्किलों का जिक्र था।

उसने कहा था कि अगर उसे बेंगलुरु से 570 किमी दूर हैदराबाद सामान भेजना हो तो वो इतना कठिन था कि वो बेंगलुरु से यूरोप और वहां से हैदराबाद भेजना ज्यादा आसान लगता था।

ये टैक्स के जंजाल के हालात थे। तब ऐसी लाखों कंपनियों को अलग-अलग तरह के टैक्स के जाल से परेशानी होती थी। सामान को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने के बीच जो खर्च बढ़ता था, वो गरीब उठाता था।

हमने समस्या का समाधान खोजा

देश को यहां से निकालना बहुत जरूरी था। जब आपने हमें 2014 में अवसर दिया तो हमने जीएसटी को प्राथमिकता बनाया।

हमने स्टेकहोल्डर, राज्यों से बात की। हर समस्या का समाधान खोजा। तब जाकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हो पाया।

वन नेशन वन टैक्स का सपना साकार हुआ

वन नेशन वन टैक्स का सपना साकार हुआ। रिफॉर्म लगातार चलने वाली प्रक्रिया होती है। समय और जरूरत के साथ इसमें बदलाव होते हैं। इसलिए देश की वर्तमान जरूरतों और भविष्य को देखते हुए जीएसटी के नए रिफॉर्म लागू हो रहे हैं।

अब सिर्फ 5% और 18% ही जीएसटी

अब सिर्फ 5% और 18% ही रहेगा। रोजमर्रा और खाने-पीने की चीजें सस्ती हो जाएंगी। या तो टैक्स फ्री होंगी या 5% टैक्स देना होगा। जिन सामानों पर 12% लगता था उनमें से 99% चीजें अब 5% टैक्स के दायरे में आ गई हैं।

11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबों को हराया

पिछले 11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबों को हराया है। गरीबी से बाहर आए हैं, ये लोग न्यू मिडिल क्लास के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहा है।

इस साल सरकार ने 12 लाख रुपए की इनकम टैक्स फ्री करके उपहार दिया। तो सोचिए मिडिल क्लॉस के जीवन में कितना बदलाव आया है।

जीएसटी कम होने से गरीबों को बल बोनांजा मिल रहा

अब गरीबों की भी बारी है। इन्हें डबल बोनांजा मिल रहा है। जीएसटी कम होने से उनके लिए घर बनाना, टीवी, फ्रिज, बाइक और स्कूटर में कम खर्च करना होगा। घूमना फिरना भी सस्ता होगा।

दुकानदार भाई बहन जीएसटी बदलाव से उत्साह में है

मुझे इस बात की खुशी है कि दुकानदार भाई-बहन जीएसटी बदलाव से उत्साह में है। वो इसे कस्टमर तक पहुंचाने में जुटे हैं। हम नागरिक देवो भव: के जिस मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

नए जीएसटी में इसकी झलक दिखती है। अगर हम इनकम टैक्स और जीएसटी छूट को जोड़ दें तो देश के लोगों को 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा की बचत होगी।

विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा

विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा। भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा दायित्व एमएसएमई पर भी है। जो देश के लोगों की जरूरत का है, जो देश में बना सकते हैं वो हमें देश में ही बनाना चाहिए।

जीएसटी कम होने से MSME को बहुत फायदा होगा

जीएसटी की दरें कम होने से नियम और प्रक्रिया आसान बनने से MSME को बहुत फायदा होगा। उनकी बिक्री बढ़ेगी और टैक्स भी कम देना होगा। उनको भी डबल फायदा होगा।

MSME से मुझे बहुत अपेक्षाएं हैं, जब भारत तरक्की के शिखर पर था उनका आधार MSME ही थे।

भारत में बने सामानों की क्वालिटी बेहतर होती थी। हमें उस गौरव को वापस पाना है। हमारे यहां बना सामाना दुनिया में बेस्ट हो।

देश की समृद्धि को स्वदेशी से शक्ति मिलेगी

हम जो मैन्यूफैक्चर करें वो दुनिया में अच्छा हो, प्रोडक्ट की क्वालिटी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाए। देश की आजादी को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली वैसे देश की समृद्धि को स्वदेशी से शक्ति मिलेगी।

रोजमर्रा की चीजें विदेशी हैं, हमें इनसे मुक्ति पानी है। हम मेड इन इंडिया सामान खरीदें। हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है।

हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। गर्व से कहो ये स्वदेशी है। गर्व से कहो मैं स्वदेशी खरीदता हूं और बेचता हूं। ये हर भारतीय का मिजाज बनना चाहिए।

राज्य सरकारें स्वदेशी के अभियान को गति दें

मेरा सभी राज्य सरकारों से आग्रह है कि स्वदेशी के अभियान के साथ मैन्यूफैक्चरिंग को गति दें। निवेश के लिए माहौल बनाएं। केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तभी सपना पूरा होगा।

 

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