Prabhat Times 

New Delhi नई दिल्ली। (youtube will also banned for teenagers in australia from december) ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने YouTube को भी उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट में शामिल कर लिया है, जिन्हें 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बैन किया गया है.

पहले इस प्लेटफॉर्म को इस पॉलिसी से बाहर रखा गया था, लेकिन अब इसे शामिल कर लिया गया है. सरकार का यह फैसला बच्चों को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट से बचाने के लिए लिया गया है.

दिसंबर से लागू होगी नई पॉलिसी

यह नई पॉलिसी दिसंबर 2025 से लागू होगी. इसके तहत अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे A$49.5 मिलियन (लगभग ₹265 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

इस कानून को नवंबर में ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पास किया था ताकि बच्चों पर सोशल मीडिया के बुरे प्रभावों को कम किया जा सके.

क्यों लिया गया YouTube पर बैन का फैसला?

ऑस्ट्रेलिया की eSafety कमिश्नर ने सरकार से YouTube की छूट पर दोबारा विचार करने को कहा था.

उनके रिसर्च में पाया गया कि 10 से 15 साल के बच्चों में से 37% ने YouTube पर हानिकारक कंटेंट देखा था, जो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तुलना में सबसे ज्यादा था.

हालांकि YouTube का कहना है कि वह एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, ना कि पारंपरिक सोशल मीडिया.

लेकिन TikTok, Snapchat, Facebook और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स ने पहले से ही YouTube को मिली छूट को अनुचित बताया था.

प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, “सोशल मीडिया हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है, और हम चाहते हैं कि माता-पिता को भरोसा हो कि हम उनके साथ हैं.”

उन्होंने कहा कि यह समय है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी याद दिलाई जाए.

YouTube ने क्या जवाब दिया?

YouTube ने इस नीति बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे सरकार के साथ मिलकर काम करने और ऑनलाइन नुकसान को कम करने के उद्देश्य को साझा करते हैं.

उनका कहना है: “YouTube एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, सोशल मीडिया नहीं. यहां फ्री और क्वालिटी कंटेंट उपलब्ध है, जिसे लोग टीवी पर भी देख रहे हैं.”

इसके बावजूद, सरकार का रुख साफ है – YouTube भी अब इस कानून के दायरे में आएगा.

किन प्लेटफॉर्म्स को मिलेगी छूट?

सरकार ने कुछ कम-जोखिम वाले प्लेटफॉर्म्स को इस नियम से बाहर रखा है, जैसे:

  • ऑनलाइन गेमिंग साइट्स

  • मैसेजिंग ऐप्स

  • हेल्थ और एजुकेशन सर्विसेज

इन प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग रेगुलेशन पहले से मौजूद हैं या इन्हें बच्चों के लिए कम खतरनाक माना गया है.

यूट्यूब अब AI से किशोर यूजर्स का लगाएगी पता

यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग काफी तेजी से बढ़ा रही है। कंपनी अब 18 साल से कम उम्र के यूजर्स को पहचानने के लिए AI का उपयोग करेगी।

13 अगस्त से अमेरिका में यह तकनीक शुरू होगी, जिसमें यूजर की गतिविधि और अकाउंट डिटेल के आधार पर उसकी उम्र तय की जाएगी।

अगर कोई यूजर 18 साल से कम पाया गया तो उस पर अपने आप प्रतिबंध लग जाएगा और विशेष सुरक्षा फीचर्स लागू होंगे।

कम उम्र के यूजर्स को मिलेंगी खास सुरक्षा सुविधाएं

18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए यूट्यूब पहले से ही कई विशेष सुरक्षा नियम लागू करता है।

इन नियमों में आयु-प्रतिबंधित वीडियो, गैर-व्यक्तिगत विज्ञापन, गेट ब्रेक नोटिफिकेशन और संवेदनशील विषयों पर वीडियो रिकमेंडेशन की रोक शामिल है।

इसके साथ ही जब ये यूजर्स कोई वीडियो अपलोड करेंगे या कमेंट करेंगे, तो यूट्यूब उन्हें गोपनीयता से जुड़ा रिमाइंडर भी देगी, जिससे वे सावधानी से इंटरनेट का उपयोग करें।

गलत पहचान पर मिलेगी उम्र साबित करने की सुविधा 

अगर यूट्यूब किसी यूजर को गलत तरीके से नाबालिग समझ लेता है तो वह उसे नोटिस भेजेगा और उम्र साबित करने के 3 विकल्प देगा।

यूजर्स सरकारी ID अपलोड करके, सेल्फी भेजकर या क्रेडिट कार्ड से अपने उम्र की पुष्टि कर सकते हैं। गूगल ने इसकी शुरुआत 2024 में घोषित की थी।

इस कदम से किशोरों को सुरक्षित रखने की कोशिश है, लेकिन कुछ क्रिएटर्स को विज्ञापन राजस्व की दिक्कत आ सकती है, क्योंकि नाबालिगों को कुछ विज्ञापन नहीं दिखते।

————————————————-

————————————–

ये भी पढ़ें 

—————————————————————-

Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Join Whatsapp Link for Latest News

प्रभात टाइम्स व्हाटसएप्प चैनल जॉइन करें।

Join Prabhat Times Whatsapp Channel


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1