Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (air india plane crash probe report aaib) 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है.
शनिवार को सार्वजनिक की गई 15 पन्नों की रिपोर्ट में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं.
रिपोर्ट पढ़ने के बाद जो सबसे बड़ा सवाल जहन में आ रहा है, वो यह है कि विमान के दोनों इंजन का फ्यूल बंद हो गया था? आखिर यह कैसे हुआ?
एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है।
एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के तीन सेकंड बाद ‘रन’ से ‘कटऑफ’ की स्थिति में चले गए, जिसके कारण विमान उड़ान भरने के 34 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती जांच रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। प्लेन को को-पायलट क्लाइव कुंदर उड़ा रहे थे, जबकि मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल उड़ान की निगरानी कर रहे थे।
प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आने के बीच, एक बड़े विमान सुरक्षा विशेषज्ञ ने इस हादसे को लेकर गंभीर आशंका जताई है।
एक्सपर्ट का कहना है कि यह हादसा किसी इंसान की जानबूझकर की गई हरकत का नतीजा हो सकता है।
पहली बार, किसी पायलट द्वारा जानबूझकर विमान को क्रैश कराने की आशंका जताई जा रही है।
जानबूझकर विमान को क्रैश कराने की आशंका
भारत के जाने-माने विमान विशेषज्ञों में से एक कैप्टन मोहन रंगनाथन ने फ्यूल बंद करने वाले स्विच और कॉकपिट (विमान का वह हिस्सा जहां से पायलट विमान चलाते हैं) की ऑडियो रिकॉर्डिंग की तरफ इशारा किया है।
उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि यह हादसा कॉकपिट में जानबूझकर की गई हरकतों की वजह से हुआ है।
यहां तक कि यह आत्महत्या का मामला भी हो सकता है। कैप्टन रंगनाथन से पूछा कि क्या किसी पायलट ने जानबूझकर ईंधन बंद कर दिया था,
यह जानते हुए भी कि ऐसा करने से प्लेन क्रैश हो सकता है? इस पर कैप्टन रंगनाथन ने कहा, ‘बिल्कुल।’
फ्यूल अपने आप बंद नहीं हो सकता
कैप्टन रंगनाथन ने बताया कि ‘इसे मैन्युअल रूप से ही किया जा सकता है।’ क्या ड्रीमलाइनर के इंजन में फ्यूल अपने आप बंद हो सकता है या बिजली जाने से बंद हो सकता है?
इस पर उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि ईंधन के चयनकर्ता स्लाइडिंग प्रकार के नहीं हैं।
वे एक स्लॉट में रहने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, और आपको उन्हें ऊपर या नीचे ले जाने के लिए बाहर निकालना होगा।
इसलिए, अनजाने में उन्हें ‘ऑफ’ स्थिति में ले जाने की संभावना नहीं है। यह निश्चित रूप से जानबूझकर मैन्युअल रूप से उसे ‘ऑफ’ करने का मामला है।’
उनकी यह बात ऐसे समय में आई है, जब भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जून को हुए हादसे की शुरुआती रिपोर्ट जारी की है।
इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई थी।
यह हादसा 2011 में इस विमान के शुरू होने के बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा था।
12 जून को हुआ था विमान हादसा
असल में, एयर इंडिया की फ्लाइट 171, जो कि एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर 13:39 पर लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई। विमान में 228 यात्री और 14 क्रू सदस्य सवार थे।
उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजनों में जोर कम हो गया, विमान तेजी से नीचे गिरने लगा और रनवे के आखिर से सिर्फ 1.2 नॉटिकल मील की दूरी पर एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया।
इस हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति बचा, जो सीट 11A पर बैठा था। वह भारत मूल का ब्रिटिश नागरिक था।
हवाई अड्डे के CCTV फुटेज, विमान के एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) से मिले डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग (CVR) से फ्लाइट 171 के आखिरी पलों की एक डरावनी तस्वीर सामने आती है।
मैनुअल स्विच-ऑफ
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, इंजन 1 और 2 को नियंत्रित करने वाले दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के भीतर ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पर कर दिए गए थे।
ये स्विच कॉकपिट के सेंट्रल पेडस्टल पर लगे होते हैं और इनके ऊपर एक गार्ड रेल लगी होती है।
इन्हें जानबूझकर ही बदला जा सकता है। ये टच-सेंसिटिव नहीं होते हैं और न ही इन्हें झटकों, बिजली जाने या सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी से बदला जा सकता है।
2018 में FAA इंजन को लेकर जारी की थी चेतावनी
हालांकि यह रिपोर्ट इस तरफ भी इशारा कर रही है कि शायद यह टेक्निकल फॉल्ट था.
क्योंकि रिपोर्ट में 2018 में अमेरिकी एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की तरफ से जारी की गई चेतावनी का भी जिक्र है.
रिपोर्ट में बोइंग 787 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉक होने की खराबी की चेतावनी दी गई थी.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि एअर इंडिया ने इस सलाह को जरूरी नहीं माना और संबंधित जांच नहीं करवाई.
2021 में जारी हुआ था सर्विस बुलेटिन
विमान VT-ANB में 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल बदला गया था, लेकिन फ्यूल कंट्रोल स्विच से जुड़ी कोई खराबी दर्ज नहीं की गई.
FAA और इंजन निर्माता GE ने 2021 में एक और सर्विस बुलेटिन जारी किया था, जिसमें ‘MN4 माइक्रोप्रोसेसर’ को बदलने की सिफारिश की गई थी.
इसमें कहा गया था कि ‘पुराने माइक्रोप्रोसेसर में थर्मल साइकल के कारण सोल्डर बॉल फेल हो सकता है,’ जो फ्लाइट सेफ्टी के लिए खतरा बन सकता है.
अंतिम रिपोर्ट 2026 में आएगी
AAIB ने कहा कि इस समय कोई साफ वजह तय नहीं हो पाई है और B787 या उसके इंजनों को लेकर कोई फौरन सुरक्षा निर्देश भी नहीं दिए गए हैं.
अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की संभावना है.
फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है कि इतनी खतरनाक तकनीकी खराबी आखिर कैसे हुई, जिसने 270 जिंदगियों को चंद सेकंड में खत्म कर दिया.
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