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Jalandhar लखनापाल (जालंधर)। (act as watchdogs to check the menace of drugs) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज राज्य के लोगों से आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए नशे की समस्या से निपटने के लिए पहरेदार के तौर पर काम करने का आह्वान किया।

लोगों को नशे के विरुद्ध जंग में शपथ दिलाने के लिए रखे गए समारोह में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि लोग कह रहे हैं कि नशे के विरुद्ध की शुरुआत के बाद गांवों में हालात बदल गए हैं।

उन्होंने कहा कि नशे के विरुद्ध यह निर्णायक जंग योजनाबद्ध और बहुत ही सुचारू ढंग से चलाई गई है, जिसके चलते इसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे की सप्लाई लाइन को तोड़कर तस्करों को लगातार गिरफ्तार करने के साथ-साथ नशा पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नशा पीड़ितों के शवों और चिताओं की कीमत पर नशा तस्करों को फलने-फूलने की अनुमति नहीं देगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नशे की सप्लाई लाइन तोड़ दी है और इस घिनौने अपराध में शामिल बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह इतिहास में पहली बार है कि राज्य सरकार द्वारा गैर-कानूनी तौर पर बनाई गई नशा तस्करों की संपत्ति को नष्ट/जब्त किया जा रहा है ताकि मिसाल कायम की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की पवित्र धरती को संतों, पीर-पैगंबरों और शहीदों का आशीर्वाद प्राप्त है और पंजाब राज्य अपने जनरलों, लेफ्टिनेंटों, अधिकारियों, खिलाड़ियों आदि के लिए जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं ने नशा तस्करों से मिलीभगत करके इस गैर-कानूनी कारोबार को प्रोत्साहित किया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब पिछली सरकारों में से किसी सरकार ने इस कारोबार को संरक्षण दिया तो उनके बाद वालों ने इस गैरकानूनी कारोबार को बड़े पैमाने पर फलना-फूलना सुनिश्चित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं ने सिर्फ अपने निजी हितों के लिए राज्य के लोगों को मूर्ख बनाया और कभी भी राज्य के हित के लिए कोई फैसला नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि उनका हर काम अपने करीबियों की भलाई पर केंद्रित था, जिस कारण हमारा राज्य पीछे रह गया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब जब राज्य सरकार ने नशे के विरुद्ध सफाई अभियान शुरू किया है तो इसके नतीजे साफ दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नशे की फसल नष्ट कर दी गई है, लेकिन इसके कुछ बीज अभी भी मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही साफ कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पक्ष इन मुद्दों पर चुप है क्योंकि उनके हाथ राज्य के मासूम लोगों के खून से रंगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं को राज्य या इसके लोगों की कोई चिंता नहीं है और वे सिर्फ अपने हितों की परवाह करते हैं।

भगवंत सिंह मान ने राज्य के लोगों को चेतावनी दी कि भगवान न करे यदि विरोधी दल सत्ता में वापस आती है तो नशे की समस्या राज्य में फिर से अपने पैर पसारती दिखेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने पहले ही उन नेताओं को सिरे से नकार दिया है जिन्होंने नशे के कारोबार को संरक्षण दिया था और उन्हें सत्ता से दूर भी कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यदि ये नेता दोबारा उनसे वोट मांगने आते हैं तो पंजाबी उनसे यह सवाल पूछें कि उन्होंने नशा तस्करों का पक्ष क्यों लिया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं को आम आदमी से कोई हमदर्दी नहीं बल्कि इनका एकमात्र उद्देश्य राज्य के खजाने को लूटना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के पानी और युवाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही योग्यता के आधार पर युवाओं को 54000 से अधिक नौकरियां दे चुकी है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य युवाओं को राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई गांवों में नशा तस्कर पहले ही कारोबार छोड़कर राज्य से भाग चुके हैं।

उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसे घिनौने अपराध में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस पवित्र धरती पर नशा तस्करों के लिए कोई जगह नहीं है और वे जल्द ही इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे क्योंकि पंजाब नशा मुक्त होने के लिए बड़ी छलांगें लगा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के विकास को बड़ा बढ़ावा देने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है और इस मकसद के लिए धन की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि गांवों में तालाबों की मरम्मत, सड़कों का निर्माण और अन्य बड़े काम पहले ही पूरे जोर-शोर से चल रहे हैं।

भगवंत मान ने गांव वासियों से नशे की समस्या को रोकने और राज्य में विकास की गति को तेज करने के लिए चौकस रहने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उन्हें यह देखकर बहुत खुशी हुई है कि इस मुहिम में बड़ी संख्या में महिलाएं हिस्सा ले रही हैं, जो कि एक अच्छा संकेत है, क्योंकि वे नशे की समस्या की असली पीड़ित हैं और उन्होंने इस दलदल में अपने परिवार बर्बाद होते देखे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं किसी भी खतरे के खात्मे के लिए इतनी बड़ी संख्या में समर्थन देती हैं तो खतरा ज्यादा देर नहीं टिक सकता।

भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से राज्य पूरी तरह नशा मुक्त हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र, बीबीएमबी और हरियाणा सरकार के राज्य के पानी की चोरी के कठोर कदम का सख्त विरोध किया है।

भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों के नेता अपने निजी हितों के खातिर इसे संरक्षण देते रहे हैं लेकिन राज्य के पानी के रखवाले होने के नाते वे ऐसा कभी नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि पंजाब ने अपनी नहर प्रणाली को अपग्रेड किया है और धान के सीजन के मद्देनजर राज्य के किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस समय पानी की सख्त जरूरत है।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पंजाब के पास दूसरे राज्यों को देने के लिए एक भी बूंद पानी फालतू नहीं है और किसी को भी पंजाब के अधिकारों को हड़पने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

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