Prabhat Times
जालंधर। (Vimal Jain, Chairman, Atam Valves Ltd.) हर वर्ग की तरह पंजाब की वॉल्वस एडं कॉक्स इंडस्ट्री को भी पंजाब के सी.एम. चरणजीत सिंह चन्नी से बेहद उम्मीदे हैं। सरकार को करोड़ों का वार्षिक रैविन्यू देने वाली इस इंडस्ट्री को आस है कि सी.एम. चरणजीत चन्नी की दूरदर्शी नज़र इस इंडस्ट्री पर पड़ेगी और इंडस्ट्री एक बार फिर तेजी से ग्रो करेगी।
पंजाब में वॉल्वस एडं कॉक्स के लगभग 350 यूनिट है और लगभग 2000 करोड़ रूपए का वार्षिक कारोबार होता है। जिसमें से लगभग 150 करोड़ रूपए की एक्सपोर्ट भी है। सरकार को करोड़ों का रैविन्यू देने वाली ये इंडस्ट्री मौजूदा समय में वॉल्वस एडं कॉक्स इंडस्ट्री क्राईसिस में है। ऐसे हालात क्यों बने और इस क्राईसिस से इंडस्ट्री कैसे उभर सकती है, इस बारे में प्रसिद्ध उद्योगपति तथा आत्म वाल्वज़ लिमिटेड के चेयरमैन श्री विमल जैन से बात की गई।
विमल प्रकाश जैन ने बताया कि मौजूदा समय में 350 के करीब यूनिट पंजाब में चल रहे हैं 2000 करोड़ की टर्नओवर है। इस कारोबार से सरकार को 200 करोड़ का रैविन्यू मिलता है। राज्य में लगभग 60 प्रतिशत रोजगार के अवसर स्माल स्केल इंडस्ट्री द्वारा ही उपलब्ध करवाए जाते हैं। लेकिन इसके एवज़ में सरकारी रियायतों के नाम पर कुछ खास हैल्प नहीं है।

कोविड के दौरान हुआ ज्यादा नुकसान

विमल जैन ने बताया कि पहले कारोबार सही रहा, लेकिन कोविड के कारण कारोबार को बहुत नुकसान हुआ। काफी समय तक तो कारोबार बंद रहे, फिर जब चले तो वो भी रूक-रूक कर। मार्किट ओपन हो जाने के बावजूद अभी भी कारोबार 70-80 प्रतिशत ही चल रहा है। श्री जैन ने बताया कि कोविड से हुए नुकसान से उभरने के लिए सरकार से रियायतें नहीं मिली। केंद्र सरकार द्वारा इंडस्ट्री को ऋण सुविधा तो उपलब्ध करवाई गई, लेकिन उस पर भी नार्मल इंट्रस्ट रेट से भी ज्यादा इंट्रस्ट वसूला जा रहा है।

ये हैं परेशानियां

करोड़ों का रैविन्यू तथा टैक्स देने वाली इंडस्ट्रीलिस्ट को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उदाहरणत सरकार ने इंडस्ट्रीयल एरिया घोषित कर रखा है। लेकिन जब उक्त एरिया में इंडस्ट्री के लिए इंडस्ट्रीलिस्ट द्वारा प्लाट खरीदा जाता है तो उक्त प्लाट के लिए इंडस्ट्री विभाग से फिर से अप्रूवल लेनी पड़ती है। जबकि सरकार के प्लान के मुताबिक जो एरिया इंडस्ट्रीयल है, रजिस्ट्री इंडस्ट्रीयल हो रही है तो उसमें इंडस्ट्री लगवाने के लिए दोबारा अप्रूवल की जरूरत क्यों? इस प्रक्रिया में इंडस्ट्रीलिस्ट से फिर से लाखों रूपए वसूले जाते हैं।
विमल प्रकाश जैन ने बताया कि इसी प्रकार बिजली की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होने बताया कि बिजली की रैगूलर सप्लाई के लिए इंडस्ट्रीलिस्ट द्वारा सोलर प्लांट लगवाए गए हैं। ताकि बिजली की सप्लाई में कटौती होने पर उनका कारोबार का नुकसान न हो। लेकिन कोविड के दौरान जब सरकार द्वारा कट शिफ्टों में काम किया गया तो इंडस्ट्रीलिस्ट को उनके अपने सोलर प्लांट होने के बावजूद निर्धारित बिजली का प्रयोग करने की अनुमती दी गई। हालांकि ये मुद्दा कई बार उठाया गया, लेकिन इंडस्ट्री की सुनवाई नहीं हुई।

सरकार से हैं ये उम्मीदें

विमल जैन ने कहा कि चन्नी सरकार से काफी उम्मीदे हैं। क्योकि चरणजीत चन्नी ने बेहद कम समय में आम जनता को रोजाना पेश आने वाली समस्याओं से निज़ात दिलवाने के लिए काम किया है। विमल जैन ने कहा कि इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहिए। अगर अप्रूवड इंडस्ट्री एरिया में कोई प्लाट खरीदता है तो उसकी प्रक्रिया जटिल नहीं बल्कि सरल होनी चाहिए। अगर इंडस्ट्रीलिस्ट द्वारा अपने सोलर प्लांट लगाए हैं तो उन्हें पूरी क्षमता के मुताबिक काम करने की छूट होनी चाहिए।
विमल जैन ने कहा कि इस समय इंडस्ट्री में मशीनरी कम्प्यूटराइज़ड आ चुकी है। रोजगार भी बहुत है, लेकिन यहां पर ट्रेनड वर्कर न होने के कारण परेशानी होती है। विमल जैन ने कहा कि चन्नी सरकार को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ट्रेनिंग सैंटर स्थापित करके यूथ को प्रशिक्षित किया जाए। ताकि पंजाब के नौजवान को पंजाब में ही अच्छी नौकरियां मिल सकें और वे बाहर न जाएं। इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बेहतर इनफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाया जाए। सड़कें, पानी, बिजली की सुविधा दी जाए, ताकि अगर विदेश से कोई ग्राहक आता है तो उन्हें फील गुड हो।

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