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Chandigarh चंडीगढ़। (Vigilance Bureau registers corruption case against SE, XEN, DCFA of MC Ludhiana for misappropriating Rs 3 crore funds) पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम, लुधियाना में तैनात रहे रिटायर्ड सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजिंदर सिंह , एक्सईएन रणबीर सिंह और डी.सी.एफ.ए. पंकज गर्ग के खिलाफ 3,16,58,421 रुपये के गबन के आरोप में भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है।

इस केस में एक्सईएन रणबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसको कल अदालत में पेश किया जाएगा।

विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त मुल्जिमों के खिलाफ यह केस जसपिंदर सिंह, इलेक्ट्रिक पंप ड्राइवर, जोन सी, नगर निगम लुधियाना द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत नंबर 359/2023 की पड़ताल उपरांत दर्ज किया गया है।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि संचालन और रखरखाव शाखा में तैनात एक्शईन रणबीर सिंह ने विभिन्न ट्यूबवेलों संबंधी कार्यों के लिए पंजाब राज्य पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) को अदायगी करने के लिए एम.सी. खातों में से मई 2021 से सितंबर 2022 तक 3,16,58,421 रुपये अग्रिम राशि के रूप में प्राप्त किए, लेकिन अधिकारियों द्वारा आपसी मिलीभगत के साथ इन फंडों का गबन किया गया।

उन्हें बताया कि जांच के दौरान विजिलेंस ब्यूरो को लुधियाना शहर में ट्यूबवेल संबंधी कार्यों के लिए पी.एस.पी.सी.एल. द्वारा अग्रिम राशि के भुगतान के बारे में किसी प्रस्ताव या मांग संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिला, लेकिन एक्शईन रणबीर सिंह द्वारा यह फंड प्राप्त किए गए थे।

उन्होंने कहा कि सरकारी प्रक्रिया के अनुसार संबंधित जूनियर इंजीनियर (जे.ई.) या उप मंडल अधिकारी (एस.डी.ओ.) द्वारा आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए था

इसे योग प्रणाली के माध्यम से संबंधित एक्शईन के सामने पेश किया जाना था, लेकिन उपरोक्त मुल्जिमों द्वारा अपने निजी हितों के लिए सरकारी फंडों के गबन करने के उद्देश्य से ऐसी कोई प्रक्रिया अमल में नहीं लाई गई।

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि एक्शईन रणबीर सिंह ने खुद ही फाइल पर नोटिंग लगाकर पी.एस.पी.सी.एल. द्वारा फर्जी मांग पेश की थी

इसे सीनियर नगर निगम अधिकारियों की मंजूरी के लिए सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर (एस.ई.) राजिंदर सिंह को भेज दिया था।

एस.ई. राजिंदर सिंह ने अग्रिम राशि के भुगतान प्राप्त करने संबंधी फाइल के साथ भेजे दस्तावेजों की सत्यापित नहीं किए और फाइल को नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और कमिश्नर की मंजूरी के लिए आगे भेज दिया।

आरोपी एक्सईन और एस.ई. ने अपने विभाग के नियमों से अवगत होने के बावजूद अपने सरकारी पदों का दुरुपयोग करते हुए केस को मंजूरी के लिए आगे उच्च अधिकारियों को भेज दिया।

इसके अलावा, नगर निगम के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और कमिश्नर ने फाइल में मौजूद दस्तावेजों या तथ्यों की जांच/पड़ताल किए बिना इन केसों को मंजूरी दे दी थी।

प्रवक्ता ने बताया कि नगर निगम के कमिश्नर की मंजूरी उपरांत अर्ज़ी अग्रिम राशि के भुगतान की फाइल साल 2021-2022 में लेखा शाखा के इंचार्ज तत्कालीन डी.सी.एफ.ए. पंकज गर्ग को केस-आधारित प्रणाली के माध्यम से जारी करने के लिए भेजी गई थी क्योंकि अग्रिम राशि 42 ट्यूबवेल के कार्यों से संबंधित थी।

डी.सी.एफ.ए. का फर्ज अग्रिम संबंधी अदायगी को अंतिम रूप देने से पहले फाइल के साथ लगाए सभी दस्तावेजों की पड़ताल करना था, लेकिन उसने इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं उठाई और अपने अधिकार का दुरुपयोग किया।

जांच में यह भी पाया गया कि डी.सी.एफ.ए. ने एक्शईन और एस.ई. के साथ मिलीभगत कर अस्थाई अग्रिम संबंधी बिल पास किए थे और राशि नगर निगम के दो बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी।

उन्हें बताया कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि आरोपी एक्शईन रणबीर सिंह ने नगर निगम के खातों में से अपने-आप को चेकों के माध्यम से विभिन्न तिथियों को 3,16,58,421 रुपये की राशि हासिल की और आपसी मिलीभगत के साथ फंडों का गबन किया।

उल्लेखनीय है कि जब इस संबंध में तीन साल बाद विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत की गई, तो एक्शईन रणबीर सिंह ने उक्त राशि एम.सी. लुधियाना के खाते में जमा कराने शुरू कर दी

उसने 30.01.2024 से 21.03.2024 तक दो महीनों में 3,12,23,729 रुपये की राशि जमा करवा दी।

उन्हें आगे कहा गया कि नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार उपरोक्त मुल्जिम एक्शईन रणबीर सिंह द्वारा अग्रिम राशि के 4,34,692 रुपये अभी भी बकाया हैं।

इस संबंध में उपरोक्त सभी आरोपियों सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राजिंदर सिंह, एक्शईन रणबीर सिंह, और डी.सी.एफ.ए. पंकज गर्ग के खिलाफ थाना विजिलेंस ब्यूरो लुधियाना रेंज में भ्रष्टाचार रोकू कानून की धारा 13(1) और धारा 13(2) और आईपीसी की धारा 409, 465, 466 467, 468, 471, 120-बी तहत एफ.आई.आर. नंबर 32 दिनांक 14.10.2024 को केस दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इस केस की जांच के दौरान नगर निगम लुधियाना में उस समय तैनात अन्य संदिग्ध अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

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